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Cross Reference Bible
1. हे यहोवा मेरा भरोसा तुझ पर है; मुझे कभी लज्जित होना न पड़े; तू अपने धर्मी होने के कारण मुझै छुड़ा ले!
1. TO THE CHOIRMASTER. A PSALM OF DAVID. In you, O LORD, do I take refuge; let me never be put to shame; in your righteousness deliver me!
2. अपना कान मेरी ओर लगाकर तुरन्त मुझे छुड़ा ले!
2. Incline your ear to me; rescue me speedily! Be a rock of refuge for me, a strong fortress to save me!
3. क्योंकि तू ने मेरे लिये चट्टान और मेरा गढ़ है; इसलिये अपने नाम के निमित्त मेरी अगुवाई कर, और मुझे आगे ले चल।
3. For you are my rock and my fortress; and for your name's sake you lead me and guide me;
4. जो जाल उन्हों ने मेरे लिये बिछाया है उस से तू मुझ को छुड़ा ले, क्योंकि तू ही मेरा दृढ़ गढ़ है।
4. you take me out of the net they have hidden for me, for you are my refuge.
5. मैं अपनी आत्मा को तेरे ही हाथ में सौंप देता हूं; हे यहोवा, हे सत्यवादी ईश्वर, तू ने मुझे मोल लेकर मुक्त किया है।।लूका 23:46, प्रेरितों के काम 7:59, 1 पतरस 4:19
5. Into your hand I commit my spirit; you have redeemed me, O LORD, faithful God.
6. जो व्यर्थ वस्तुओं पर मन लगाते हैं, उन से मैं घृणा करता हूं; परन्तु मेरा भरोसा यहोवा ही पर है।
6. I hate those who pay regard to worthless idols, but I trust in the LORD.
7. मैं तेरी करूणा से मगन और आनन्दित हूं, क्योंकि तू ने मेरे दु:ख पर दृष्टि की है, मेरे कष्ट के समय तू ने मेरी सुधि ली है,
7. I will rejoice and be glad in your steadfast love, because you have seen my affliction; you have known the distress of my soul,
8. और तू ने मुझे शत्रु के हाथ में पड़ने नहीं दिया; तू ने मेरे पांवों को चौड़े स्थान में खड़ा किया है।।
8. and you have not delivered me into the hand of the enemy; you have set my feet in a broad place.
9. हे यहोवा, मुझ पर अनुग्रह कर क्योंकि मैं संकट में हूं; मेरी आंखे वरन मेरा प्राण और शरीर सब शोक के मारे घुले जाते हैं।
9. Be gracious to me, O LORD, for I am in distress; my eye is wasted from grief; my soul and my body also.
10. मेरा जीवन शोक के मारे और मेरी अवस्था कराहते कराहते घट चली है; मेरा बल मेरे अधर्म के कारण जाता रह, ओर मेरी हडि्डयां घुल गई।।
10. For my life is spent with sorrow, and my years with sighing; my strength fails because of my iniquity, and my bones waste away.
11. अपने सब विरोधियों के कारण मेरे पड़ोसियों में मेरी नामधराई हुई है, अपने जानपहिचानवालों के लिये डर का कारण हूं; जो मुझ को सड़क पर देखते है वह मुझ से दूर भाग जाते हैं।
11. Because of all my adversaries I have become a reproach, especially to my neighbors, and an object of dread to my acquaintances; those who see me in the street flee from me.
12. मैं मृतक की नाई लोगों के मन से बिसर गया; मैं टूटे बासन के समान हो गया हूं।
12. I have been forgotten like one who is dead; I have become like a broken vessel.
13. मैं ने बहुतों के मुंह से अपना अपवाद सुना, चारों ओर भय ही भय है! जब उन्हों ने मेरे विरूद्ध आपस में सम्मति की तब मेरे प्राण लेने की युक्ति की।।
13. For I hear the whispering of many- terror on every side!- as they scheme together against me, as they plot to take my life.
14. परन्तु हे यहोवा मैं ने तो तुझी पर भरोसा रखा है, मैं ने कहा, तू मेरा परमेश्वर है।
14. But I trust in you, O LORD; I say, 'You are my God.'
15. मेरे दिन तेरे हाथ में है; तू मुझे मेरे शत्रुओं और मेरे सतानेवालों के हाथ से छुडा।
15. My times are in your hand; rescue me from the hand of my enemies and from my persecutors!
16. अपने दास पर अपने मुंह का प्रकाश चमका; अपनी करूणा से मेरा उद्धार कर।।
16. Make your face shine on your servant; save me in your steadfast love!
17. हे यहोवा, मुझे लज्जित न होने दे क्योंकि मैं ने तुझ को पुकारा है; दुष्ट लज्जित हों और वे पाताल में चुपचाप पड़े रहें।
17. O LORD, let me not be put to shame, for I call upon you; let the wicked be put to shame; let them go silently to Sheol.
18. जो अंहकार और अपमान से धर्मी की निन्दा करते हैं, उनके झूठ बोलनेवाले मुंह बन्द किए जाएं।।
18. Let the lying lips be mute, which speak insolently against the righteous in pride and contempt.
19. आहा, तेरी भलाई क्या ही बड़ी है जो तू ने अपने डरवैयों के लिये रख छोड़ी है, और अपने शरणागतों के लिये मनुष्यों के साम्हने प्रगट भी की है!
19. Oh, how abundant is your goodness, which you have stored up for those who fear you and worked for those who take refuge in you, in the sight of the children of mankind!
20. तू उन्हें दर्शन देने के गुप्तस्थान में मनुष्यों की बुरी गोष्ठी से गुप्त रखेगा; तू उनको अपने मण्डप में झगड़े- रगड़े से छिपा रखेगा।।
20. In the cover of your presence you hide them from the plots of men; you store them in your shelter from the strife of tongues.
21. यहोवा धन्य है, क्योंकि उस ने मुझे गढ़वाले नगर में रखकर मुझ पर अद्धभुत करूणा की है।
21. Blessed be the LORD, for he has wondrously shown his steadfast love to me when I was in a besieged city.
22. मैं ने तो घबराकर कहा था कि मैं यहोवा की दृष्टि से दूर हो गया। तौभी जब मैं ने तेरी दोहाई दी, तब तू ने मेरी गिड़गिड़ाहट को सुन लिया।।
22. I had said in my alarm, 'I am cut off from your sight.' But you heard the voice of my pleas for mercy when I cried to you for help.
23. हे यहोवा के सब भक्तों उस से प्रेम रखो! यहोवा सच्चे लोगों की तो रक्षा करता है, परन्तु जो अहंकार करता है, उसको वह भली भांति बदला देता है।
23. Love the LORD, all you his saints! The LORD preserves the faithful but abundantly repays the one who acts in pride.
24. हे यहोवा पर आशा रखनेवालों हियाव बान्धों और तुम्हारे हृदय दृढ़ रहें!1 कुरिन्थियों 16:13
24. Be strong, and let your heart take courage, all you who wait for the LORD!