4. और उन से कहा गया, कि न पृथ्वी की घास को, न किसी हरियाली को, न किसी पेड़ को हानि पहुंचाओ, केवल उन मनुष्यों को जिन के माथे पर परमेश्वर की मुहर नहीं है।
यहेजकेल 9:4
4. আর তাহাদিগকে বলা হইল, পৃথিবীস্থ তৃণের কি হরিদ্বর্ণ শাকের কি কোন বৃক্ষের হানি করিও না, কেবল সেই মনুষ্যদেরই হানি কর, যাহাদের ললাটে ঈশ্বরের মুদ্রাঙ্ক নাই।
5. और उन्हें मार डालते का तो नहीं, पर पांच महीने तक लोगों को पीड़ा देने का अधिकार दिया गया: और उन की पीड़ा ऐसी थी, जैसे बिच्छू के डंक मारने से मनुष्य को होती है।
5. উহাদিগকে বধ করিবার অনুমতি নয়, কেবল পাঁচ মাস পর্য্যন্ত যাতনা দিবার অনুমতি তাহাদিগকে দত্ত হইল; তাহাদের আঘাতে বৃশ্চিকাহত মনুষ্যের যাতনাতুল্য যাতনা হয়।
6. তৎকালে মনুষ্যেরা মৃত্যুর অন্বেষণ করিবে, কিন্তু কোন মতে তাহার উদ্দেশ পাইবে না; তাহারা মরিবার আকাঙ্ক্ষা করিবে, কিন্তু মৃত্যু তাহাদের হইতে পলায়ন করিবে।
15. और वे चारों दूत खोल दिए गए जो उस घड़ी, और दिन, और महीने, और वर्ष के लिये मनुष्यों की एक तिहाई के मार डालने को तैयार किए गए थे।
15. তখন মনুষ্যজাতির তৃতীয় অংশকে বধ করিবার জন্য যে চারি দূতকে সেই দণ্ড, ও দিন ও মাস ও বৎসরের জন্য প্রস্তুত করা হইয়াছিল, তাহারা মুক্ত হইল।
17. और मुझे इस दर्शन में घोड़े और उन के ऐसे सवार दिखाई दिए, जिन की झिलमें आग, और धूम्रकान्त, और गन्धक की सी थीं, और उन घोड़ों के सिर सिंहों के सिरों के से थे: और उन के मुंह से आग, और धुआं, और गन्धक निकलती थी।
निर्गमन 9:16
17. আর দর্শনে আমি সেই অশ্বগণ ও তদারোহী ব্যক্তিদিগকে এইরূপ দেখিতে পাইলাম, তাহাদের বুকপাটা অগ্নিময় ও নীলবর্ণ ও গন্ধকময়, এবং অশ্বগণের মস্তক সিংহ-মস্তকের ন্যায়, ও তাহাদের মুখ হইতে অগ্নি, ধূম ও গন্ধক বাহির হইতেছে।
18. इन तीनों मरियों; अर्थात् आग, और धुएं, और गन्धक से जो उसके मुंह से निकलती थीं, मनुष्यों की एक तिहाई मार डाली गई।
18. ঐ তিন আঘাত দ্বারা, তাহাদের মুখ হইতে নির্গত অগ্নি, ধূম ও গন্ধক দ্বারা, তৃতীয় অংশ মনুষ্য হত হইল।
19. क्योंकि उन घोड़ों की सामर्थ उन के मुंह, और उन की पूंछों में थी; इसलिये कि उन की पूंछे सांपों की सी थीं, और उन पूंछों के सिर भी थे, और इन्हीं से वे पीड़ा पहुंचाते थे।
19. কেননা সেই অশ্বদের শক্তি তাহাদের মুখে ও তাহাদের লাঙ্গুলে; কারণ তাহাদের লাঙ্গুল সর্পের তুল্য এবং মস্তকবিশিষ্ট; তদ্দ্বারাই তাহারা হানি করে।
20. और बाकी मनुष्यों ने जो उन मरियों से न मरे थे, अपने हाथों के कामों से मन न फिराया, कि दुष्टात्माओं की, और सोने और चान्दी, और पीतल, और पत्थर, और काठ की मूरतों की पूजा न करें, जो न देख, न सुन, न चल सकती हैं।
व्यवस्थाविवरण 32:17, भजन संहिता 115:7, भजन संहिता 135:15-17, यशायाह 17:8, दानिय्येल 5:3-4, दानिय्येल 5:23
20. এই সকল আঘাতে যাহারা হত হইল না, সেই অবশিষ্ট মনুষ্যেরা আপন আপন হস্তকৃত কর্ম্ম হইতে মন ফিরাইল না, অর্থাৎ ভূতগণের ভজনা হইতে, এবং “যে প্রতিমাগণ দেখিতে বা শুনিতে বা চলিতে পারে না, সেই সকল স্বর্ণ, রৌপ্য, পিত্তল, প্রস্তর ও কাষ্ঠময় প্রতিমাগণের” ভজনা হইতে নিবৃত্ত হইল না।
21. और जो खून, और टोना, और व्यभिचार, और चोरियां, उन्हों ने की थीं, उन से मन न फिराया।।
2 राजाओं 9:22
21. আর তাহারা আপন আপন নরহত্যা, আপন আপন কুহক, আপন আপন ব্যভিচার ও আপন আপন চৌর্য্য হইতেও মন ফিরাইল না।