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1. तब यूसुफ उन सब के साम्हने, जो उसके आस पास खड़े थे, अपने को और रोक न सका; और पुकार के कहा, मेरे आस पास से सब लोगों को बाहर कर दो। भाइयों के साम्हने अपने को प्रगट करने के समय यूसुफ के संग और कोई न रहा।प्रेरितों के काम 7:13
1. তখন যোষেফ আপনার নিকটে দণ্ডায়মান লোকদের সাক্ষাতে আত্মসম্বরণ করিতে পারিলেন না; তিনি উচ্চৈঃস্বরে কহিলেন, আমার সম্মুখ হইতে সব লোককে বাহির কর। তাহাতে কেহ তাঁহার কাছে দাঁড়াইল না, আর তখনই যোষেফ ভাইদের কাছে আপনার পরিচয় দিতে লাগিলেন।
2. तब वह चिल्ला चिल्लाकर रोने लगा : और मिस्त्रियों ने सुना, और फिरौन के घर के लोगों को भी इसका समाचार मिला।
2. তিনি উচ্চৈঃস্বরে রোদন করিলেন; মিস্রীয়েরা তাহা শুনিতে পাইল ও ফরৌণের গৃহস্থিত লোকেরাও শুনিতে পাইল।
3. तब यूसुफ अपने भाइयों से कहने लगा, मैं यूसुफ हूं, क्या मेरा पिता अब तब जीवित है ? इसका उत्तर उसके भाई न दे सके; क्योंकि वे उसके साम्हने घबरा गए थे।प्रेरितों के काम 7:13
3. পরে যোষেফ আপন ভাইদের কহিলেন, আমি যোষেফ; আমার পিতা কি এখনও জীবিত আছেন? ইহাতে তাঁহার ভাইরা তাঁহার সাক্ষাতে বিহ্বল হইয়া পড়িলেন, উত্তর করিতে পারিলেন না।
4. फिर यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा, मेरे निकट आओ। यह सुनकर वे निकट गए। फिर उस ने कहा, मैं तुम्हारा भाई यूसुफ हूं, जिसको तुम ने मि आनेहारों के हाथ बेच डाला था।प्रेरितों के काम 7:9
4. পরে যোষেফ আপন ভাইদের কহিলেন, বিনয় করি, আমার নিকটে আইস। তাঁহারা নিকটে গেলেন। তিনি কহিলেন, আমি যোষেফ, তোমাদের ভাই, যাহাকে তোমরা মিসরগামীদের কাছে বিক্রয় করিয়াছিলে।
5. अब तुम लोग मत पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहां बेच डाला, इस से उदास मत हो; क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारे प्राणों को बचाने के लिये मुझे आगे से भेज दिया है।प्रेरितों के काम 7:15
5. কিন্তু তোমরা আমাকে এই স্থানে বিক্রয় করিয়াছ বলিয়া এখন দুঃখিত কি বিরক্ত হইও না; কেননা প্রাণ রক্ষা করিবার জন্যই ঈশ্বর তোমাদের অগ্রে আমাকে পাঠাইয়াছেন।
6. क्योंकि अब दो वर्ष से इस देश में अकाल है; और अब पांच वर्ष और ऐसे ही होंगे, कि उन में न तो हल चलेगा और न अन्न काटा जाएगा।प्रेरितों के काम 7:15
6. কারণ দুই বৎসরাবধি দেশে দুর্ভিক্ষ হইয়াছে; আরও পাঁচ বৎসর পর্য্যন্ত চাস কি ফসল হইবে না।
7. सो परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे आगे इसी लिये भेजा, कि तुम पृथ्वी पर जीवित रहो, और तुम्हारे प्राणों के बचने से तुम्हारा वंश बढ़े।
7. আর ঈশ্বর পৃথিবীতে তোমাদের বংশ রক্ষা করিতে ও মহৎ উদ্ধারের দ্বারা তোমাদিগকে বাঁচাইতে তোমাদের অগ্রে আমাকে পাঠাইয়াছেন।
8. इस रीति अब मुझ को यहां पर भेजनेवाले तुम नहीं, परमेश्वर ही ठहरा: और उसी ने मुझे फिरौन का पिता सा, और उसके सारे घर का स्वामी, और सारे मि देश का प्रभु ठहरा दिया है।
8. অতএব তোমরাই আমাকে এই স্থানে পাঠাইয়াছ, তাহা নয়, ঈশ্বর পাঠাইয়াছেন, এবং আমাকে ফরৌণের পিতৃস্থানীয়, তাঁহার সমস্ত বাটীর প্রভু ও সমস্ত মিসর দেশের উপরে শাসনকর্ত্তা করিয়াছেন।
9. सो शीघ्र मेरे पिता के पास जाकर कहो, तेरा पुत्रा यूसुफ इस प्रकार कहता है, कि परमेश्वर ने मुझे सारे मि का स्वामी ठहराया है; इसलिये तू मेरे पास बिना विलम्ब किए चला आ।प्रेरितों के काम 7:14
9. তোমরা শীঘ্র করিয়া আমার পিতার নিকটে যাও, তাঁহাকে বল, ‘তোমার পুত্র যোষেফ এইরূপ কহিল, ঈশ্বর আমাকে সমস্ত মিসর দেশের কর্ত্তা করিয়াছেন; তুমি আমার নিকটে চলিয়া আইস, বিলম্ব করিও না।
10. और तेरा निवास गोशेन देश में होगा, और तू, बेटे, पोतों, भेड़- बकरियों, गाय- बैलों, और अपने सब कुछ समेत मेरे निकट रहेगा।
10. তুমি পুত্র পৌত্রাদির ও গোমেষাদি সর্ব্বস্বের সহিত গোশন প্রদেশে বাস করিবে; তুমি আমার নিকটেই থাকিবে।
11. और अकाल के जो पांच वर्ष और होंगे, उन में मै वहीं तेरा पालन पोषण करूंगा; ऐसा न हो कि तू, और तेरा घराना, वरन जितने तेरे हैं, सो भूखों मरें।
11. সে স্থানে আমি তোমাকে প্রতিপালন করিব, কেননা আর পাঁচ বৎসর দুর্ভিক্ষ থাকিবে; পাছে তোমার ও তোমার পরিজনের ও তোমার সকল লোকের দৈন্যদশা ঘটে।’
12. और तुम अपनी आंखों से देखते हो, और मेरा भाई बिन्यामीन भी अपनी आंखों से देखता है, कि जो हम से बातें कर रहा है सो यूसुफ है।
12. আর দেখ, তোমরা ও আমার সহোদর বিন্যামীন চাক্ষুষ দেখিতেছ যে, আমি নিজ মুখে তোমাদের সহিত কথাবার্ত্তা কহিতেছি।
13. और तुम मेरे सब विभव का, जो मि में है और जो कुछ तुम ने देखा है, उस सब को मेरे पिता से वर्णन करना; और तुरन्त मेरे पिता को यहां ले आना।
13. অতএব এই মিসর দেশে আমার প্রতাপ ও তোমরা যাহা যাহা দেখিয়াছ, সে সকল আমার পিতাকে জ্ঞাত করিবে, এবং তাঁহাকে শীঘ্র এই স্থানে আনিবে।
14. और वह अपने भाई बिन्यामीन के गले से लिपटकर रोया; और बिन्यामीन भी उसके गले से लिपटकर रोया।
14. পরে যোষেফ আপন ভাই বিন্যামীনের গলা ধরিয়া রোদন করিলেন, এবং বিন্যামীনও তাঁহার গলা ধরিয়া রোদন করিলেন।
15. तब वह अपने सब भाइयों को चूमकर उन से मिलकर रोया : और इसके पश्चात् उसके भाई उस से बातें करने लगे।।
15. আর যোষেফ অন্য সকল ভাইকেও চুম্বন করিলেন, ও তাঁহাদের গলা ধরিয়া রোদন করিলেন; তাহার পরে তাঁহার ভ্রাতারা তাঁহার সহিত আলাপ করিতে লাগিলেন।
16. इस बात की चर्चा, कि यूसुफ के भाई आए हैं, फिरौन के भवन तब पंहुच गई, और इस से फिरौन और उसके कर्मचारी प्रसन्न हुए।प्रेरितों के काम 7:13
16. আর যোষেফের ভাইরা আসিয়াছে, ফরৌণের বাটীতে এই কথা উপস্থিত হইলে ফরৌণ ও তাঁহার দাসগণ সকলে সন্তুষ্ট হইলেন।
17. सो फिरौन ने यूसुफ से कहा, अपने भाइयों से कह, कि एक काम करो, अपने पशुओं को लादकर कनान देश में चले जाओ।
17. আর ফরৌণ যোষেফকে কহিলেন, তুমি তোমার ভাইদের বল, তোমরা এই কর্ম্ম কর; তোমাদের পশুগণের পৃষ্ঠে শস্য চাপাইয়া কনান দেশে গমন কর,
18. और अपने पिता और अपने अपने घर के लोगों को लेकर मेरे पास आओ; और मि देश में जो कुछ अच्छे से अच्छा है वह मैं तुम्हें दूंगा, और तुम्हें देश के उत्तम से उत्तम पदार्थ खाने को मिलेंगे।प्रेरितों के काम 7:14
18. এবং তোমাদের পিতাকে ও আপন আপন পরিবারকে আমার নিকটে লইয়া আইস; আমি তোমাদিগকে মিসর দেশের উৎকৃষ্ট দ্রব্য দিব, আর তোমরা দেশের সারাংশ ভোগ করিবে।
19. और तुझे आज्ञा मिली है, तुम एक काम करो, कि मि देश से अपने बालबच्चों और स्त्रियों के लिये गाड़ियों ले जाओ, और अपने पिता को ले आओ।प्रेरितों के काम 7:14
19. এখন তোমার প্রতি আমার আজ্ঞা এই, তোমরা এই কর্ম্ম কর, তোমরা আপন আপন বালক বালিকা ও স্ত্রীদের নিমিত্তে মিসর দেশ হইতে শকট লইয়া গিয়া তাহাদিগকে ও আপনাদের পিতাকে লইয়া আইস;
20. और अपनी सामग्री का मोह न करना; क्योंकि सारे मि देश में जो कुछ अच्छे से अच्छा है सो तुम्हारा है।
20. আর আপন আপন দ্রব্য সামগ্রীর মমতা করিও না, কেননা সমুদয় মিসর দেশের উৎকৃষ্ট দ্রব্য তোমাদেরই।
21. और इस्राएल के पुत्रों ने वैसा ही किया। और यूसुफ ने फिरौन की मानके उन्हें गाड़ियों दी, और मार्ग के लिये सीधा भी दिया।
21. তখন ইস্রায়েলের পুত্রগণ তাহাই করিলেন। এবং যোষেফ ফরৌণের আজ্ঞানুসারে তাহাদিগকে শকট দিলেন, এবং পাথেয় দ্রব্যও দিলেন;
22. उन में से एक एक जन को तो उस ने एक एक जोड़ा वस्त्रा भी दिया; और बिन्यामीन को तीन सौ रूपे के टुकडे और पांच जोड़े वस्त्रा दिए।
22. তিনি প্রত্যেক জনকে এক এক যোড়া বস্ত্র দিলেন, কিন্তু বিন্যামীনকে তিন শত রৌপ্যমুদ্রা ও পাঁচ যোড়া বস্ত্র দিলেন।
23. और अपने पिता के पास उस ने जो भेजा वह यह है, अर्थात् मि की अच्छी वस्तुओं से लदे हुए दस गदहे, और अन्न और रोटी और उसके पिता के मार्ग के लिये भोजनवस्तु से लदी हुई दस गदहियां।
23. আর পিতার জন্য এই সকল দ্রব্য পাঠাইলেন, দশ গর্দ্দভে চাপাইয়া মিসরের উৎকৃষ্ট দ্রব্য এবং পিতার পাথেয়ের জন্য দশ গর্দ্দভীতে চাপাইয়া শস্য ও রুটী প্রভৃতি ভক্ষ্য দ্রব্য।
24. और उस ने अपने भाइयों को विदा किया, और वे चल दिए; और उस ने उन से कहा, मार्ग में कहीं झगड़ा न करना।
24. এইরূপে তিনি আপন ভ্রাতাদিগকে বিদায় করিলে তাঁহারা প্রস্থান করিলেন; তিনি তাঁহাদিগকে বলিয়া দিলেন, পথে বিবাদ করিও না।
25. मि से चलकर वे कनान देश में अपने पिता याकूब के पास पहुचे।
25. পরে তাঁহারা মিসর হইতে যাত্রা করিয়া কনান দেশে তাঁহাদের পিতা যাকোবের নিকটে উপস্থিত হইলেন,
26. और उस से यह वर्णन किया, कि यूसुफ अब तक जीवित है, और सारे मि देश पर प्रभुता वही करता है। पर उस ने उनकी प्रतीति न की, और वह अपने आपे में न रहा।
26. ও তাঁহাকে কহিলেন, যোষেফ এখনও জীবিত আছে, আবার সমস্ত মিসর দেশের উপরে সেই শাসনকর্ত্তা হইয়াছে। তথাপি তাঁহার হৃদয় জড়বৎ থাকিল, কারণ তাঁহাদের কথায় তাঁহার বিশ্বাস জন্মিল না।
27. तब उन्हों ने अपने पिता याकूब से यूसुफ की सारी बातें, जो उस ने उन से कहीं थी, कह दीं; जब उस ने उन गाड़ियों को देखा, जो यूसुफ ने उसके ले आने के लिये भेजीं थीं, तब उसका चित्त स्थिर हो गया।
27. কিন্তু যোষেফ তাঁহাদিগকে যে সকল কথা বলিয়াছিলেন, সে সকল যখন তাঁহারা তাঁহাকে বলিলেন, এবং তাঁহাকে লইয়া যাইবার নিমিত্তে যোষেফ যে সকল শকট পাঠাইয়াছিলেন, তাহাও যখন তিনি দেখিলেন, তখন তাঁহাদের পিতা যাকোবের আত্মা পুনর্জীবিত হইয়া উঠিল।
28. और इस्राएल ने कहा, बस, मेरा पुत्रा यूसुफ अब तक जीवित है : मैं अपनी मृत्यु से पहिले जाकर उसको देखंूगा।।
28. আর ইস্রায়েল কহিলেন, এই যথেষ্ট; আমার পুত্র যোষেফ এখনও জীবিত আছে; আমি গিয়া মরিবার পূর্ব্বে তাহাকে দেখিব।