1 Samuel - 1 शमूएल 8 | View All

1. जब शमूएल बूढ़ा हुआ, तब उस ने अपने पुत्रों को इस्राएलियों पर न्यायी ठहराया।

1. In his old age Samuel appointed his sons judges over Israel.

2. उसके जेठे पुत्रा का नाम योएल, और दूसरे का नाम अबिरयाह था; ये बेर्शेबा में न्याय करते थे।

2. His first-born was named Joel, his second son, Abijah; they judged at Beer-sheba.

3. परन्तु उसके पुत्रा उसकी राह पर न चले, अर्थात् लालच में आकर घूस लेते और न्याय बिगाड़ते थे।।

3. His sons did not follow his example but sought illicit gain and accepted bribes, perverting justice.

4. तब सब इस्राएली वृद्ध लोग इकट्ठे होकर रामा में शमूएल के पास जाकर

4. Therefore all the elders of Israel came in a body to Samuel at Ramah

5. उस से कहने लगे, सुन, तू तो अब बूढ़ा हो गया, और तेरे पुत्रा तेरी राह पर नहीं चलते; अब हम पर न्याय करने के लिये सब जातियों की रीति के अनुसार हमारे लिये एक राजा नियुक्त कर दे।
प्रेरितों के काम 13:21

5. and said to him, 'Now that you are old, and your sons do not follow your example, appoint a king over us, as other nations have, to judge us.'

6. परन्तु जो बात उन्हों ने कही, कि हम पर न्याय करने के लिये हमारे ऊपर राजा नियुक्त कर दे, यह बात शमूएल को बुरी लगी। और शमूएल ने यहोवा से प्रार्थना की।

6. Samuel was displeased when they asked for a king to judge them. He prayed to the LORD, however,

7. और यहोवा ने शमूएल से कहा, वे लोग जो कुछ तुझ से कहें उसे मान ले; क्योंकि उन्हों ने तुझ को नहीं परन्तु मुझी को निकम्मा जाना है, कि मैं उनका राजा न रहूं।

7. who said in answer: 'Grant the people's every request. It is not you they reject, they are rejecting me as their king.

8. जैसे जैसे काम वे उस दिन से, जब से मैं उन्हें मि से निकाल लाया, आज के दिन तक करते आए हैं, कि मुझ को त्यागकर पराए, देवताओं की उपासना करते आए हैं, वैसे ही वे तुझ से भी करते हैं।

8. As they have treated me constantly from the day I brought them up from Egypt to this day, deserting me and worshiping strange gods, so do they treat you too.

9. इसलिये अब तू उनकी बात मान; तौभी तू गम्भीरता से उनको भली भांति समझा दे, और उनको बतला भी दे कि जो राजा उन पर राज्य करेगा उसका व्यवहार किस प्रकार होगा।।

9. Now grant their request; but at the same time, warn them solemnly and inform them of the rights of the king who will rule them.'

10. और शमूएल ने उन लोगों को जो उस से राजा चाहते थे यहोवा की सब बातें कह सुनाईं।

10. Samuel delivered the message of the LORD in full to those who were asking him for a king.

11. और उस ने कहा जो राजा तुम पर राज्य करेगा उसकी यह चाल होगी, अर्थात् वह तुम्हारे पुत्रों को लेकर अपने रथों और घोड़ों के काम पर नौकर रखेगा, और वे उसके रथों के आगे आगे दौड़ा करेंगे;

11. He told them: 'The rights of the king who will rule you will be as follows: He will take your sons and assign them to his chariots and horses, and they will run before his chariot.

12. फिर वह उनको हजार हजार और पचास पचास के ऊपर प्रधान बनाएगा, और कितनों से वह अपने हल जुतवाएगा, और अपने खेत कटवाएगा, और अपने लिये युद्ध के हथियार और रथों के साज बनवाएगा।

12. He will also appoint from among them his commanders of groups of a thousand and of a hundred soldiers. He will set them to do his plowing and his harvesting, and to make his implements of war and the equipment of his chariots.

13. फिर वह तुम्हारी बेटियों को लेकर उन से सुगन्धद्रव्य और रसोई और रोटियां बनवाएगा।

13. He will use your daughters as ointment-makers, as cooks, and as bakers.

14. फिर वह तुम्हारे खेतों और दाख और जलपाई की बारियों में से जो अच्छी से अच्छी होंगे उन्हें ले लेकर अपने कर्मचारियों को देगा।

14. He will take the best of your fields, vineyards, and olive groves, and give them to his officials.

15. फिर वह तुम्हारे बीच और दाख की बारियों को दसवां अंश ले लेकर अपने हाकिमों और कर्मचारियों को देगा।

15. He will tithe your crops and your vineyards, and give the revenue to his eunuchs and his slaves.

16. फिर वह तुम्हारे दास- दासियों को, और तुम्हारे अच्छे से अच्छे जवानों को, और तुम्हारे गदहों को भी लेकर अपने काम में लगाएगा।

16. He will take your male and female servants, as well as your best oxen and your asses, and use them to do his work.

17. वह तुम्हारी भेड़- बकरियों का भी दसवां अंश लेगा; निदान तुम लोग उस के दास बन जाओगे।

17. He will tithe your flocks and you yourselves will become his slaves.

18. और उस दिन तुम अपने उस चुने हुए राजा के कारण दोहाई दोगे, परन्तु यहोवा उस समय तुम्हारी न सुनेगा।

18. When this takes place, you will complain against the king whom you have chosen, but on that day the LORD will not answer you.'

19. तौभी उन लोगों ने शमूएल की बात न सुनी; और कहने लगे, नहीं! हम निश्चय अपने लिये राजा चाहते हैं,
प्रेरितों के काम 13:21

19. The people, however, refused to listen to Samuel's warning and said, 'Not so! There must be a king over us.

20. जिस से हम भी और सब जातियों के समान हो जाएं, और हमारा राजा हमारा न्याय करे, और हमारे आगे आगे चलकर हमारी ओर से युद्ध किया करे।

20. We too must be like other nations, with a king to rule us and to lead us in warfare and fight our battles.'

21. लोगों की ये सब बातें सुनकर शमूएल ने यहोवा के कानों तक पहुंचाया।

21. When Samuel had listened to all the people had to say, he repeated it to the LORD,

22. यहोवा ने शमूएल से कहा, उनकी बात मानकर उनके लिये राजा ठहरा दे। तब शमूएल ने इस्राएली मनुष्यों से कहा, तुम अब अपने अपने नगर को चले जाओ।।

22. who then said to him, 'Grant their request and appoint a king to rule them.' Samuel thereupon said to the men of Israel, 'Each of you go to his own city.'



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