1 Samuel - 1 शमूएल 13 | View All

1. शाऊल तीस वर्ष का होकर राज्य करने लगा, और उस ने इस्राएलियों पर दो वर्ष तक राज्य किया।

1. শৌল [ত্রিশ] বৎসর বয়সে রাজা হন। দুই বৎসর ইস্রায়েলের উপরে রাজত্ব করিলে পর শৌল আপনার জন্য ইস্রায়েলের মধ্যে তিন সহস্র লোক মনোনীত করিলেন;

2. फिर शाऊल ने इस्राएलियों में से तीन हजार पुरूषों को अपने लिये चुन लिया; और उन में से दो हजार शाऊल के साथ मिकमाश में और बेतेल के पहाड़ पर रहे, और एक हजार योनातान के साथ बिन्यामीन के गिबा में रहे; और दूसरे सब लोगों को उस ने अपने अपने डेरे में जाने को विदा किया।

2. তাহার দুই সহস্র মিক্‌মসে ও বৈথেল পর্ব্বতে শৌলের সহিত থাকিল; এবং এক সহস্র বিন্যামীন প্রদেশস্থ গিবিয়াতে যোনাথনের সহিত থাকিল; আর অন্য সকল লোককে তিনি আপন আপন তাম্বুতে বিদায় করিলেন।

3. तब योनातान ने पलिश्तियों की उस चौकी को जो गिबा में भी मार लिया; और इसका समाचार पलिश्तियों के कानों में पड़ा। तब शाऊल ने सारे देश में नरसिंगा फुंकवाकर यह कहला भेजा, कि इब्री लोग सुनें।

3. পরে যোনাথন গেবাতে স্থিত পলেষ্টীয়দের প্রহরী সৈন্যদলকে আঘাত করিলেন, ও পলেষ্টীয়েরা তাহা শুনিল; তখন শৌল দেশের সর্ব্বত্র তূরী বাজাইয়া কহিলেন, ইব্রীয়েরা শুনুক।

4. और सब इस्राएलियों ने यह समाचार सुना कि शाऊल ने पलिश्तियों की चौकी को मारा है, और यह भी कि पलिश्ती इस्राएल से घृणा करने लगे हैं। तब लोग शाऊल के पीछे चलकर गिलगाल में इकट्ठे हो गए।।

4. তখন সমস্ত ইস্রায়েল এই কথা শুনিল যে, শৌল পলেষ্টীয়দের সেই প্রহরী সৈন্যদলকে আঘাত করিয়াছেন, আর ইস্রায়েল পলেষ্টীয়দের নিকটে ঘৃণাস্পদ হইয়াছে। পরে লোকেরা শৌলের পশ্চাতে গিল্‌গলে সমাহূত হইল।

5. और पलिश्ती इस्राएल से युद्ध करने के लिये इकट्ठे हो गए, अर्थात् तीस हजार रथ, और छ: हजार सवार, और समुद्र के तीर की बालू के किनकों के समान बहुत से लोग इकट्ठे हुए; और बेतावेन के पूर्व की ओर जाकर मिकमाश में छावनी डाली।

5. পরে পলেষ্টীয়েরা ইস্রায়েলের সহিত যুদ্ধ করিতে একত্র হইল; ত্রিশ সহস্র রথ, ছয় সহস্র অশ্বারোহী ও সমুদ্রতীরস্থ বালুকার ন্যায় অসংখ্য লোক আসিল; তাহারা আসিয়া বৈৎ-আবনের পূর্ব্বদিকে মিক্‌মসে শিবির স্থাপন করিল।

6. जब इस्राएली पुरूषों ने देखा कि हम सकेती में पड़े हैं (और सचमुच लोग संकट में पड़े थे), तब वे लोग गुफाओं, झाड़ियों, चट्टानों, गढ़ियों, और गढ़हों में जा छिपे।

6. তখন ইস্রায়েল লোকেরা আপনাদিগকে বিপদ্‌গ্রস্ত দেখিল, কেননা লোকেরা উপদ্রুত হইতেছিল; তখন লোকেরা গুহাতে, ঝোপে, শৈলে, দৃঢ় গৃহে ও গর্ত্তে লুকাইল।

7. और कितने इब्री यरदन पार होकर गाद और गिलाद के देशों में चले गए; परन्तु शाऊल गिलगाल ही में रहा, और सब लोग थरथराते हुए उसके पीछे हो लिए।।

7. আর কতকগুলি ইব্রীয় যর্দ্দন পার হইয়া গাদ ও গিলিয়দ দেশে গেল। কিন্তু তৎকালেও শৌল গিল্‌গলে ছিলেন; এবং তাঁহার পশ্চাদগামী লোক সকল কম্পান্বিত হইতে লাগিল।

8. वह शमूएल के ठहराए हुए समय, अर्थात् सात दिन तक बाट जोहता रहा; परन्तु शमूएल गिलगाल में न आया, और लोग उसके पास से इधर उधर होने लगे।

8. পরে শৌল শমূয়েলের নিরূপিত সময়ানুসারে সাত দিন অপেক্ষা করিলেন; কিন্তু শমূয়েল গিল্‌গলে আগমন করিলেন না, এবং লোকেরা তাঁহার নিকট হইতে ছিন্নভিন্ন হইতে লাগিল।

9. तब शाऊल ने कहा, होमबलि और मेलबलि मेरे पास लाओ। तब उस ने होमबलि को चढ़ाया।

9. তাহাতে শৌল কহিলেন, এই স্থানে আমার নিকটে হোমবলি ও মঙ্গলার্থক বলি আন। পরে তিনি হোমবলি উৎসর্গ করিলেন।

10. ज्योंही वह होमबलि को चढ़ा चुका, तो क्श्या देखता है कि शमूएल आ पहुंचा; और शाऊल उस से मिलने और नमस्कार करने को निकला।

10. হোমবলির উৎসর্গ সমাপ্ত করিবামাত্র দেখ, শমূয়েল উপস্থিত হইলেন; তাহাতে শৌল তাঁহাকে মঙ্গলবাদ করণার্থে তাঁহার সহিত সাক্ষাৎ করিতে গেলেন।

11. शमूएल ने पूछा, तू ने क्या किया? शाऊल ने कहा, जब मैं ने देखा कि लोग मेरे पास से इधर उधर हो चले हैं, और तू ठहराए हुए :दनों के भीतर नहीं आया, और पलिश्ती मिकपाश में इकट्ठे हुए हैं,

11. পরে শমূয়েল কহিলেন, তুমি কি করিলে? শৌল কহিলেন, আমি দেখিলাম, লোকেরা আমার নিকট হইতে ছিন্নভিন্ন হইতেছে, এবং নিরূপিত দিনের মধ্যে আপনিও আইসেন নাই, আর পলেষ্টীয়েরা মিক্‌মসে একত্র হইয়াছে;

12. तब मैं ने सोचा कि पलिश्ती गिलगाल में मुझ पर अभी आ पड़ेंगे, और मैं ने यहोवा से बिनती भी नहीं की है; सो मैं ने अपनी इच्छा न रहते भी होमबलि चढ़ाया।

12. তাই আমি মনে মনে কহিলাম, পলেষ্টীয়েরা এখনই আমার বিরুদ্ধে গিল্‌গলে নামিয়া আসিবে, আর আমি সদাপ্রভুর অনুগ্রহ যাচ্ঞা করি নাই; এই জন্য ইচ্ছা না থাকিলেও আমি হোমবলি উৎসর্গ করিলাম।

13. शमूएल ने शाऊल से कहा, तू ने मूर्खता का काम किया है; तू ने अपने परमेश्वर यहोवा की आज्ञा को नहीं माना; नहीं तो यहोवा तेरा राज्य इस्राएलियों के ऊपर सदा स्थिर रखता।

13. শমূয়েল শৌলকে কহিলেন, তুমি অজ্ঞানের কর্ম্ম করিয়াছ; তোমার ঈশ্বর সদাপ্রভু তোমাকে যে আজ্ঞা দিয়াছেন, তাহা পালন কর নাই; করিলে সদাপ্রভু এখন ইস্রায়েলের উপরে তোমার রাজত্ব চিরকাল স্থায়ী করিতেন।

14. परन्तु अब तेरा राज्य बना न रहेगा; यहोवा ने अपने लिये एक ऐसे पुरूष को ढूंढ़ लिया है जो उसके मन के अनुसार है; और यहोवा ने उसी को अपनी प्रजा पर प्रधान होने को ठहराया है, क्योंकि तू ने यहोवा की आज्ञा को नहीं माना।।
प्रेरितों के काम 13:22

14. কিন্তু এখন তোমার রাজত্ব স্থির থাকিবে না; সদাপ্রভু আপন মনের মত এক জনের অন্বেষণ করিয়া তাহাকেই আপন প্রজাদের অধ্যক্ষপদে নিযুক্ত করিয়াছেন; কেননা সদাপ্রভু তোমাকে যাহা আজ্ঞা করিয়াছিলেন, তুমি তাহা পালন কর নাই।

15. तब शमूएल चल निकला, और गिलगाल से बिन्यामीन के गिबा को गया। और शाऊल ने अपने साथ के लोगों को गिनकर कोई छ: सौ पाए।

15. পরে শমূয়েল উঠিয়া গিল্‌গল হইতে বিন্যামীনের গিবিয়াতে প্রস্থান করিলেন; তখন শৌল আপনার নিকটে বর্ত্তমান লোকদিগকে গণনা করিলেন, তাহারা অনুমান ছয় শত।

16. और शाऊल और उसका पुत्रा योनातान और जो लोग उनके साथ थे वे बिन्यामीन के गिबा में रहे; और पलिश्ती मिकमाश में डेरे डाले पड़े रहे।

16. শৌল, তাঁহার পুত্র যোনাথন ও তাঁহাদের নিকটে বর্ত্তমান লোকেরা বিন্যামীনের গেবাতে থাকিলেন, এবং পলেষ্টীয়েরা মিক্‌মসে শিবির স্থাপন করিয়া রহিল।

17. और पलिश्तियों की छावनी से नाश करनेवाले तीन दल बान्धकर निकल; एक दल ने शूआल नाम देश की ओर फिर के ओप्रा का मार्ग लिया,

17. পরে পলেষ্টীয়দের শিবির হইতে তিন দল বিনাশক সৈন্য বাহির হইল, তাহার এক দল অফ্রার পথে গমন করিয়া শূয়াল প্রদেশে গেল।

18. एक और दल ने मुझकर बेथोरोन का मार्ग लिया, और एक और दल ने मुड़कर उस देश का मार्ग लिया जो सबोईम नाम तराई की ओर जंगल की तरफ है।।

18. আর এক দল বৈৎ-হোরোণের পথের দিকে ফিরিল; এবং আর এক দল প্রান্তরের দিকে সিবোয়িম উপত্যকার অভিমুখী সীমার পথ দিয়া গমন করিল।

19. और इस्राएल के पूरे देश में लोहार कहीं नहीं मिलता था, क्योंकि पलिश्तियों ने कहा था, कि इब्री तलवार वा भाला बनाने न पांए;

19. ঐ সময়ে সমস্ত ইস্রায়েল দেশে কর্ম্মকার পাওয়া যাইত না; কারণ পলেষ্টীয়েরা কহিত, পাছে ইব্রীয়েরা আপনাদের জন্য খড়্‌গ কি বড়শা নির্ম্মাণ করে।

20. इसलिये सब इस्राएली अपने अपने हल की फली, और भाले, और कुल्हाड़ी, और हंसुआ तेज करने के लिये पलिश्तियों के पास जाते थे;

20. এই জন্য আপন আপন হলমুখ বা ফাল বা কুড়ালি বা কুদাল শাণ দিবার জন্য ইস্রায়েলের সমস্ত লোককে পলেষ্টীয়দের কাছে নামিয়া যাইতে হইত।

21. परन्तु उनके हंसुओं, फालों, खेती के त्रिशूलों, और कुल्हाड़ियों की धारें, और पैनों की नोकें ठीक करने के लिये वे रेती रखते थे।

21. সুতরাং সকলের কুদাল, ফাল, বিদা, কুড়ালির ধার এবং শস্ত্রের কাঁটা ভোঁতা ছিল;

22. सो युद्ध के दिन शाऊल और योनातान के साथियों में से किसी के पास न तो तलवार थी और न भाला, वे केवल शाऊल और उसके पुत्रा योनातान के पास रहे।

22. আর যুদ্ধের দিনে শৌলের ও যোনাথনের সঙ্গী লোকদের কাহারও হস্তে খড়্‌গ বা বড়শা পাওয়া গেল না, কেবল শৌলের ও তাঁহার পুত্র যোনাথনের হস্তে পাওয়া গেল।

23. और पलिश्तियों की चौकी के सिपाही निकलकर मिकमाश की घाटी को गए।।

23. পরে পলেষ্টীয়দের প্রহরী সৈন্যদল বাহির হইয়া মিক্‌মসের গিরিপথে আসিল।



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