3. क्योंकि हम भी पहिले, निर्बुद्धि, और आज्ञा न माननेवाले, और भ्रम में पड़े हुए, और रंग रंग के अभिलाषाओं और सुखविलास के दासत्व में थे, और बैरभाव, और डाह करने में जीवन निर्वाह करते थे, और घृणित थे, और एक दूसरे से बैर रखते थे।
3. endukanagaa manamu kooda munupu avivekulamunu avidheyulamunu mosapoyina vaaramunu naanaavidhamulaina duraashalakunu bhogamulakunu daasulamunaiyundi, dushtatvamunandunu asooya yandunu kaalamugadupuchu, asahyulamai yokani nokadu dveshinchuchu untimi gaani