9. सो उसी समय अर्थात् सीवान नाम तीसरे महीने के तेईसवें दिन को राजा के लेखक बुलवाए गए और जिस जिस बात की आज्ञा मोर्दकै ने उन्हें दी थी उसे यहूदियों और अधिपतियों और हिन्दुस्तान से लेकर कूश तक, जो एक सौ सत्ताईस प्रान्त हैं, उन सभों के अधिपतियों और हाकिमों को एक एक प्रान्त के अक्षरों में और एक एक देश के लोगों की भाषा में, और यहूदियों को उनके अक्षरों और भाषा में लिखी गई।
9. Then were the king's Sofrim called at that time, in the third month Sivan, on the three and twentieth day of it; and it was written according to all that Mordekhai commanded to the Yehudim, and to the satraps, and the governors and princes of the provinces which are from Hoddu to Kush, one hundred twenty-seven provinces, to every province according to the writing of it, and to every people after their language, and to the Yehudim according to their writing, and according to their language.