20. मैं तो यही हार्दिक लालसा और आशा रखता हूं, कि मैं किसी बात में लज्जित न होऊं, पर जैसे मेरे प्रबल साहस के कारण मसीह की बड़ाई मेरी देह के द्वारा सदा होती रही है, वैसा ही अब भी हो चाहे मैं जीवित रहूं वा मर जाऊं।
20. এইরূপে আমার ঐকান্তিকী প্রতীক্ষা ও প্রত্যাশা এই যে, আমি কোন প্রকারে লজ্জাপন্ন হইব না, বরং সম্পূর্ণ সাহস সহকারে, যেমন সর্ব্বদা তেমনি এখনও, খ্রীষ্ট জীবন দ্বারা হউক, কি মৃত্যু দ্বারা হউক, আমার দেহে মহিমান্বিত হইবেন।