Psalms - भजन संहिता 103 | View All

1. हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्रा नाम को धन्य कहे!

1. হে আমার প্রাণ, সদাপ্রভুর ধন্যবাদ কর; হে আমার অন্তরস্থ সকল, তাঁহার পবিত্র নামের ধন্যবাদ কর।

2. हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह, और उसके किसी उपकार को न भूलना।

2. হে আমার প্রাণ, সদাপ্রভুর ধন্যবাদ কর, তাঁহার সকল উপকার ভুলিয়া যাইও না।

3. वही तो तेरे सब अधर्म को क्षमा करता, और तेरे सब रोगों को चंगा करता है,
मरकुस 2:7

3. তিনি তোমার সমস্ত অধর্ম্ম ক্ষমা করেন, তোমার সমস্ত রোগের প্রতীকার করেন।

4. वही तो तेरे प्राण को नाश होने से बचा लेता है, और तेरे सिर पर करूणा और दया का मुकुट बान्धता है,

4. তিনি কূপ হইতে তোমার জীবন মুক্ত করেন, দয়া ও করুণার মুকুটে তোমাকে ভূষিত করেন।

5. वही तो तेरी लालसा को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है, जिस से तेरी जवानी उकाब की नाईं नई हो जाती है।।

5. তিনি উত্তম দ্রব্যে তোমার মুখ তৃপ্ত করেন, ঈগল পক্ষীর ন্যায় তোমার নূতন যৌবন হয়।

6. यहोवा सब पिसे हुओं के लिये धर्म और न्याय के काम करता है।

6. সদাপ্রভু ধর্ম্মকার্য্য সাধন করেন, উপদ্রুত লোকদের পক্ষে বিচার নিষ্পত্তি করেন।

7. उस ने मूसा को अपनी गति, और इस्राएलियों पर अपने काम प्रगट किए।
रोमियों 3:2

7. তিনি জানাইলেন মোশিকে আপনার পথ, ইস্রায়েল-সন্তানগণকে আপনার কার্য্য সকল।

8. यहोवा दयालु और अनुग्रहकरी, विलम्ब से कोप करनेवाला और अति करूणामय है।
याकूब 5:11

8. সদাপ্রভু স্নেহশীল ও কৃপাময়, ক্রোধে ধীর ও দয়াতে মহান।

9. वह सर्वदा वादविवाद करता न रहेगा, न उसका क्रोध सदा के लिये भड़का रहेगा।

9. তিনি নিত্য অনুযোগ করিবেন না, চিরকাল ক্রোধ রাখিবেন না।

10. उस ने हमारे पापों के अनुसार हम से व्यवहार नहीं किया, और न हमारे अधर्म के कामों के अनुसार हम को बदला दिया है।

10. তিনি আমাদের প্রতি আমাদের পাপানুযায়ী ব্যবহার করেন নাই, আমাদের অধর্ম্মানুযায়ী প্রতিফল আমাদিগকে দেন নাই।

11. जैसे आकाश पृथ्वी के ऊपर ऊंचा है, वैसे ही उसकी करूणा उसके डरवैयों के ऊपर प्रबल है।

11. কারণ পৃথিবীর উপরে আকাশমণ্ডল যত উচ্চ, যাহারা তাঁহাকে ভয় করে, তাহাদের উপরে তাঁহার দয়া তত মহৎ।

12. उदयाचल अस्ताचल से जितनी दूर है, उस ने हमारे अपराधों को हम से उतनी ही दूर कर दिया है।

12. পশ্চিম দিক্‌ হইতে পূর্ব্ব দিক্‌ যেমন দূরবর্ত্তী, তিনি আমাদের হইতে আমাদের অপরাধ সকল তেমনি দূরবর্ত্তী করিয়াছেন।

13. जैसे पिता अपने बालकों पर दया करता है, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करता है।

13. পিতা সন্তানদের প্রতি যেমন করুণা করেন, যাহারা সদাপ্রভুকে ভয় করে, তাহাদের প্রতি তিনি তেমনি করুণা করেন।

14. क्योंकि वह हमारी सृष्टि जानता है; और उसको स्मरण रहता है कि मनुष्य मिट्टी ही है।।

14. কারণ তিনিই আমাদের গঠন জানেন; আমরা যে ধূলিমাত্র, ইহা তাঁহার স্মরণে আছে।

15. मनुष्य की आयु घास के समान होती है, वह मैदान के फूल की नाईं फूलता है,

15. মর্ত্ত্য, তাহার আয়ু তৃণ সদৃশ; যেমন মাঠের পুষ্প, তেমনি সে প্রফুল্ল হয়।

16. जो पवन लगते ही ठहर नहीं सकता, और न वह अपने स्थान में फिर मिलता है।

16. তাহার উপর দিয়া বায়ু বহিলেই সে আর নাই, তাহার স্থানও তাহাকে আর চিনিবে না।

17. परन्तु यहोवा की करूणा उसके डरवैयों पर युग युग, और उसका धर्म उनके नाती- पोतों पर भी प्रगट होता रहता है,
लूका 1:50

17. কিন্তু সদাপ্রভুর দয়া, যাহারা তাঁহাকে ভয় করে, তাহাদের উপরে অনাদিকাল অবধি অনন্তকাল পর্য্যন্ত থাকে; এবং তাঁহার ধর্ম্মশীলতা পুত্র পৌত্রদের প্রতি বর্ত্তে,

18. अर्थात् उन पर जो उसकी वाचा का पालन करते और उसके उपदेशों को स्मरण करके उन पर चलते हैं।।

18. তাহাদের প্রতি, যাহারা তাঁহার নিয়ম রক্ষা করে, ও তাঁহার বিধি সকল পালনার্থে স্মরণ করে।

19. यहोवा ने तो अपना सिंहासन स्वर्ग में स्थिर किया है, और उसका राज्य पूरी सृष्टि पर है।

19. সদাপ্রভু স্বর্গে আপন সিংহাসন স্থাপন করিয়াছেন, তাঁহার রাজ্য কর্ত্তৃত্ব করে সমস্তের উপরে।

20. हे यहोवा के दूतों, तुम जो बड़े वीर हो, और उसके वचन के मानने से उसको पूरा करते हो उसको धन्य कहो!

20. সদাপ্রভুর দূতগণ! তাঁহার ধন্যবাদ কর, তোমরা বলে বীর, তাঁহার বাক্য-সাধক, তাঁহার বাক্যের রব শ্রবণে নিবিষ্ট।

21. हे यहोवा की सारी सेनाओं, हे उसके टहलुओं, तुम जो उसकी इच्छा पूरी करते हो, उसको धन्य कहो!

21. সদাপ্রভুর সমস্ত বাহিনি! তাঁহার ধন্যবাদ কর, তোমরা তাঁহার পরিচারক, তাঁহার অভিমত-সাধক।

22. हे यहोवा की सारी सृष्टि, उसके राज्य के सब स्थानों में उसको धन्य कहो। हे मेरे मन, तू यहोवा को धन्य कह!

22. সদাপ্রভুর সমস্ত নির্ম্মিত বস্তু! তাঁহার ধন্যবাদ কর, তাঁহার অধিকারের সমস্ত স্থানে। হে আমার প্রাণ, সদাপ্রভুর ধন্যবাদ কর।



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