18. बहुत से लोगों ने अर्थात् एप्रैम, मनश्शे, इस्साकार और जबूलून में से बहुतों ने अपने को शुठ्ठ नहीं किया था, तौभी वे फसह के पशु का मांस लिखी हुई विधि के विरूद्ध खाते थे। क्योंकी हिजकिरयाह ने उनके लिये यह प्रार्थना की थी, कि यहोवा जो भला है, वह उन सभों के पाप ढांप दे;
18. বস্তুতঃ বিস্তর লোক, ইফ্রয়িম, মনঃশি, ইষাখর ও সবূলূন ইহতে [আগত] অনেক লোক, আপনাদিগকে শুচি করে নাই, কিন্তু লিখিত বিধির বিপরীতে নিস্তারপর্ব্বের ভোজ ভোজন করিল।