11. ऊरिरयाह ने दाऊद से कहा, जब सनदूक और इस्राएल और यहूदा झोपड़ियों में रहते हैं, और मेरा स्वामी योआब और मेरे स्वामी के सेवक खुले मैदान पर डेरे डाले हुए हैं, तो क्या मैं घर जाकर खाऊं, पीऊं, और अपनी पत्नी के साथ सोऊं? तेरे जीवन की शपथ, और तेरे प्राण की शपथ, कि मैं ऐसा काम नहीं करने का।
11. And Uriah said unto David The ark, and Israel and Judah, are dwelling in huts and, my lord Joab, and the servants of my lord, on the face of the field, are encamped, Was, I, then, to enter my own house, to eat and to drink and to lie with my wife? By thy life, yea by the life of thy soul, I could not do this thing.