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1. याह की स्तुति करो! यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है!
1. Praise ye Yah, Give ye thanks to Yahweh For he is good, For age-abiding, is his lovingkindness.
2. यहोवा के पराक्रम के कामों का वर्णन कौन कर सकता है, न उसका पूरा गुणानुवाद कौन सुना सकता?
2. Who can relate the mighty deeds of Yahweh? can cause to be heard, all his praise?
3. क्या ही धन्य हैं वे जो न्याय पर चलते, और हर समय धर्म के काम करते हैं!
3. How happy! They who observe justice, He that executeth righteousness at all times.
4. हे यहोवा, अपनी प्रजा पर की प्रसन्नता के अनुसार मुझे स्मरण कर, मेरे उद्धार के लिये मेरी सुधि ले,
4. Remember me, O Yahweh, when thou acceptest thy people, Visit me, with thy salvation;
5. कि मैं तेरे चुने हुओं का कल्याण देखूं, और तेरी प्रजा के आनन्द में आनन्दित हो जाऊं; और तेरे निज भाग के संग बड़ाई करने पाऊं।।
5. That I may look upon the welfare of thy chosen ones, That I may rejoice in the joy of thy nation, That I may glory, with thine inheritance.
6. हम ने तो अपने पुरखाओं की नाईं पाप किया है; हम ने कुटिलता की, हम ने दुष्टता की है!
6. We have sinned with our fathers, We have acted perversely, we have committed lawlessness;
7. मि में हमारे पुरखाओं ने तेरे आश्चर्यकर्मों पर मन नहीं लगाया, न तेरी अपार करूणा को स्मरण रखा; उन्हों ने समुद्र के तीर पर, अर्थात् लाल समुद्र के तीर पर बलवा किया।
7. Our fathers, in Egypt, understood not thy wonders, They remembered not the abounding of thy lovingkindnesses, but rebelled by the sea at the Red Sea.
8. तौभी उस ने अपने नाम के निमित्त उनका उद्धार किया, जिस से वह अपने पराक्रम को प्रगट करे।
8. Yet he saved them, for the sake of his Name, to make known his mighty power;
9. तब उस ने लाल समुद्र को घुड़का और वह सूख गया; और वह उन्हें गहिरे जल के बीच से मानों जंगल में से निकाल ले गया।
9. So he rebuked the Red Sea, and it dried up, And he led them through deeps, as pasture-land;
10. उस ने उन्हें बैरी के हाथ से उबारा, और शत्रु के हाथ से छुड़ा लिया।लूका 1:71
10. And saved them from the hand of one full of hatred, And redeemed them out of the hand of the foe;
11. और उनके द्रोही जल में डूब गए; उन में से एक भी न बचा।
11. So the waters covered their adversaries, Not one from among them, was left.
12. तब उनहों ने उसके वचनों का विश्वास किया; और उसकी स्तुति गाने लगे।।
12. They believed therefore in his words, They sang his praise.
13. परन्तु वे झट उसके कामों को भूल गए; और उसकी युक्ति के लिये न ठहरे।
13. Soon forgat they his works, They waited not for his counsel;
14. उन्हों ने जंगल में अति लालसा की और निर्जल स्थान में ईश्वर की परीक्षा की।1 कुरिन्थियों 10:6
14. But lusted a lust in the desert, and tested GOD in the waste.
15. तब उस ने उन्हें मुंह मांगा वर तो दिया, परन्तु उनके प्राण को सुखा दिया।।
15. So he gave them their request, but sent leanness into their soul.
16. उन्हों ने छावनी में मूसा के, और यहोवा के पवित्रा जन हारून के विषय में डाह की,
16. And they became jealous of Moses in the camp, of Aaron the holy one of Yahweh;
17. भूमि फट कर दातान को निगल गई, और अबीराम के झुण्ड को ग्रस लिया।
17. The earth opened and engulfed Dathan, and covered up the assembly of Abiram;
18. और उनके झुण्ड में आग भड़क उठी; और दुष्ट लोग लौ से भस्म हो गए।।
18. Then was kindled a fire in their assembly, a flame, consumed the lawless ones.
19. उन्हों ने होरब में बछड़ा बनाया, और ढली हुई मूत्ति को दण्डवत् की।
19. They made a calf in Horeb, and bowed down to a molten image;
20. यों उन्हों ने अपनी महिमा अर्थात् ईश्वर को घास खानेवाले बैल की प्रतिमा से बदल डाला।रोमियों 1:23
20. Thus changed they my glory, for the similitude of an ox that eateth grass.
21. वे अपने उद्धारकर्ता ईश्वर को भूल गए, जिस ने मि में बड़े बड़े काम किए थे।
21. They forgat GOD their saviour, who had done great things in Egypt:
22. उस ने तो हाम के देश में आश्चर्यकर्म और लाल समुद्र के तीर पर भयंकर काम किए थे।
22. Wonders in the land of Ham, Terrible things by the Red Sea.
23. इसलिये उस ने कहा, कि मैं इन्हें सत्यानाश कर डालता यदि मेरा चुना हुआ मूसा जोखिम के स्थान में उनके लिये खड़ा न होता ताकि मेरी जलजलाहट को ठण्डा करे कहीं ऐसा न हो कि मैं उन्हें नाश कर डालूं।।
23. Then would he have bidden to destroy them, had not Moses his chosen, stood in the breach before him, To turn back his wrath from destroying.
24. उन्हों ने मनभावने देश को निकम्मा जाना, और उसके वचन की प्रतीति न की।
24. And they refused the delightful land, They believed not his word;
25. वे अपने तम्बुओं में कुड़कुड़ाए, और यहोवा का कहा न माना।1 कुरिन्थियों 10:10
25. But murmured in their tents, They hearkened note unto the voice of Yahweh.
26. तब उस ने उनके विषय में शपथ खाई कि मैं इनको जंगल में नाश करूंगा,
26. So he lifted up his hand unto them, that he would let them fall in the desert;
27. और इनके वंश को अन्यजातियों के सम्मुख गिरा दूंगा, और देश देश में तितर बितर करूंगा।।
27. And would disperse their seed among the nations, and would scatter them throughout the lands.
28. वे पोरवाले बाल देवता को पूजने लगे और मुर्दों को चढ़ाए हुए पशुओं का मांस खाने लगे।
28. Yet they let themselves be bound to Baal-peor, and did eat sacrifices to the dead:
29. यों उन्हों ने अपने कामों से उसको क्रोध दिलाया और मरी उन में फूट पड़ी।
29. So they provoked to anger by their doings, and a plague, made a breach among them.
30. तब पीहास ने उठकर न्यायदण्ड दिया, जिस से मरी थम गई।
30. Then stood up Phinehas, and interposed, and stayed was the plague:
31. और यह उसके लेखे पीढ़ी से पीढ़ी तक सर्वदा के लिये धर्म गिना गया।।
31. So it was counted unto him, for righteousness, To generation after generation, unto times age abiding.
32. उन्हों ने मरीबा के सोते के पास भी यहोवा का क्रोध भड़काया, और उनके कारण मूसा की हानि हुई;
32. And they provoked by the waters of Meribah, And it fared ill with Moses, for their sakes;
33. क्योंकि उन्हों ने उसकी आत्मा से बलवा किया, तब मूसा बिन सोचे बोल उठा।
33. For they embittered his spirit, and he spake rashly with his lips.
34. जिन लोगों के विषय यहोवा ने उन्हें आज्ञा दी थी, उनको उन्हों ने सत्यानाश न किया,
34. They destroyed not the peoples of which Yahweh had spoken to them;
35. वरन उन्हीं जातियों से हिलमिल गए और उनके व्यवहारों को सीख लिया;
35. But had fellowship with the nations, and learned their doings;
36. और उनकी मूत्तियों की पूजा करने लगे, और वे उनके लिये फन्दा बन गई।
36. Yea they served their idols, and they became to them a snare:
37. वरन उन्हों ने अपने बेटे- बेटियों को पिशाचों के लिये बलिदान किया;1 कुरिन्थियों 10:20
37. Yea they sacrificed their sons and their daughters to mischievous demons;
38. और अपने निर्दोष बेटे- बेटियों का लोहू बहाया जिन्हें उन्हों ने कनान की मूत्तियों पर बलि किया, इसलिये देश खून से अपवित्रा हो गया।
38. And poured out innocent blood, the blood of their sons and their daughters, whom they sacrificed to the idols of Canaan, And the land was polluted with blood-shed;
39. और वे आप अपने कामों के द्वारा अशुद्ध हो गए, और अपने कार्यों के द्वारा व्यभिचारी भी बन गए।।
39. And they became unclean by their works, and became unchaste in their doings.
40. तब यहोवा का क्रोध अपनी प्रजा पर भड़का, और उसको अपने निज भाग से घृणा आई;
40. Then was kindled the anger of Yahweh with his people, and he abhorred his own inheritance.
41. तब उस ने उनको अन्यजातियों के वश में कर दिया, और उनके बैरियो ने उन पर प्रभुता की।
41. So he delivered them up into the hand of the nations, And they who hated them, had dominion over them;
42. उनके शत्रुओं ने उन पर अन्धेर किया, और वे उनके हाथ तले दब गए।
42. And their enemies oppressed them, And they were bowed down under their hand.
43. बारम्बार उस ने उन्हें छुड़ाया, परन्तु वे उसके विरूद्ध युक्ति करते गए, और अपने अधर्म के कारण दबते गए।
43. Many times, did he rescue them, But, they, rebelled by their counsel, and sank low in their iniquity.
44. तौभी जब जब उनका चिल्लाना उसके कान में पड़ा, तब तब उस ने उनके संकट पर दृष्टि की!
44. Then looked he on the distress which befell them, when he heard their loud cry;
45. और उनके हित अपनी वाचा को स्मरण करके अपनी अपार करूणा के अनुसार तरस खाया,लूका 1:72
45. Then remembered he, for them, his covenant, and was moved to pity, according to the abounding of his lovingkindnesses;
46. औश्र जो उन्हें बन्धुए करके ले गए थे उन सब से उन पर दया कराई।।लूका 1:72
46. And granted them compassion before all their captors.
47. हे हमारे परमेश्वर यहोवा, हमारा उद्धार कर, और हमें अन्यजातियों में से इकट्ठा कर ले, कि हम तेरे पवित्रा नाम का धन्यवाद करें, और तेरी स्तुति करते हुए तेरे विषय में बड़ाई करें।।
47. Save us, O Yahweh our God, and gather us from among the nations, That we may give thanks unto thy holy Name, That we may triumph aloud in thy praise.
48. इस्राएल का परमेश्वर यहोवा अनादिकाल से अनन्तकाल तक धन्य है! और सारी प्रजा कहे आमीन! याह की स्तुति करो।।लूका 1:68
48. Blessed be Yahweh, God of Israel, from one age even unto another, And all the people, shall say, Amen! Praise ye Yah!