Job - अय्यूब 2 | View All

1. फिर एक और दिन यहोवा परमेश्वर के पुत्रा उसके साम्हने उपस्थित हुए, और उनके बीच शैतान भी उसके साम्हने उपस्थित हुआ।

1. আর এক দিন ঈশ্বরের পুত্রগণ সদাপ্রভুর সম্মুখে দণ্ডায়মান হইবার জন্য উপস্থিত হইতে তাঁহাদের মধ্যে শয়তানও সদাপ্রভুর সম্মুখে দণ্ডায়মান হইবার জন্য উপস্থিত হইল।

2. यहोवा ने शैतान से पूछा, तू कहां से आता है? शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, कि इधर- उधर घूमते- फिरते और डोलते- डालते आया हूँ।

2. সদাপ্রভু শয়তানকে কহিলেন, তুমি কোথা হইতে আসিলে? শয়তান সদাপ্রভুকে উত্তর করিয়া কহিল, আমি পৃথিবী পর্য্যটন ও তথায় ইতস্ততঃ ভ্রমণ করিয়া আসিলাম।

3. यहोवा ने शैतान से पूछा, क्या तू ने मेरे दास अरयूब पर ध्यान दिया है कि पृथ्वी पर उसके तुल्य खरा और सीधा और मेरा भय माननेवाला और बुराई से दूर रहनेवाला मनुष्य और कोई नहीं है? और यद्यापि तू ने मुझे उसको बिना कारण सत्यानाश करते को उभारा, तौभी वह अब तक अपनी खराई पर बना है।
1 थिस्सलुनीकियों 5:22

3. সদাপ্রভু শয়তানকে কহিলেন, আমার দাস ইয়োবের প্রতি কি তোমার মন পড়িয়াছে? কেননা তাহার তুল্য সিদ্ধ ও সরল, ঈশ্বরভয়শীল ও কুক্রিয়াত্যাগী লোক পৃথিবীতে কেহই নাই; সে এখনও আপন সিদ্ধতা রক্ষা করিতেছে, যদিও তুমি অকারণে তাহাকে বিনষ্ট করিতে আমাকে প্রবৃত্ত করিয়াছ।

4. शैतान ने यहोवा को उत्तर दिया, खाल के बदले खाल, परन्तु प्राण के बदले मनुष्य अपना सब कुछ दे देता है।

4. শয়তান সদাপ্রভুকে উত্তর করিয়া কহিল, চর্ম্মের জন্য চর্ম্ম, আর প্রাণের জন্য লোক সর্ব্বস্ব দিবে।

5. सो केवल अपना हाथ बढ़ाकर उसकी हडि्डयां और मांस छू, तब वह तेरे मुंह पर तेरी निन्दा करेगा।

5. কিন্তু তুমি এক বার হস্ত বিস্তার করিয়া তাহার অস্থি ও মাংস স্পর্শ কর, সে অবশ্য তোমার সম্মুখেই তোমাকে জলাঞ্জলি দিবে।

6. यहोवा ने शैतान से कहा, सुन, वह तेरे हाथ में है, केवल उसका प्राण छोड़ देना।
2 कुरिन्थियों 12:7

6. সদাপ্রভু শয়তানকে কহিলেন, দেখ, সে তোমার হস্তগত; কেবল তাহার প্রাণ থাকিতে দিও।

7. तब शैतान यहोवा के साम्हने से निकला, और अरयूब को पांव के तलवे से ले सिर की चोटी तक बड़े बड़े फोड़ों से पीड़ित किया।

7. পরে শয়তান সদাপ্রভুর সম্মুখ হইতে বাহির হইয়া ইয়োবের আপাদমস্তকে আঘাত করিয়া দুষ্ট স্ফোটক জন্মাইল।

8. तब अरयूब खुजलाने के लिये एक ठीकरा लेकर राख पर बैठ गया।

8. তাহাতে তিনি একখানা খাপরা লইয়া সর্ব্বাঙ্গ ঘর্ষণ করিতে লাগিলেন, আর ভস্মের মধ্যে বসিয়া রহিলেন।

9. तब उसकी स्त्री उस से कहने लगी, क्या तू अब भी अपनी खराई पर बना है? परमेश्वर की निन्दा कर, और चाहे मर जाए तो मर जा।

9. তখন তাঁহার স্ত্রী তাঁহাকে কহিলেন, তুমি কি এখনও তোমার সিদ্ধতা রক্ষা করিতেছ? ঈশ্বরকে জলাঞ্জলি দিয়া প্রাণত্যাগ কর।

10. उस ने उस से कहा, तू एक मूढ़ स्त्री की सी बातें करती है, क्या हम जो परमेश्वर के हाथ से सुख लेते हैं, दु:ख न लें? इन सब बातों में भी अरयूब ने अपने मुंह से कोई पाप नहीं किया।

10. কিন্তু তিনি তাঁহাকে কহিলেন, তুমি একটা মূঢ়া স্ত্রীর মত কথা কহিতেছ। বল কি? আমরা ঈশ্বর হইতে কি মঙ্গলই গ্রহণ করিব, অমঙ্গল গ্রহণ করিব না? এই সকলেতে ইয়োব আপন ওষ্ঠাধরে পাপ করিলেন না।

11. जब तेमानी एलीपज, और शूही बिलदद, और नामाती सोपर, अरयूब के इन तीन मित्रों ने इस सब विपत्ति का समाचार पाया जो उस पर पड़ी थीं, तब वे आपस में यह ठानकर कि हम अरयूब के पास जाकर उसके संग विलाप करेंगे, और उसको शान्ति देंगे, अपने अपने यहां से उसके पास चले।

11. পরে ইয়োবের প্রতি ঘটিত ঐ সকল বিপদের কথা তাঁহার তিন জন মিত্রের কর্ণগোচর হইলে তাঁহারা প্রত্যেকে আপন আপন স্থান হইতে আসিলেন; তৈমনীয় ইলীফস, শূহীয় বিল্‌দদ ও নামাথীয় সোফর একপরামর্শ হইয়া তাঁহার সহিত শোক ও তাঁহাকে সান্ত্বনা করিবার জন্য তাঁহার নিকটে আগমন করিতে স্থির করিলেন।

12. जब उन्हों ने दूर से आंख उठाकर अरयूब को देखा और उसे न चीन्ह सके, तब चिल्लाकर रो उठे; और अपना अपना बागा फाड़ा, और आकाश की ओर धूलि उड़ाकर अपने अपने सिर पर डाली।
मत्ती 26:65

12. পরে তাঁহারা দূর হইতে চক্ষু তুলিয়া দেখিলেন, কিন্তু তাঁহাকে চিনিতে পারিলেন না, তাহাতে তাঁহারা উচ্চৈঃস্বরে রোদন করিলেন, এবং প্রত্যেকে আপন আপন বস্ত্র ছিঁড়িয়া আপন আপন মস্তকের উপরে আকাশের দিকে ধূলা ছড়াইতে লাগিলেন।

13. तब वे सात दिन और सात रात उसके संग भूमि पर बैठे रहे, परन्तु उसका दु:ख बहुत ही बड़ा जान कर किसी ने उस से एक भी बात न कही।

13. পরে সাত দিন ও সাত রাত্রি তাঁহার সহিত ভূমিতে বসিয়া থাকিলেন, তাঁহাকে কেহ কিছুই কহিলেন না; কারণ তাঁহারা দেখিলেন, তাঁহার যাতনা অতি কঠোর।



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