11. जब तेमानी एलीपज, और शूही बिलदद, और नामाती सोपर, अरयूब के इन तीन मित्रों ने इस सब विपत्ति का समाचार पाया जो उस पर पड़ी थीं, तब वे आपस में यह ठानकर कि हम अरयूब के पास जाकर उसके संग विलाप करेंगे, और उसको शान्ति देंगे, अपने अपने यहां से उसके पास चले।
11. Now when Iobs frendes herde of all ye trouble, that happened vnto him, there came thre off them, euery one from his owne place: namely, Eliphas the Themanite, Baldad the Suhite, and Sophar the Naamathite. For they were agreed together to come, to shewe their compassion vpon him, and to comforte him.