Genesis - उत्पत्ति 24 | View All

1. इब्राहीम वृद्ध था और उसकी आयु बहुत भी और यहोवा ने सब बातों में उसको आशीष दी थी।

1. তৎকালে অব্রাহাম বৃদ্ধ ও গতবয়স্ক ছিলেন; এবং সদাপ্রভু অব্রাহামকে সর্ব্ববিষয়ে আশীর্ব্বাদ করিয়াছিলেন।

2. सो इब्राहीम ने अपने उस दास से, जो उसके घर में पुरनिया और उसकी सारी सम्पत्ति पर अधिकारी था, कहा, अपना हाथ मेरी जांघ के नीचे रख :

2. তখন অব্রাহাম আপন দাসকে, তাঁহার সমস্ত বিষয়ের অধ্যক্ষ, গৃহের প্রাচীনকে কহিলেন, বিনয় করি, তুমি আমার জঙ্ঘার নীচে হস্ত দেও;

3. और मुझ से आकाश और पृथ्वी के परमेश्वर यहोवा की इस विषय में शपथ खा, कि तू मेरे पुत्रा के लिये कनानियों की लड़कियों मे से जिनके बीच मैं रहता हूं, किसी को न ले आएगा।

3. আমি তোমাকে স্বর্গ মর্ত্ত্যের ঈশ্বর সদাপ্রভুর নামে এই দিব্য করাই, যে কনানীয় লোকদের মধ্যে আমি বাস করিতেছি, তুমি আমার পুত্রের বিবাহের জন্য তাহাদের কোন কন্যা গ্রহণ করিবে না,

4. परन्तु तू मेरे देश में मेरे ही कुटुम्बियों के पास जाकर मेरे पुत्रा इसहाक के लिये एक पत्नी ले आएगा।

4. কিন্তু আমার দেশে আমার জ্ঞাতিদের নিকটে গিয়া আমার পুত্র ইস্‌হাকের জন্য কন্যা আনিবে।

5. दास ने उस से कहा, कदाचित् वह स्त्री इस देश में मेरे साथ आना न चाहे; तो क्या मुझे तेरे पुत्रा को उस देश में जहां से तू आया है ले जाना पड़ेगा ?

5. তখন সেই দাস তাঁহাকে কহিলেন, কি জানি, আমার সহিত এই দেশে আসিতে কোন কন্যা সম্মত হইবে না; আপনি যে দেশ ছাড়িয়া আসিয়াছেন, আপনার পুত্রকে কি আবার সেই দেশে লইয়া যাইব?

6. इब्राहीम ने उस से कहा, चौकस रह, मेरे पुत्रा को वहां कभी न ले जाना।

6. তখন অব্রাহাম তাঁহাকে কহিলেন, সাবধান, কোন ক্রমে আমার পুত্রকে আবার সেখানে লইয়া যাইও না।

7. स्वर्ग का परमेश्वर यहोवा, जिस ने मुझे मेरे पिता के घर से और मेरी जन्मभूमि से ले आकर मुझ से शपथ खाकर कहा, कि मैं यह देश तेरे वंश को दूंगा; वही अपना दूत तेरे आगे आगे भेजेगा, कि तू मेरे पुत्रा के लिये वहां से एक स्त्री ले आए।
प्रेरितों के काम 7:5, गलातियों 3:16

7. সদাপ্রভু, স্বর্গের ঈশ্বর, যিনি আমাকে পৈতৃক বাটী ও জন্মদেশের মধ্য হইতে আনিয়াছেন, আমার সহিত আলাপ করিয়াছেন, এবং এমন দিব্য করিয়াছেন যে, আমি তোমার বংশকে এই দেশ দিব, তিনিই তোমার অগ্রে আপন দূত পাঠাইবেন; তাহাতে তুমি আমার পুত্রের জন্য তথা হইতে একটী কন্যা আনিতে পারিবে।

8. और यदि वह स्त्री तेरे साथ आना न चाहे तब तो तू मेरी इस शपथ से छूट जाएगा : पर मेरे पुत्रा को वहां न ले जाना।

8. যদি কোন কন্যা তোমার সহিত আসিতে সম্মত না হয়, তবে তুমি আমার এই দিব্য হইতে মুক্ত হইবে; কিন্তু কোন ক্রমে আমার পুত্রকে আবার সে দেশে লইয়া যাইও না।

9. तब उस दास ने अपने स्वामी इब्राहीम की जांघ के नीचे अपना हाथ रखकर उस से इसी विषय की शपथ खाई।

9. তাহাতে সেই দাস আপন প্রভু অব্রাহামের জঙ্ঘার নীচে হস্ত দিয়া তদ্বিষয়ে দিব্য করিলেন।

10. तब वह दास अपने स्वामी के ऊंटो में से दस ऊंट छंाटकर उसके सब उत्तम उत्तम पदार्थों में से कुछ कुछ लेकर चला : और मसोपोटामिया में नाहोर के नगर के पास पहुंचा।

10. পরে সেই দাস আপন প্রভুর উষ্ট্রদের মধ্য হইতে দশটা উষ্ট্র ও আপন প্রভুর সর্ব্ববিধ উত্তম দ্রব্য হস্তে লইয়া প্রস্থান করিলেন, অরাম-নহরয়িম দেশে, নাহোরের নগরে যাত্রা করিলেন।

11. और उस ने ऊंटों को नगर के बाहर एक कुएं के पास बैठाया, वह संध्या का समय था, जिस समय स्त्रियां जल भरने के लिये निकलती है।

11. আর সন্ধ্যাকালে যে সময়ে স্ত্রীলোকেরা জল তুলিতে বাহির হয়, তৎকালে তিনি নগরের বাহিরে সজল কূপের নিকটে উষ্ট্রদিগকে বসাইয়া রাখিলেন,

12. सो वह कहने लगा, हे मेरे स्वामी इब्राहीम के परमेश्वर, यहोवा, आज मेरे कार्य को सिद्ध कर, और मेरे स्वामी इब्राहीम पर करूणा कर।

12. এবং কহিলেন, হে সদাপ্রভো, আমার কর্ত্তা অব্রাহামের ঈশ্বর, বিনয় করি, অদ্য আমার সম্মুখে শুভফল উপস্থিত কর, আমার প্রভু অব্রাহামের প্রতি দয়া কর।

13. देख मैं जल के इस सोते के पास खड़ा हूं; और नगरवासियों की बेटियों जल भरने के लिये निकली आती हैं :

13. দেখ, আমি এই সজল কূপের নিকটে দাঁড়াইয়া আছি, এবং এই নগরবাসীদের কন্যাগণ জল তুলিতে বাহিরে আসিতেছে;

14. सो ऐसा होने दे, कि जिस कन्या से मैं कहूं, कि अपना घड़ा मेरी ओर झुका, कि मैं पीऊं; और वह कहे, कि ले, पी ले, पीछे मैं तेरे ऊंटो को भी पीलाऊंगी : सो वही हो जिसे तू ने अपने दास इसहाक के लिये ठहराया हो; इसी रीति मैं जान लूंगा कि तू ने मेरे स्वामी पर करूणा की है।

14. অতএব যে কন্যাকে আমি বলিব, আপনার কলশ নামাইয়া আমাকে জল পান করাউন, সে যদি বলে, পান কর, তোমার উষ্ট্রদিগকেও পান করাইব, তবে তোমার দাস ইস্‌হাকের জন্য তোমার নিরূপিত কন্যা সেই হউক; ইহাতে আমি জানিব যে, তুমি আমার প্রভুর প্রতি দয়া করিলে।

15. और ऐसा हुआ कि जब वह कह ही रहा था कि रिबका, जो इब्राहीम के भाई नाहोर के जन्माये मिल्का के पुत्रा, बतूएल की बेटी थी, वह कन्धे पर घड़ा लिये हुए आई।

15. এই কথা কহিতে না কহিতে, দেখ, রিবিকা কলশ স্কন্ধে করিয়া বাহিরে আসিলেন; তিনি অব্রাহামের নাহোর নামক ভ্রাতার স্ত্রী মিল্কার পুত্র বথূয়েলের কন্যা।

16. वह अति सुन्दर, और कुमारी थी, और किसी पुरूष का मुंह न देखा था : वह कुएं में सोते के पास उतर गई, और अपना घड़ा भर के फिर ऊपर आई।

16. সেই কন্যা দেখিতে বড়ই সুন্দরী এবং অবিবাহিতা ও পুরুষের পরিচয় অপ্রাপ্তা ছিলেন। তিনি কূপে নামিয়া কলশ পূরিয়া উঠিয়া আসিতেছেন,

17. तब वह दास उस से भेंट करने को दौड़ा, और कहा, अपने घड़े मे से थोड़ा पानी मुझे पिला दे।

17. এমন সময়ে সেই দাস দৌড়িয়া তাঁহার সঙ্গে সাক্ষাৎ করিয়া কহিলেন, বিনয় করি, আপনার কলশ হইতে আমাকে কিঞ্চিৎ জল পান করিতে দিউন।

18. उस ने कहा, हे मेरे प्रभु, ले, पी ले: और उस ने फुर्ती से घड़ा उतारकर हाथ में लिये लिये उसको पिला दिया।

18. তিনি কহিলেন, মহাশয়, পান করুন; ইহা বলিয়া তিনি শীঘ্র কলশ হাতের উপরে নামাইয়া তাঁহাকে পান করিতে দিলেন।

19. जब वह उसको पिला चुकी, तक कहा, मैं तेरे ऊंटों के लिये भी तब तक पानी भर भर लाऊंगी, जब तक वे पी न चुकें।

19. অার তাঁহাকে পান করাইবার পর কহিলেন, যাবৎ আপনার উষ্ট্র সকলের পান সমাপ্ত না হয়, তাবৎ আমি উহাদের জন্যও জল তুলিব।

20. तब वह फुर्ती से अपने घड़े का जल हौदे में उण्डेलकर फिर कुएं पर भरने को दौड़ गई; और उसके सब ऊंटों के लिये पानी भर दिया।

20. পরে তিনি শীঘ্র নিপানে কলশের জল ঢালিয়া পুনশ্চ জল তুলিতে কূপের নিকটে দৌড়িয়া গিয়া তাঁহার উষ্ট্র সকলের নিমিত্ত জল তুলিলেন।

21. और वह पुरूष उसकी ओर चुपचाप अचम्भे के साथ ताकता हुआ यह सोचता था, कि यहोवा ने मेरी यात्रा को सुफल किया है कि नहीं।

21. তাহাতে সেই পুরুষ তাঁহার প্রতি একদৃষ্টে চাহিয়া, সদাপ্রভু তাহার যাত্রা সফল করেন কি না, তাহা জানিবার জন্য নীরব রহিলেন।

22. जब ऊंट पी चुके, तब उस पुरूष ने आध तोले सोने का एक नत्थ निकालकर उसको दिया, और दस तोले सोने के कंगन उसके हाथों में पहिना दिए;

22. উষ্ট্র সকল জল পান করিলে পর সেই পুরুষ অর্দ্ধ তোলা পরিমিত সোণার নথ, এবং দশ তোলা পরিমিত দুই হাতের সোণার বালা লইয়া কহিলেন, আপনি কাহার কন্যা?

23. और पूछा, तू किस की बेटी है? यह मुझ को बता दे। क्या तेरे पिता के घर में हमारे टिकने के लिये स्थान है ?

23. বিনয় করি, আমাকে বলুন, আপনার পিতার বাটীতে কি আমাদের রাত্রি যাপনের স্থান আছে?

24. उस ने उत्तर दिया, मैं तो नाहोर के जन्माए मिल्का के पुत्रा बतूएल की बेटी हूं।

24. তিনি উত্তর করিলেন, আমি সেই বথূয়েলের কন্যা, যিনি মিল্কার পুত্র, যাঁহাকে তিনি নাহোরের জন্য প্রসব করিয়াছিলেন।

25. फिर उस ने उस से कहा, हमारे वहां पुआल और चारा बहुत है, और टिकने के लिये स्थान भी है।

25. তিনি আরও কহিলেন, পোয়াল ও কলাই আমাদের কাছে যথেষ্ট আছে, এবং রাত্রি যাপনের স্থানও আছে।

26. तब उस पुरूष ने सिर झुकाकर यहोवा को दण्डवत् करके कहा,

26. তখন সে ব্যক্তি মস্তক নমন করিয়া সদাপ্রভুর উদ্দেশে প্রণিপাত করিলেন,

27. धन्य है मेरे स्वामी इब्राहीम का परमेश्वर यहोवा, कि उस ने अपनी करूणा और सच्चाई को मेरे स्वामी पर से हटा नहीं लिया : यहोवा ने मुझ को ठीक मार्ग पर चलाकर मेरे स्वामी के भाई बन्धुओं के घर पर पहुचा दिया है।

27. আর কহিলেন, আমার কর্ত্তা অব্রাহামের ঈশ্বর সদাপ্রভু ধন্য হউন, তিনি আমার কর্ত্তার সহিত আপন দয়া ও সত্য ব্যবহার নিবৃত্ত করেন নাই; সদাপ্রভু আমাকেও পথ-ঘটনাতে আমার কর্ত্তার জ্ঞাতিদের বাটীতে আনিলেন।

28. और उस क्न्या ने दौड़कर अपनी माता के घर में यह सारा वृत्तान्त कह सुनाया।

28. পরে সেই কন্যা দৌড়িয়া গিয়া আপন মাতার গৃহের লোকদিগকে এই সকল কথা জানাইলেন।

29. तब लाबान जो रिबका का भाई था, सो बाहर कुएं के निकट उस पुरूष के पास दौड़ा गया।

29. আর রিবিকার এক ভ্রাতা ছিলেন, তাঁহার নাম লাবন; সেই লাবন বাহিরে ঐ ব্যক্তির উদ্দেশে কূপের নিকটে দৌড়িয়া গেলেন।

30. और ऐसा हुआ कि जब उस ने वह नत्थ और अपनी बहिन रिबका के हाथों में वे कंगन भी देखे, और उसकी यह बात भी सुनी, कि उस पुरूष ने मुझ से ऐसी बातें कहीं; तब वह उस पुरूष के पास गया; और क्या देखा, कि वह सोते के निकट ऊंटों के पास खड़ा है।

30. নথ ও ভগিনীর হাতে বালা দেখিয়া, এবং ‘সেই ব্যক্তি আমাকে এই এই কথা কহিলেন,’ আপন ভগিনী রিবিকার মুখে ইহা শুনিয়া, তিনি সেই পুরুষের নিকটে গেলেন, আর দেখ, তিনি কূপের নিকটে উষ্ট্রদের কাছে দাঁড়াইয়া ছিলেন;

31. उस ने कहा, हे यहोवा की ओर से धन्य पुरूष भीतर आ : तू क्यों बाहर खड़ा है ? मैं ने घर को, और ऊंटो के लिये भी स्थान तैयार किया है।

31. আর লাবণ কহিলেন, হে সদাপ্রভুর আশীর্ব্বাদপাত্র, আইসুন, কেন বাহিরে দাঁড়াইয়া আছেন? আমি ত ঘর এবং উষ্ট্রদের জন্যও স্থান প্রস্তুত করিয়াছি।

32. और वह पुरूष घर में गया; और लाबान ने ऊंटों की काठियां खोलकर पुआल और चारा दिया; और उसके, और उसके संगी जनो के पांव धोने को जल दिया।

32. তখন ঐ ব্যক্তি বাটীতে প্রবেশ করিয়া উষ্ট্রদের সজ্জা খুলিলে তিনি উষ্ট্রদের জন্য পোয়াল ও কলাই দিলেন, এবং তাঁহার ও তৎসঙ্গী লোকদের পা ধুইবার জল দিলেন।

33. तब इब्राहीम के दास के आगे जलपान के लिये कुछ रखा गया : पर उस ने कहा मैं जब तक अपना प्रयोजन न कह दूं, तब तक कुछ न खाऊंगा। लाबान ने कहा, कह दे।

33. পরে তাঁহার সম্মুখে আহারীয় দ্রব্য স্থাপন করা হইল, কিন্তু তিনি কহিলেন, বক্তব্য কথা না বলিয়া আমি আহার করিব না। লাবন কহিলেন, বলুন।

34. तक उस ने कहा, मैं तो इब्राहीम का दास हूं।

34. তখন তিনি বলিতে লাগিলেন, আমি অব্রাহামের দাস;

35. और यहोवा ने मेरे स्वामी को बड़ी आशीष दी है; सो वह महान पुरूष हो गया है; और उस ने उसको भेड़- बकरी, गाय- बैल, सोना- रूपा, दास- दासियां, ऊंट और गदहे दिए है।

35. সদাপ্রভু আমার কর্ত্তাকে বিলক্ষণ আশীর্ব্বাদ করিয়াছেন, আর তিনি বড় মানুষ হইয়াছেন, এবং [সদাপ্রভু] তাঁহাকে মেষ ও গবাদি পাল এবং রৌপ্য ও স্বর্ণ এবং দাস ও দাসী এবং উষ্ট্র ও গর্দ্দভ দিয়াছেন।

36. और मेरे स्वामी की पत्नी सारा के बुढ़ापे में उस से एक पुत्रा उत्पन्न हुआ है। और उस पुत्रा को इब्राहीम ने अपना सब कुछ दे दिया है।

36. আর আমার কর্ত্তার ভার্য্যা সারা বৃদ্ধকালে তাঁহার জন্য এক পুত্র প্রসব করিয়াছেন, তাঁহাকেই তিনি আপনার সর্ব্বস্ব দিয়াছেন।

37. और मेरे स्वामी ने मुझे यह शपथ खिलाई, कि मैं उसके पुत्रा के लिये कनानियों की लड़कियों में से जिन के देश में वह रहता है, कोई स्त्री न ले आऊंगा।

37. আর আমার কর্ত্তা আমাকে দিব্য করাইয়া কহিলেন, আমি যাহাদের দেশে বাস করিতেছি, তুমি আমার পুত্রের জন্য সেই কনানীয়দের কোন কন্যা আনিও না;

38. मैं उसके पिता के घर, और कुल के लोगों के पास जाकर उसके पुत्रा के लिये एक स्त्री ले आऊंगा।

38. কিন্তু আমার পিতৃকুলের ও আমার গোষ্ঠীর নিকটে গিয়া আমার পুত্রের জন্য কন্যা আনিও।

39. तब मैं ने अपने स्वामी से कहा, कदाचित् वह स्त्री मेरे पीछे न आए।

39. তখন আমি কর্ত্তাকে কহিলাম, কি জানি, কোন কন্যা আমার সঙ্গে আসিবে না।

40. तब उस ने मुझ से कहा, यहोवा, जिसके साम्हने मैं चलता आया हूं, वह तेरे संग अपने दूत को भेजकर तेरी यात्रा को सुफल करेगा; सो तू मेरे कुल, और मेरे पिता के घराने में से मेरे पुत्रा के लिये एक स्त्री ले आ सकेगा।

40. তিনি কহিলেন, আমি যাঁহার সাক্ষাতে গমনাগমন করি, সেই সদাপ্রভু তোমার সঙ্গে আপন দূত পাঠাইয়া তোমার যাত্রা সফল করিবেন; এবং তুমি আমার গোষ্ঠী ও আমার পিতৃকুল হইতে আমার পুত্রের জন্য কন্যা আনিবে।

41. तू तब ही मेरी इस शपथ से छूटेगा, जब तू मेरे कुल के लोगों के पास पहुंचेगा; अर्थात् यदि वे मुझे कोई स्त्री न दें, तो तू मेरी श्पथ से छूटेगा।

41. তাহা করিলে এই দিব্য হইতে মুক্ত হইবে; আমার গোষ্ঠীর নিকটে গেলে যদি তাহারা [কন্যা] না দেয়, তবে তুমি এই দিব্য হইতে মুক্ত হইবে।

42. सो मैं आज उस कुएं के निकट आकर कहने लगा, हे मेरे स्वामी इब्राहीम के परमेश्वर यहोवा, यदि तू मेरी इस यात्रा को सुफल करता हो :

42. আর অদ্য আমি ঐ কূপের নিকটে উপস্থিত হইলাম, আর বলিলাম, হে সদাপ্রভো, আমার কর্ত্তা অব্রাহামের ঈশ্বর, তুমি যদি আমার এই যাত্রা সফল কর, তবে দেখ,

43. तो देख मैं जल के इस कुएं के निकट खड़ा हूं; सो ऐसा हो, कि जो कुमारी जल भरने के लिये निकल आए, और मैं उस से कहूं, अपने घड़े में से मुझे थोड़ा पानी पिला;

43. আমি এই সজল কূপের নিকটে দাঁড়াইয়া আছি; অতএব জল তুলিবার নিমিত্তে আগত যে কন্যাকে আমি বলিব, আপনার কলশ হইতে আমাকে কিঞ্চিৎ জল পান করিতে দিউন,

44. और वह मुझ से कहे, पी ले और मै तेरे ऊंटो के पीने के लिये भी पानी भर दूंगी : वह वही स्त्री हो जिसको तू ने मेरे स्वामी के पुत्रा के लिये ठहराया हो।

44. তিনি যদি বলেন, তুমিও পান কর, এবং তোমার উষ্ট্রদের জন্যও আমি জল তুলিয়া দিব; তবে তিনি সেই কন্যা হউন, যাঁহাকে সদাপ্রভু আমার কর্ত্তার পুত্রের জন্য নিরূপণ করিয়াছেন।

45. मैं मन ही मन यह कह ही रहा था, कि देख रिबका कन्धे पर घड़ा लिये हुए निकल आई; फिर वह सोते के पास उतरके भरने लगी : और मै ने उस से कहा, मुझे पिला दे।

45. এই কথা আমি মনে মনে বলিতে না বলিতে, দেখ, রিবিকা কলশ স্কন্ধে করিয়া বাহিরে আসিলেন; পরে তিনি কূপে নামিয়া জল তুলিলে আমি কহিলাম, বিনয় করি, আমাকে জল পান করাউন।

46. और उस ने फुर्ती से अपने घड़े को कन्धे पर से उतारके कहा, ले, पी ले, पीछे मैं तेरे ऊंटों को भी पिलाऊंगी : सो मैं ने पी लिया, और उस ने ऊंटों को भी पिला दिया।

46. তখন তিনি শীঘ্র স্কন্ধ হইতে কলশ নামাইয়া কহিলেন, পান করুন, আমি আপনার উষ্ট্রদিগকেও পান করাইব। তখন আমি পান করিলাম; আর তিনি উষ্ট্রগণকেও পান করাইলেন।

47. तब मैं ने उस से पूछा, कि तू किस की बेटी है ? और उस ने कहा, मैं तो नाहोर के जन्माए मिल्का के पुत्रा बतूएल की बेटी हूं : तब मैं ने उसकी नाक में वह नत्थ, और उसके हाथों में वे कंगन पहिना दिए।

47. পরে আমি তাঁহাকে জিজ্ঞাসা করিলাম, আপনি কাহার কন্যা? তিনি উত্তর করিলেন, আমি বথূয়েলের কন্যা, তিনি নাহোরের পুত্র, যাঁহাকে মিল্কা তাঁহার জন্য প্রসব করিয়াছিলেন। তখন আমি তাঁহার নাকে নথ ও হাতে বালা পরাইয়া দিলাম।

48. फिर मैं ने सिर झुकाकर यहोवा को दण्डवत् किया, और अपने स्वामी इब्राहीम के परमेश्वर यहोवा को धन्य कहा, क्योंकि उस ने मुझे ठीक मार्ग से पहुंचाया कि मै अपने स्वामी के पुत्रा के लिये उसकी भतीजी को ले जाऊं।

48. আর মস্তক নমন করিয়া সদাপ্রভুর উদ্দেশে প্রণিপাত করিলাম, এবং যিনি আমার কর্ত্তার পুত্রের জন্য তাঁহার ভ্রাতৃকন্যা গ্রহণার্থে আমাকে প্রকৃত পথে আনিলেন, আমার কর্ত্তা অব্রাহামের ঈশ্বর সেই সদাপ্রভুর ধন্যবাদ করিলাম।

49. सो अब, यदि तू मेरे स्वामी के साथ कृपा और सच्चाई का व्यवहार करना चाहते हो, तो मुझ से कहो : और यदि नहीं चाहते हो, तौभी मुझ से कह दो; ताकि मैं दाहिनी ओर, वा बाईं ओर फिर जाऊं।

49. অতএব আপনারা যদি এখন আমার কর্ত্তার সহিত দয়া ও সত্য ব্যবহার করিতে সম্মত হন, তাহা বলুন; আর যদি না হন, তাহাও বলুন; তাহাতে আমি দক্ষিণে কিম্বা বামে ফিরিতে পারিব।

50. तब लाबान और बतूएल ने उत्तर दिया, यह बात यहोवा की ओर से हुई है : सो हम लोग तुझ से न तो भला कह सकते हैं न बुरा।

50. তখন লাবন ও বথূয়েল উত্তর করিলেন, কহিলেন, সদাপ্রভু হইতে এই ঘটনা হইল, আমরা ভাল মন্দ কিছুই বলিতে পারি না।

51. देख, रिबका तेरे साम्हने है, उसको ले जा, और वह यहोवा के वचन के अनुसार, तेरे स्वामी के पुत्रा की पत्नी हो जाए।

51. ঐ দেখুন, রিবিকা আপনার সম্মুখে আছে; উহাকে লইয়া প্রস্থান করুন; এ আপনার কর্ত্তার পুত্রের ভার্য্যা হউক, যেমন সদাপ্রভু বলিয়াছেন।

52. उनका यह वचन सुनकर, इब्राहीम के दास ने भूमि पर गिरके यहोवा को दण्डवत् किया।

52. তাঁহাদের কথা শুনিবামাত্র অব্রাহামের দাস সদাপ্রভুর উদ্দেশে ভূমিতে প্রণিপাত করিলেন।

53. फिर उस दास ने सोने और रूपे के गहने, और वस्त्रा निकालकर रिबका को दिए : और उसके भाई और माता को भी उस ने अनमोल अनमोल वस्तुएं दी।

53. পরে সেই দাস রৌপ্যের ও সুবর্ণের আভরণ ও বস্ত্র বাহির করিয়া রিবিকাকে দিলেন, এবং তাঁহার ভ্রাতাকে ও মাতাকে বহুমূল্য দ্রব্য দিলেন।

54. तब उस ने अपने संगी जनों समेत भोजन किया, और रात वहीं बिताई : और तड़के उठकर कहा, मुझ को अपने स्वामी के पास जाने के लिये विदा करो।

54. আর তিনি ও তাঁহার সঙ্গিগণ ভোজন পান করিয়া তথায় রাত্রিবাস করিলেন; পরে তাঁহারা প্রাতঃকালে উঠিলে তিনি কহিলেন, আমার কর্ত্তার নিকটে যাইতে আমাকে বিদায় করুন।

55. रिबका के भाई और माता ने कहा, कन्या को हमारे पास कुछ दिन, अर्थात् कम से कम दस दिन रहने दे; फिर उसके पश्चात् वह चली जाएगी।

55. তাহাতে রিবিকার ভ্রাতা ও মাতা কহিলেন, কন্যাটী আমাদের নিকটে কিছু দিন থাকুক, ন্যূনকল্পে দশ দিন থাকুক, পরে যাইবে।

56. उस ने उन से कहा, यहोवा ने जो मेरी यात्रा को सुफल किया है; सो तुम मुझे मत रोको अब मुझे विदा कर दो, कि मैं अपने स्वामी के पास जाऊं।

56. কিন্তু তিনি তাঁহাদিগকে কহিলেন, আমাকে বিলম্ব করাইবেন না, কেননা সদাপ্রভু আমার যাত্রা সফল করিলেন; আমাকে বিদায় করুন; আমি নিজ কর্ত্তার নিকটে যাই।

57. उन्हों ने कहा, हम कन्या को बुलाकर पूछते हैं, और देखेंगे, कि वह क्या कहती है।

57. তাহাতে তাঁহারা কহিলেন, আমরা কন্যাকে ডাকিয়া তাহাকে সাক্ষাতে জিজ্ঞাসা করি।

58. सो उन्हों ने रिबका को बुलाकर उस से पूछा, क्या तू इस मनुष्य के संग जाएगी? उस ने कहा, हां मैं जाऊंगी।

58. পরে তাঁহারা রিবিকাকে ডাকিয়া কহিলেন, তুমি কি এই ব্যক্তির সহিত যাইবে? তিনি কহিলেন, যাইব।

59. तब उन्हों ने अपनी बहिन रिबका, और उसकी धाय और इब्राहीम के दास, और उसके साथी सभों को विदा किया।

59. তখন তাঁহারা আপনাদের ভগিনী রিবিকাকে ও তাঁহার ধাত্রীকে এবং অব্রাহামের দাসকে ও তাঁহার লোকদিগকে বিদায় করিলেন।

60. और उन्हों ने रिबका को आशीर्वाद देके कहा, हे हमारी बहिन, तू हजारों लाखों की आदिमाता हो, और तेरा वंश अपने बैरियों के नगरों का अधिकारी हो।

60. আর রিবিকাকে আশীর্ব্বাদ করিয়া কহিলেন, তুমি আমাদের ভগিনী, সহস্র সহস্র অযুতের জননী হও; তোমার বংশ আপন শত্রুগণের পুরদ্বার অধিকার করুক।

61. इस पर रिबका अपनी सहेलियों समेत चली; और ऊंट पर चढ़के उस पुरूष के पीछे हो ली : सो वह दास रिबका को साथ लेकर चल दिया।

61. পরে রিবিকা ও তাঁহার দাসীগণ উঠিলেন, এবং উষ্ট্রে চড়িয়া সেই মনুষ্যের পশ্চাৎ গমন করিলেন। এইরূপে সেই দাস রিবিকাকে লইয়া প্রস্থান করিলেন।

62. इसहाक जो दक्खिन देश में रहता था, सो लहैरोई नाम कुएं से होकर चला आता था।

62. আর ইস্‌হাক বের্-লহয়্-রোয়ী নামক স্থানে গিয়া ফিরিয়া আসিয়াছিলেন, কেননা তিনি দক্ষিণ দেশে বাস করিতেছিলেন।

63. और सांझ के समय वह मैदान में ध्यान करने के लिये निकला था : और उस ने आंखे उठाकर क्या देखा, कि ऊंट चले आ रहे हैं।

63. ইস্‌হাক সন্ধ্যাকালে ধ্যান করিতে ক্ষেত্রে গিয়াছিলেন, পরে চক্ষু তুলিয়া চাহিলেন, আর দেখ, উষ্ট্র আসিতেছে।

64. और रिबका ने भी आंख उठाकर इसहाक को देखा, और देखते ही ऊंट पर से उतर पड़ी

64. আর রিবিকা চক্ষু তুলিয়া যখন ইস্‌হাককে দেখিলেন,

65. तब उस ने दास से पूछा, जो पुरूष मैदान पर हम से मिलने को चला आता है, सो कौन है? दास ने कहा, वह तो मेरा स्वामी है। तब रिबका ने घूंघट लेकर अपने मुंह को ढ़ाप लिया।

65. তখন উষ্ট্র হইতে নামিয়া সেই দাসকে জিজ্ঞাসা করিলেন, আমাদের সঙ্গে সাক্ষাৎ করিতে ক্ষেত্রের মধ্য দিয়া আসিতেছেন, ঐ পুরুষ কে? দাস কহিলেন, উনি আমার কর্ত্তা। তখন রিবিকা আবরক লইয়া আপনাকে আচ্ছাদন করিলেন।

66. और दास ने इसहाक से अपना सारा वृत्तान्त वर्णन किया।

66. পরে সেই দাস ইস্‌হাককে আপনার কৃত সমস্ত কর্ম্মের বিবরণ কহিলেন।

67. तब इसहाक रिबका को अपनी माता सारा के तम्बू में ले आया, और उसको ब्याहकर उस से प्रेम किया : और इसहाक को माता की मृत्यु के पश्चात् शान्ति हुई।।

67. তখন ইস্‌হাক রিবিকাকে গ্রহণ করিয়া সারা মাতার তাম্বুতে লইয়া গিয়া তাঁহাকে বিবাহ করিলেন, এবং তাঁহাকে প্রেম করিলেন। তাহাতে ইস্‌হাক মাতৃবিয়োগের শোক হইতে সান্ত্বনা পাইলেন।



Shortcut Links
उत्पत्ति - Genesis : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42 | 43 | 44 | 45 | 46 | 47 | 48 | 49 | 50 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |