11. उस ने कहा, निकलकर यहोवा के सम्मुख पर्वत पर खड़ा हो। और यहोवा पास से होकर चला, और यहोवा के साम्हने एक बड़ी प्रचणड आन्धी से पहाड़ फटने और चट्टानें टूटने लगीं, तौभी यहोवा उस आन्धी में न था; फिर आन्धी के बाद भूंईडोल हूआ, तौभी यहोवा उस भूंईडोल में न था।
11. And he said Go forth to-morrow, and stand in the mountain, before Yahweh. And lo! Yahweh, passing by, and a great and strong wind rending the mountains, and breaking in pieces the crags, before Yahweh, Not, in the wind, was, Yahweh, And, after the wind, an, earthquake, Not, in the earthquake, was, Yahweh;