1. तब ये काम हो चुके, तब हाकिम मेरे पास आकर कहने लगे, न तो इस्राएली लोग, न याजक, न लेवीय इस ओर के देशों के लोगों से अलग हुए; वरन उनके से, अर्थात् कनानियों, हित्तियों, परिज्जियों, यबूसियों, अम्मोनियों, मोआबियों, मिस्रियों और एमोरियों के से घिनौने काम करते हैं।
यूहन्ना 4:9
1. AFTERWARD, THE officials came to me and said, The Israelites and the priests and Levites have not separated themselves from the peoples of the lands, but have committed the abominations of the Canaanites, Hittites, Perizzites, Jebusites, Ammonites, Moabites, Egyptians, and Amorites.
2. क्योंकि उन्हों ने उनकी बेटियों में से अपने और अपने बेटों के लिये स्त्रियां कर ली हैं; और पवित्रा वंश इस ओर के देशों के लोगों में मिल गया है। वरन हाकिम और सरदार इस विश्वासघात में मुख्य हुए हैं।
2. For they have taken as wives some of their daughters for themselves and for their sons, so that the holy offspring have mixed themselves with the peoples of the lands. Indeed, the officials and chief men have been foremost in this wicked act and direct violation [of God's will]. [Deut. 7:3, 4.]
5. परन्तु सांझ की भेंट के समय मैं वस्त्रा और बागा फाड़े हुए उपवास की दशा में उठा, फिर घुटनों के बल झुका, और अपने हाथ अपने परमेश्वर यहोवा की ओर फैलाकर कहा,
5. At the evening sacrifice I arose from my depression, and, having rent my undergarment and my mantle, I fell on my knees and spread out my hands to the Lord my God,
6. हे मेरे परमेश्वर ! मुझे तेरी ओर अपना मुंह उठाते लाज आती है, और हे मेरे परमेश्वर ! मेरा मुंह काला है; क्योंकि हम लोगों के अधर्म के काम हमारे सिर पर बढ़ गए हैं, और हमारा दोष बढते आकाश तक पहुंचा है
लूका 21:24
6. Saying, O my God, I am ashamed and blush to lift my face to You, my God, for our iniquities have risen higher than our heads and our guilt has mounted to the heavens.
7. अपने पुरखाओं के दिनों से लेकर आज के दिन तक हम बड़े दोषी हैं, और अपने अधर्म के कामों के कारण हम अपने राजाओं और याजकों समेत देश देश के राजाओं के हाथ में किए गए कि तलवार, बन्धुआई, लूटे जाने, और मुंह काला हो जाने की विपत्तियों में पड़ें जैसे कि आज हमारी दशा है।
7. Since the days of our fathers we have been exceedingly guilty; and for our willfulness we, our kings, and our priests have been delivered into the hand of the kings of the lands, to the sword, captivity, plundering, and utter shame, as it is today.
8. और अब थोड़े दिन से हमारे परमेश्वर यहोवा का अनुग्रह हम पर हुआ है, कि हम में से कोई कोई बच निकले, और हम को उसके पवित्रा स्थान में एक खूंटी मिले, और हमारा परमेश्वर हमारी आंखों में जयोति आने दे, और दासत्व में हम को कुछ विश्रान्ति मिले।
8. And now, for a brief moment, grace has been shown us by the Lord our God, Who has left us a remnant to escape and has given us a secure hold in His holy place, that our God may brighten our eyes and give us a little reviving in our bondage.
9. हम दास तो हैं ही, परन्तु हमारे दासत्व में हमारे परमेश्वर ने हम को नहीं छोड़ दिया, बरन फारस के राजाओं को हम पर ऐसे कृपालु किया, कि हम नया जीवन पाकर अपने परमेश्वर के भवन को उठाने, और इसके खंडहरों को सुधारने पाए, और हमें यहूदा और यरूशलेम में आड़ मिली।
9. For we are bondmen; yet our God has not forsaken us in our bondage, but has extended mercy and steadfast love to us before the kings of Persia, to give us some reviving to set up the house of our God, to repair its ruins, and to give us a wall [of protection] in Judah and Jerusalem.
11. जो तू ने यह कहकर अपने दास नबियों के द्वारा दीं, कि जिस देश के अधिकारी होने को तुम जाने पर हो, वह तो देश देश के लोगों की अशुठ्ठता के कारण और उनके घिनौने कामों के कारण अशुठ्ठ देश है, अन्हों ने उसे एक सिवाने से दूसरे सिवाने तक अपनी अशुठ्ठता से भर दिया है।
11. Which You have commanded by Your servants the prophets, saying, The land which you are entering to possess is an unclean land with the pollutions of the peoples of the lands, through their abominations which have filled it from one end to the other with their filthiness.
12. इसलिये अब तू न तो अपनी बेठियां उनके बेटों को ब्याह देना और न उनकी बेटियों से अपने बेटों का ब्याह करना, और न कभी उनका कुशल क्षेेम चाहना, इसलिये कि तुम बलवान बनो और उस देश के अच्छे अच्छे पदार्थ खाने पाओ, और उसे ऐसा छोड़ जाओ, कि वह तुम्हारे वंश के अधिकार में सदैव बना रहे।
12. Therefore, do not give your daughters to their sons or take their daughters for your sons; and never seek their peace or prosperity, that you may be strong and eat the good of the land and leave it as an inheritance to your children always.
13. और उस सब के बाद जो हमारे बुरे कामों और बड़े दोष के कारण हम पर बीता है, जब कि हे हमारे परमेश्वर तू ने हमारे अधर्म के बराबर हमें दणड नहीं दिया, वरन हम में से कितनों को बचा रखा है,
13. And after all that has come upon us for our evil deeds and for our great guilt, seeing that You, our God, have punished us less than our iniquities deserved and have given us such a remnant,
15. हे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ! तू तो धम है, हम बचकर मुक्त हुए हैं जैसे कि आज वर्तमान हैं। देख, हम तेरे साम्हने दोषी हैं, इस कारण कोई तेरे साम्हने खड़ा नहीं रह सकता।
15. O Lord, the God of Israel, You are rigidly just and righteous, for we are left a remnant that is escaped, as it is this day. Behold, we are before You in our guilt, for none can stand before You because of this.