1 Samuel - 1 शमूएल 2 | View All

1. और हन्ना ने प्रार्थना करके कहा, मेरा मन यहोवा के कारण मगन है; मेरा सींग यहोवा के कारण ऊंचा, हुआ है। मेरा मुंह मेरे शत्रुओं के विरूद्ध खुल गया, क्योंकि मैं तेरे किए हुए उद्धार से आनन्दित हूं।
लूका 1:46-47

1. Hannah prayed: 'The LORD has filled my heart with joy; how happy I am because of what he has done! I laugh at my enemies; how joyful I am because God has helped me!

2. यहोवा के तुल्य कोई पवित्रा नहीं, क्योंकि तुझ को छोड़ और कोई है ही नहीं; और हमारे परमेश्वर के समान कोई चट्टान नहीं है।।

2. 'No one is holy like the LORD; there is none like him, no protector like our God.

3. फूलकर अहंकार की ओर बातें मत करो, और अन्धेर की बातें तुम्हारे मुंह से न निकलें; क्योंकि यहोवा ज्ञानी ईश्वर है, और कामों को तौलनेवाला है।।

3. Stop your loud boasting; silence your proud words. For the LORD is a God who knows, and he judges all that people do.

4. शूरवीरों के धनुष टूट गए, और ठोकर खानेवालों की कटि में बल का फेंटा कसा गया।।

4. The bows of strong soldiers are broken, but the weak grow strong.

5. जो पेट भरते थे उन्हें रोटी के लिये मजदूरी करनी पड़ी, जो भूखे थे वे फिर ऐसे न रहे। वरन जो बांझ थी उसके सात हुए, और अनेक बालकों की माता घुलती जाती है।
लूका 1:53

5. The people who once were well fed now hire themselves out to get food, but the hungry are hungry no more. The childless wife has borne seven children, but the mother of many is left with none.

6. यहोवा मारता है और जिलाता भी है; वही अधोलोक में उतारता और उस से निकालता भी है।।

6. The LORD kills and restores to life; he sends people to the world of the dead and brings them back again.

7. यहोवा निर्धन करता है और धनी भी बनाता है, वही नीचा करता और ऊंचा भी करता है।
लूका 1:52

7. He makes some people poor and others rich; he humbles some and makes others great.

8. वह कंगाल को धूलि में से उठाता; और दरिद्र को घूरे में से निकाल खड़ा करता है, ताकि उनको अधिपतियों के संग बिठाए, और महिमायुक्त सिंहासन के अधिकारी बनाए। क्योंकि पृथ्वी के खम्भे यहोवा के हैं, और उस ने उन पर जगत को धरा है।

8. He lifts the poor from the dust and raises the needy from their misery. He makes them companions of princes and puts them in places of honor. The foundations of the earth belong to the LORD; on them he has built the world.

9. वह अपने भक्तों के पावों को सम्भाले रहेगा, परन्तु दुष्ट अन्धियारे में चुपचाप पड़े रहेंगे; क्योंकि कोई मनुष्य अपने बल के कारण प्रबल न होगा।।

9. 'He protects the lives of his faithful people, but the wicked disappear in darkness; a man does not triumph by his own strength.

10. जो यहोवा से झगड़ते हैं वे चकनाचूर होंगे; वह उनके विरूद्ध आकाश में गरजेगा। यहोवा पृथ्वी की छोर तक न्याय करेगा; और अपने राजा को बल देगा, और अपने अभिषिक्त के सींग को ऊंचा करेगा।।
लूका 1:69

10. The LORD's enemies will be destroyed; he will thunder against them from heaven. The LORD will judge the whole world; he will give power to his king, he will make his chosen king victorious.'

11. तब एल्काना रामा को अपने घर चला गया। और वह बालक एली याजक के साम्हने यहोवा की सेवा टहल करने लगा।।

11. Then Elkanah went back home to Ramah, but the boy Samuel stayed in Shiloh and served the LORD under the priest Eli.

12. एली के पुत्रा तो लुच्चे थे; उन्हों ने यहोवा को न पहिचाना।

12. The sons of Eli were scoundrels. They paid no attention to the LORD

13. और याजकों की रीति लोगों के साथ यह थी, कि जब कोई मनुष्य मेलबलि चढ़ाता था तब याजक का सेवक मांस पकाने के समय एक त्रिशूली कांटा हाथ में लिये हुए आकर,

13. or to the regulations concerning what the priests could demand from the people. Instead, when someone was offering a sacrifice, the priest's servant would come with a three-pronged fork. While the meat was still cooking,

14. उसे कड़ाही, वा हांडी, वा हंडे, वा तसले के भीतर डालता था; और जितना मांस कांटे में लग जाता था उतना याजक आप लेता था। यों ही वे शीलो में सारे इस्राएलियों से किया करते थे जो वहां आते थे।

14. he would stick the fork into the cooking pot, and whatever the fork brought out belonged to the priest. All the Israelites who came to Shiloh to offer sacrifices were treated like this.

15. और चर्बी जलाने से पहिले भी याजक का सेवक आकर मेलबलि चढ़ानेवाले से कहता था, कि कबाब के लिये याजक को मांस दे; वह तुझ से पका हुआ नहीं, कच्चा ही मांस लेगा।

15. In addition, even before the fat was taken off and burned, the priest's servant would come and say to the one offering the sacrifice, 'Give me some meat for the priest to roast; he won't accept boiled meat from you, only raw meat.'

16. और जब कोई उस से कहता, कि निश्चय चर्बी अभी जलाई जाएगी, तब जितना तेरा जी चाहे उतना ले लेना, तब वह कहता था, नहीं, अभी दे; नहीं तो मैं छीन लूंगा।

16. If the person answered, 'Let us do what is right and burn the fat first; then take what you want,' the priest's servant would say, 'No! Give it to me now! If you don't, I will have to take it by force!'

17. इसलिये उन जवानों का पाप यहोवा की दृष्टि में बहुत भारी हुआ; क्योंकि वे मनुष्य यहोवा की भेंट का तिरस्कार करते थे।।

17. This sin of the sons of Eli was extremely serious in the LORD's sight, because they treated the offerings to the LORD with such disrespect.

18. परन्तु शमूएल जो बालक था सनी का एपोद पहिने हुए यहोवा के साम्हने सेवा टहल किया करता था।

18. In the meantime the boy Samuel continued to serve the LORD, wearing a sacred linen apron.

19. और उसकी माता प्रति वर्ष उसके लिये एक छोटा सा बागा बनाकर जब अपने पति के संग प्रति वर्ष की मेलबलि चढ़ाने आती थी तब बागे को उसके पास लाया करती थी।

19. Each year his mother would make a little robe and take it to him when she accompanied her husband to offer the yearly sacrifice.

20. और एली ने एल्काना और उसकी पत्नी को आशीर्वाद देकर कहा, यहोवा इस अर्पण किए हुए बालक की सन्ती जो उसको अर्पण किया गया है तुझ को इस पत्नी के वंश दे; तब वे अपने यहां चले गए।

20. Then Eli would bless Elkanah and his wife, and say to Elkanah, 'May the LORD give you other children by this woman to take the place of the one you dedicated to him.' After that they would go back home.

21. और यहोवा ने हन्ना की सुधि ली, और वह गर्भवती हुई ओर उसके तीन बेटे और दो बेटियां उत्पन्न हुई। और शमूएल बालक यहोवा के संग रहता हुआ बढ़ता गया।

21. The LORD did bless Hannah, and she had three more sons and two daughters. The boy Samuel grew up in the service of the LORD.

22. और एली तो अति बूढ़ा हो गया था, और उस ने सुना कि मेरे पुत्रा सारे इस्राएल से कैसा कैसा व्यवहार करते हैं, वरन मिलापवाले तम्बू के द्वार पर सेवा करनेवाली स्त्रियों के संग कुकर्म भी करते हैं।

22. Eli was now very old. He kept hearing about everything his sons were doing to the Israelites and that they were even sleeping with the women who worked at the entrance to the Tent of the LORD's presence.

23. तब उस ने उन से कहा, तुम ऐसे ऐसे काम क्यों करते हो? मैं तो इन सब लोगों से तुम्हारे कुकर्मों की चर्चा सुना करता हूं।

23. So he said to them, 'Why are you doing these things? Everybody tells me about the evil you are doing.

24. हे मेरे बेटों, ऐसा न करो, क्योंकि जो समाचार मेरे सुनने में आता है वह अच्छा नहीं; तुम तो यहोवा की प्रजा से अपराध कराते हो।

24. Stop it, my sons! This is an awful thing the people of the LORD are talking about!

25. यदि एक मनुष्य दूसरे मनुष्य का अपराध करे, तब तो परमेश्वर उसका न्याय करेगा; परन्तु यदि कोई मनुष्य यहोवा के विरूद्ध पाप करे, तो उसके लिये कौन बिनती करेगा? तौभी उन्हों ने अपने पिता की बात न मानी; क्योंकि यहोवा की इच्छा उन्हें मार डालने की थी।

25. If anyone sins against someone else, God can defend the one who is wrong; but who can defend someone who sins against the LORD?' But they would not listen to their father, for the LORD had decided to kill them.

26. परन्तु शमूएल बालक बढ़ता गया और यहोवा और मनुष्य दोनो उस से प्रसन्न रहते थे।।
लूका 2:52

26. The boy Samuel continued to grow and to gain favor both with the LORD and with people.

27. और परमेश्वर का एक जन एली के पास जाकर उस से कहने लगा, यहोवा यों कहता है, कि जब तेरे मूलपुरूष का घराना मि में फिरौन के घराने के वश में था, तब क्या मैं उस पर निश्चय प्रगट न हुआ था?

27. A prophet came to Eli with this message from the LORD: 'When your ancestor Aaron and his family were slaves of the king of Egypt, I revealed myself to Aaron.

28. और क्या मैं ने उसे इस्राएल के सब गोत्रों में से इसलिये चुन नहीं लिया था, कि मेरा याजक होकर मेरी वेदी के ऊपर चढ़ावे चढ़ाए, और धूप जलाए, और मेरे साम्हने एपोद पहिना करे? और क्या मैं ने तेरे मूलपुरूष के घराने को इस्राएलियों के कुल हव्य न दिए थे?

28. From all the tribes of Israel I chose his family to be my priests, to serve at the altar, to burn the incense, and to wear the ephod to consult me. And I gave them the right to keep a share of the sacrifices burned on the altar.

29. इसलिये मेरे मेलबलि और अन्नबलि जिनको मैं ने अपने धाम में चढ़ाने की आज्ञा दी है, उन्हें तुम लोग क्यों पांव तले रौंदते हो? और तू क्यों अपने पुत्रों का आदर मेरे आदर से अधिक करता है, कि तुम लोग मेरी इस्राएली प्रजा की अच्छी से अच्छी भेंटें खा खाके मोटे हो जाओ?

29. Why, then, do you look with greed at the sacrifices and offerings which I require from my people? Why, Eli, do you honor your sons more than me by letting them fatten themselves on the best parts of all the sacrifices my people offer to me?

30. इसलिये इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, कि मैं ने कहा तो था, कि तेरा घराना और तेरे मूलपुरूष का घराना मेरे साम्हने सदैव चला करेगा; परन्तु अब यहोवा की वाणी यह है, कि यह बात मुझ से दूर हो; क्योंकि जो मेरा आदर करें मैं उनका आदर करूंगा, और जो मुझे तुच्छ जानें वे छोटे समझे जाएंगे।

30. I, the LORD God of Israel, promised in the past that your family and your clan would serve me as priests for all time. But now I say that I won't have it any longer! Instead, I will honor those who honor me, and I will treat with contempt those who despise me.

31. सुन, वे दिन आते हैं, कि मैं तेरा भुजबल और तेरे मूलपुरूष के घराने का भुजबल ऐसा तोड़ डालूंगा, कि तेरे घराने में कोई बूढ़ा होने न पाएगा।

31. Listen, the time is coming when I will kill all the young men in your family and your clan, so that no man in your family will live to be old.

32. इस्राएल का कितना ही कल्याण क्यों न हो, तौभी तुझे मेरे धाम का दु:ख देख पड़ेगा, और तेरे घराने में कोई कभी बूढ़ा न होने पाएगा।

32. You will be troubled and look with envy on all the blessings I will give to the other people of Israel, but no one in your family will ever again live to old age.

33. मैं तेरे कुल के सब किसी से तो अपनी वेदी की सेवा न छीनूंगा, परन्तु तौभी तेरी आंखें देखती रह जाएंगी, और तेरा मन शोकित होगा, और तेरे घर की बढ़ती सब अपनी पूरी जवानी ही में मर मिटेंगें।

33. Yet I will keep one of your descendants alive, and he will serve me as priest. But he will become blind and lose all hope, and all your other descendants will die a violent death.

34. और मेरी इस बात का चिन्ह वह विपत्ति होगी जो होप्नी और पीनहास नाम तेरे दोनों पुत्रों पर पड़ेगी; अर्थात् वे दोनो के दोनों एक ही दिन मर जाएंगे।

34. When your two sons Hophni and Phinehas both die on the same day, this will show you that everything I have said will come true.

35. और मैं अपने लिये एक विश्वासयोग्य याजक ठहराऊंगा, जो मेरे हृदय और मन की इच्छा के अनुसार किया करेगा, और मैं उसका घर बसाऊंगा और स्थिर करूंगा, और वह मेरे अभिषिक्त के आगे सब दिन चला फिरा करेगा।

35. I will choose a priest who will be faithful to me and do everything I want him to. I will give him descendants, who will always serve in the presence of my chosen king.

36. और ऐसा होगा कि जो कोई तेरे घराने में बचा रहेगा वह उसी के पास जाकर एक छोटे से टुकड़े चान्दी के वा एक रोटी के लिये दण्डवत् करके कहेगा, याजक के किसी काम में मुझे लगा, जिस से मुझे एक टुकड़ा रोटी मिले।।

36. Any of your descendants who survive will have to go to that priest and ask him for money and food, and beg to be allowed to help the priests, in order to have something to eat.'



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