Esther - एस्तेर 8 | View All

1. उसी दिन राजा क्षयर्ष ने यहूदियों के विरोधी हामान का घरबार एस्तेर रानी को दे दिया। और मोर्दकै राजा के साम्हने आया, क्योंकि एस्तेर ने राजा को बताया था, कि उस से उसका क्या नाता था

1. That same day King Achashverosh gave the house of Haman, the enemy of the Jews, to Ester the queen. Also Mordekhai appeared before the king, for Ester had revealed his relationship to her.

2. तब राजा ने अपनी वह अंगूठी जो उस ने हामान से ले ली थी, उतार कर, मोर्दकै को दे दी। और एसतेर ने मोर्दकै को हामान के घरबार पर अधिकारी नियुक्त कर दिया।

2. The king removed his signet ring, which he had taken back from Haman, and gave it to Mordekhai. Then Ester put Mordekhai in charge of Haman's house.

3. फिर एस्तेर दूसरी बार राजा से बोली; और उसके पांव पर गिर, आंसू बहा बहाकर उस से गिड़गिड़ाकर बिन्ती की, कि अगागी हामान की बुराई और यहूदियों की हानि की उसकी युक्ति निष्फल की जाए।

3. Again Ester spoke to the king; she fell at his feet and begged him with tears to put an end to the mischief Haman the Agagi had caused by the scheme he had worked out against the Jews.

4. तब राजा ने एस्तेर की ओर सोने का राजदणड बढ़ाया।

4. The king extended the gold scepter toward Ester. So Ester got up and stood in front of the king.

5. तब एस्तेर उठकर राजा के साम्हने खड़ी हुई; और कहने लगी कि यदि राजा को स्वीकार हो और वह मुझ से प्रसन्न है और यह बात उसको ठीक जान पड़े, और मैं भी उसको अच्छी लगती हूँ, तो जो चिटि्ठयां हम्मदाता अगागी के पुत्रा हामान ने राजा के सब प्रान्तों के यहूदियों को नाश करने की युक्ति करके लिखाई थीं, उनको पलटने के लिये लिखा जाए।

5. She said, 'If it pleases the king, if I have won his favor, if the matter seem right to the king and if I have his approval, then let an order be written rescinding the letters devised by Haman the son of Hamdata the Agagi, which he wrote to destroy the Jews in all the royal provinces.

6. क्योंकि मैं अपने जाति के लोगों पर पड़नेवाली उस विपत्ति को किस रीति से देख सकूंगी? और मैं अपने भाइयों के विनाश को क्योंकर देख सकूंगी?

6. For how can I bear to see the disaster that will overcome my people? How can I endure seeing the extermination of my kinsmen?'

7. तब राजा क्षयर्ष ने एस्तेर रानी से और मोर्दकै यहूदी से कहा, मैं हामान का घरबार तो एस्तेर को दे चुका हूँ, और वह फांसी के खम्भे पर लटका दिया गया है, इसलिये कि उस ने यहूदियों पर हाथ बढ़ाया था।

7. King Achashverosh said to Ester the queen and Mordekhai the Jew, 'Listen! I gave Ester the house of Haman, and they hanged him on the gallows, because he threatened the lives of the Jews.

8. सो तुम अपनी समझ के अनुसार राजा के नाम से यहूदियों के नाम पर लिखो, और राजा की अंगूठी की छाप भी लगाओ; क्योंकि जो चिट्ठी राजा के नाम से लिखी जाए, और उस पर उसकी अंगूठी की छाप लगाई जाए, उसको कोई भी पलट नहीं सकता।

8. You should issue a decree in the king's name for whatever you want concerning the Jews, and seal it with the king's signet ring; because a decree written in the king's name and sealed with the king's ring can't be rescinded by anyone.'

9. सो उसी समय अर्थात् सीवान नाम तीसरे महीने के तेईसवें दिन को राजा के लेखक बुलवाए गए और जिस जिस बात की आज्ञा मोर्दकै ने उन्हें दी थी उसे यहूदियों और अधिपतियों और हिन्दुस्तान से लेकर कूश तक, जो एक सौ सत्ताईस प्रान्त हैं, उन सभों के अधिपतियों और हाकिमों को एक एक प्रान्त के अक्षरों में और एक एक देश के लोगों की भाषा में, और यहूदियों को उनके अक्षरों और भाषा में लिखी गई।

9. The king's secretaries were summoned at that time, on the twenty-third day of the third month, the month of Sivan; and a decree was written according to everything Mordekhai ordered concerning the Jews, to the army commanders, governors and officials of the provinces from India to Ethiopia, 127 provinces, to each province in its script and to each people in their language, also to the Jews in their script and language.

10. मोर्दकै ने राजा क्षयर्ष के नाम से चिटि्ठयां लिखाकर, और उन पर राजा की अंगूठी की छाप लगाकर, वेग चलनेवाले सरकारी घोड़ों, खच्चरों और सांड़नियों की डाक लगाकर, हरकारों के हाथ भेज दीं।

10. They wrote in the name of King Achashverosh and sealed it with the king's signet ring; they sent the letters by couriers on horseback riding fast horses used in the king's service and bred from the royal stock.

11. इन चिटि्ठयों में सब नगरों के यहूदियों को राजा की ओर से अनुमति दी गई, कि वे इकट्ठे हों और अपना अपना प्राण बचाने के लिये तैयार होकर, जिस जाति वा प्रान्त से लोग अन्याय करके उनको वा उनकी स्त्रियों और बालबच्चों को दु:ख देना चाहें, उनको विध्वंसघात और नाश करें, और उनकी धन सम्मत्ति लूट लें।

11. The letters said that the king had granted the Jews in every city the right 'to assemble and defend their lives by destroying, killing and exterminating any forces of any people or province that would attack them, their little ones or their women or would try to seize their goods as plunder

12. और यह राजा क्षयर्ष के सब प्रान्तों में एक ही दिन में किया जाए, अर्थात् अदार नाम बारहवें महीने के तेरहवें दिन को।

12. on the designated day in any of the provinces of King Achashverosh, namely, the thirteenth day of the twelfth month, the month of Adar.'

13. इस आज्ञा के लेख की नकलें, समस्त प्रान्तों में सब देशें के लोगों के पास खुली हुई भेजी गई; ताकि यहूदी उस दिन अपने शत्रुओं से पलटा लेने को तैयार रहें।

13. A copy of the edict was to be issued as a decree in every province and proclaimed to all the peoples, and the Jews were to be ready on that day to take vengeance against their enemies.

14. सो हरकारे वेग चलनेवाले सरकारी घोड़ों पर सवार होकर, राजा की आज्ञा से फुत करके जल्दी चले गए, और यह आज्ञा शूशन राजगढ़ में दी गई थी।

14. Couriers riding fast horses used in the king's service left quickly, pressed by the king's order; and the decree was issued in Shushan the capital.

15. तब मोर्दकै नीले और श्वेत रंग के राजकीय वस्त्रा पहिने और सिर पर सोने का बड़ा मुमुट धरे हुए और सूक्ष्मसन और बैंजनी रंग का बागा पहिने हुए, राजा के सम्मुख से निकला, और शूशन नगर के लोग आनन्द के मारे ललकार उठे।

15. Meanwhile, Mordekhai left the king's presence arrayed in royal blue and white, wearing a large gold crown and a robe of fine linen and purple; and the city of Shushan shouted for joy.

16. और यहूदियों को आनन्द और हर्ष हुआ और उनकी बड़ी प्रतिष्ठा हुई।

16. For the Jews, all was light, gladness, joy and honor.

17. और जिस जिस प्रान्त, और जिस जिस नगर में, जहां कहीं राजा की आज्ञा और नियम पहुंचे, वहां वहां यहूदियों को आनन्द और हर्ष हुआ, और उन्हों ने जेवनार करके उस दिन को खुशी का दिन माना। और उस देश के लोगों में से बहुत लोग यहूदी बन गए, क्योंकि उनके मन में यहूदियों का डर समा गया था।

17. In every province and city where the king's order and decree arrived, the Jews had gladness and joy, a feast and a holiday. Many from the peoples of the land became Jews, because fear of the Jews had overcome them.



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