14. तब यदि मेरी प्रजा के लोग जो मेरे कहलाते हैं, दीन होकर प्रार्थना करें और मेरे दर्शन के खोजी होकर अपनी बुरी चाल से फिरें, तो मैं स्वर्ग में से सुनकर उनका पाप क्षमा करूंगा और उनके देश को ज्यों का त्यों कर दूंगा।
14. And if they that are of my people, among whom my name is called vpon, do humble them selues, and make intercession, and seke my presence, and turne from their wicked wayes: then will I heare from heauen, and be mercifull to their sinne, and will heale their lande.