28. औा अबशालोम ने अपने सेवको को आज्ञा दी, कि सावधान रहो और जब अम्नोन दाखमधु पीकर नशे में आ जाए, और मैं तुम से कहूं, अम्नोन को मार डालना। क्या इस आज्ञा का देनेवाला मैं नहीं हूं? हियाव बान्धकर पुरूषार्थ करना।
28. পরে অবশালোম আপন চাকরদিগকে এই আজ্ঞা দিল, দেখিও, দ্রাক্ষারসে অম্নোনের চিত্ত প্রফুল্ল হইলে যখন আমি তোমাদিগকে বলিব, অম্নোনকে মার, তখন তোমরা তাহাকে বধ করিও, ভীত হইও না। আমি কি তোমাদিগকে আজ্ঞা দিই নাই? তোমরা সাহস কর, বীর্য্যবান হও।