Revelation - प्रकाशितवाक्य 4 | View All

1. इन बातों के बाद जो मैं ने दृष्टि की, तो क्या देखता हूं कि स्वर्ग में एक द्वार खुला हुआ है; और जिस को मैं ने पहिले तुरही के से शब्द से अपने साथ बातें करते सुना था, वही कहता है, कि यहां ऊपर आ जा: और मैं वे बातें तुझै दिखाऊंगा, जिन का इन बातों के बाद पूरा होना अवश्य है।
निर्गमन 19:16, निर्गमन 19:20, निर्गमन 19:24, दानिय्येल 2:29, दानिय्येल 2:45

1. After these things I looked, and behold, a door was opened in Heaven. And the first voice which I heard was as it were of a trumpet talking with me, saying, Come up here, and I will show you what must occur after these things.

2. और तुरन्त मैं आत्मा में आ गया; और क्या देखता हूं, कि एक सिंहासन स्वर्ग में धरा है, और उस सिंहासन पर कोई बैठा है।
1 राजाओं 22:19, 2 इतिहास 18:18, भजन संहिता 47:8, यशायाह 6:1, यहेजकेल 1:26-27

2. And immediately I became in spirit. And behold, a throne was set in Heaven, and One sat upon the throne.

3. और जो उस पर बैठा है, वह यशब और मानिक सा दिखाई पड़ता है, और उस सिंहासन के चारों ओर मरकत सा एक मेघधनुष दिखाई देता है।
यहेजकेल 1:26-28

3. And He who sat there looked like a jasper stone and a sardius. And a rainbow was around the throne, looking like an emerald.

4. और उस सिंहासन के चारों ओर चौबीस सिंहासन है; और इन सिंहासनों पर चौबीस प्राचीन श्वेत वस्त्रा पहिने हुए बैठें हैं, और उन के सिरों पर सोने के मुकुट हैं।
यशायाह 24:23

4. And around the throne I saw twenty-four thrones. And on the thrones I saw twenty-four elders sitting, clothed in white clothing. And they had crowns of gold on their heads.

5. और उस सिंहासन में से बिजलियां और गर्जन निकलते हैं और सिंहासन के साम्हने आग के सात दीपक जल रहे हैं, ये परमेश्वर की सात आत्माएं हैं।
यहेजकेल 1:13, जकर्याह 4:2-3

5. And out of the throne came lightnings and thunderings and voices. And seven lamps of fire were burning in front of the throne, which are the seven spirits of God.

6. और उस सिंहासन के साम्हने मानो बिल्लौर के समान कांच का सा समुद्र है, और सिंहासन के बीच में और सिंहासन के चारों ओर चार प्राणी है, जिन के आगे पीछे आंखे ही आंखे हैं।
यहेजकेल 1:5, यहेजकेल 1:18, यहेजकेल 1:22

6. And a sea of glass was in front of the throne, like crystal. And in the midst of the throne, and around the throne, were four living creatures, full of eyes in front and behind.

7. पहिला प्राणी सिंह के समान है, और दूसरा प्राणी का मुंह बछड़े के समान है, तीसरे प्राणी का मुंह मनुष्य का सा है, और चौथा प्राणी उड़ते हुए उकाब के समान है।
यहेजकेल 1:10, यहेजकेल 10:14

7. And the first living creature was like a lion, and the second living creature like a calf, and the third living creature had the face of a man, and the fourth living creature like a flying eagle.

8. और चारों प्राणियों के छ: छ: पंख हैं, और चारों ओर, और भीतर आंखे ही आंखे हैं; और वे रात दिन बिना विश्राम लिए यह कहते रहते हैं, कि पवित्रा, पवित्रा, पवित्रा प्रभु परमेश्वर, सर्वशक्तिमान, जो था, और जो है, और जो आनेवाला है।
निर्गमन 3:14, यशायाह 6:2-3, यशायाह 41:4, यहेजकेल 10:12, आमोस 4:13

8. And each one of the four living creatures had six wings about him, and within being full of eyes. And they had no rest day and night, saying, Holy, holy, holy, Lord God, the Almighty, who was and is and is to come.

9. और जब वे प्राणी उस की जो सिंहासन पर बैठा है, और जो युगानुयुग जीवता है, महिमा और आदर और धन्यवाद करेंगे।
1 राजाओं 22:19, भजन संहिता 47:8, दानिय्येल 4:34, दानिय्येल 6:26, दानिय्येल 12:7

9. And whenever the living creatures gave glory and honor and thanks to Him who sat on the throne, who lives forever and ever,

10. तब चौबीसों प्राचीन सिंहासन पर बैठनेवाले के साम्हने गिर पड़ेंगे, और उसे जो युगानुयुग जीवता है प्रणाम करेंगे; और अपने अपने मुकुट सिंहासन के साम्हने यह कहते हुए डाल देंगे।
1 राजाओं 22:19, भजन संहिता 47:8, दानिय्येल 4:34, दानिय्येल 6:26, दानिय्येल 12:7

10. the twenty-four elders fell down before the One sitting on the throne. And they worshiped Him who lives for ever and ever, and threw their crowns before the throne, saying,

11. कि हमारे प्रभु, और परमेश्वर, तू ही महिमा, और आदर, और सामर्थ के योग्य है; क्योंकि तू ही ने सब वस्तुएं सृजीं और वे तेरी ही इच्छा से थी, और सृजी गईं।।

11. O Lord, You are worthy to receive glory and honor and power, because You created all things, and for Your will they are and were created.



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