12. कोई तेरी जवानी को तुच्छ न समझने पाए; पर वचन, और चाल चलन, और प्रेम, और विश्वास, और पवित्राता में विश्वासियों के लिये आदर्श बन जा।
12. No man dispise thi yongthe, but be thou ensaumple of feithful men in word, in lyuyng, in charite, in feith, in chastite.