5. उस ने तोबिरयाह के लिये एक बड़ी कोठरी तैयार की थी जिस में पहिले अन्नबलि का सामान और लोबान और पात्रा और अनाज, नये दाखमधु और टटके तेल के दशमांश, जिन्हें लेवियों, गवैयों और द्वारपालों को देने की आज्ञा थी, रखी हुई थी; और याजकों के लिये उठाई हुई भेंट भी रखी जाती थीं।
5. and he made himself a great treasury, and there they were formerly in the habit of bestowing the offerings, and the frankincense, and the vessels, and the tithe of the grain, and the wine, and the oil, the ordered portion of the Levites, and singers, and porters; and the firstfruits of the priests.