Deuteronomy - व्यवस्थाविवरण 32 | View All

1. हे आकाश, कान लगा, कि मैं बोलूं; और हे पृथ्वी, मेरे मुंह की बातें सुन।।

1. আকাশমণ্ডল। কর্ণ দেও, আমি বলি; পৃথিবীও আমার মুখের কথা শুনুক।

2. मेरा उपदेश मेंह की नाईं बरसेगा और मेरी बातें ओस की नाईं टपकेंगी, जैसे कि हरी घास पर झीसी, और पौधों पर झड़ियां।।

2. আমার উপদেশ বৃষ্টির ন্যায় বর্ষিবে, আমার কথা শিশিরের ন্যায় ক্ষরিবে, তৃণের উপরে পতিত বিন্দু বিন্দু বৃষ্টির ন্যায়, শাকের উপরে পতিত জলধারার ন্যায়।

3. मैं तो याहोवा नाम का प्रचार करूंगा। तुम अपने परमेश्वर की महिमा को मानो!

3. কেননা আমি সদাপ্রভুর নাম প্রচার করিব; তোমরা আমাদের ঈশ্বরের মহিমা কীর্ত্তন কর।

4. वह चट्टान है, उसका काम खरा है; और उसकी सारी गति न्याय की है। वह सच्चा ईश्वर है, उस में कुटिलता नहीं, वह धर्मी और सीधा है।।
रोमियों 9:14, प्रकाशितवाक्य 15:3, प्रकाशितवाक्य 16:5

4. তিনি শৈল, তাঁহার কর্ম্ম সিদ্ধ, কেননা তাঁহার সমস্ত পথ ন্যায্য; তিনি বিশ্বাস্য ঈশ্বর,তাঁহাতে অন্যায় নাই; তিনিই ধর্ম্মময় ও সরল।

5. परन्तु इसी जाति के लोग टेढ़े और तिर्छे हैं; ये बिगड़ गए, ये उसके पुत्रा नहीं; यह उनका कलंक है।।
मत्ती 17:17, प्रेरितों के काम 2:40, फिलिप्पियों 2:15

5. ইহারা তাঁহার সম্বন্ধে ভ্রষ্টাচারী, তাঁহার সন্তান নয়, এই ইহাদের কলঙ্ক; ইহারা বিপথগামী ও কুটিল বংশ।

6. हे मूढ़ और निर्बुद्धि लोगों, क्या तुम यहोवा को यह बदला देते हो? क्या वह तेरा पिता नहीं है, जिस ने तुम को मोल लिया है? उस ने तुम को बनाया और स्थिर भी किया है।।
यूहन्ना 8:41

6. তোমরা কি সদাপ্রভুকে এই প্রতিশোধ দিতেছ? হে মূঢ় ও অজ্ঞান জাতি। তিনি কি তোমার পিতা নহেন, যিনি তোমাকে লাভ করিলেন। তিনিই তোমার নির্ম্মাতা ও স্থিতিকর্ত্তা।

7. प्राचीनकाल के दिनों को स्मरण करो, पीढ़ी पीढ़ी के वर्षों को विचारो; अपने बाप से पूछो, और वह तुम को बताएगा; अपने वृद्ध लोगों से प्रश्न करो, और वे तुझ से कह देंगे।।

7. পুরাকালের দিন সকল স্মরণ কর, বহুপুরুষের বৎসর সকল আলোচনা কর; তোমার পিতাকে জিজ্ঞাসা কর, সে জানাইবে; তোমার প্রাচীনদিগকে জিজ্ঞাসা কর, তাহারা বলিবে।

8. जब परमप्रधान ने एक एक जाति को निज निज भाग बांट दिया, और आदमियों को अलग अलग बसाया, तब उस ने देश देश के लोगों के सिवाने इस्राएलियों की गिनती के अनुसार ठहराए।।
प्रेरितों के काम 17:26

8. পরাৎপর যখন জাতিগণকে অধিকার প্রদান করিলেন, যখন মনুষ্য-সন্তানগণকে পৃথক্‌ করিলেন, তখন ইস্রায়েল-সন্তানগণের সংখ্যানুসারেই সেই লোকবৃন্দের সীমা নিরূপণ করিলেন।

9. क्योंकि यहोवा का अंश उसकी प्रजा है; याकूब उसका नपा हुआ निज भाग है।।

9. কেননা সদাপ্রভুর প্রজাই তাঁহার দায়াংশ; যাকোবই তাঁহার রিক্‌থ অধিকার।

10. उस ने उसको जंगल में, और सुनसान और गरजनेवालों से भरी हुई मरूभूमि में पाया; उस ने उसके चंहु ओर रहकर उसकी रक्षा की, और अपनी आंख की पुतली की नाई उसकी सुधि रखी।।

10. তিনি তাহাকে পাইলেন প্রান্তর-দেশে, পশুগর্জ্জনময় ঘোর মরুভূমিতে; তিনি তাহাকে বেষ্টন করিলেন, তাহার তত্ত্ব লইলেন, নয়ন-তারার ন্যায় তাহাকে রক্ষা করিলেন।

11. जैसे उकाब अपने घोंसले को हिला हिलाकर अपने बच्चों के ऊपर ऊपर मण्डलाता है, वैसे ही उस ने अपने पंख फैलाकर उसको अपने परों पर उठा लिया।।

11. ঈগল যেমন আপন বাসা জাগাইয়া তুলে, আপন শাবকগণের উপরে পাখা দোলায়, পক্ষ বিস্তার করিয়া তাহাদিগকে তুলে, পালখের উপরে তাহাদিগকে বহন করে;

12. यहोवा अकेला ही उसकी अगुवाई करता रहा, और उसके संग कोई पराया देवता न था।।

12. তদ্রূপ সদাপ্রভু একাকী তাহাকে লইয়া গেলেন; তাঁহার সহিত কোন বিজাতীয় দেবতা ছিল না।

13. उस ने उसको पृथ्वी के ऊंचे ऊंचे स्थानों पर सवार कराया, और उसको खेतों की उपज खिलाई; उस ने उसे चट्टान में से मधु और चकमक की चट्ठान में से तेल चुसाया।।

13. তিনি পৃথিবীর উচ্চস্থলী সকলের উপর দিয়া তাহাকে আরোহণ করাইলেন, সে ক্ষেত্রের শস্য ভোজন করিল; তিনি তাহাকে পাষাণ হইতে মধু পান করাইলেন, চক্‌মকি প্রস্তরময় শৈল হইতে তৈল [দিলেন];

14. गायों का दही, और भेड़- बकरियों का दूध, मेम्नों की चर्बी, बकरे और बाशान की जाति के मेढ़े, और गेहूं का उत्तम से उत्तम आटा भी; और तू दाखरस का मधु पिया करता था।।

14. তিনি গোরুর নবনীত, মেষীর দুগ্ধ, মেষশাবকের মেদ সহ, বাশন দেশজাত মেষ, ও ছাগ, এবং উত্তম গোমের সার তাহাকে দিলেন; তুমি দ্রাক্ষার রক্ত দ্রাক্ষারস পান করিলে।

15. परन्तु यशूरून मोटा होकर लात मारने लगा; तू मोटा और हृष्ट- पुष्ट हो गया, और चर्बी से छा गया है; तब उस ने अपने सृजनहार ईश्वर को तज दिया, और अपने उद्धारमूल चट्टान को तुच्छ जाना।।

15. কিন্তু যিশুরূণ হৃষ্টপুষ্ট হইয়া পদাঘাত করিল। তুমি হৃষ্টপুষ্ট, স্থূল ও তৃপ্ত হইলে; অমনি সে আপন নির্ম্মাতা ঈশ্বরকে ছাড়িল, আপন পরিত্রাণের শৈলকে লঘু জ্ঞান করিল।

16. उन्हों ने पराए देवताओं को मानकर उस में जलन उपजाई; और घृणित कर्म करके उसको रिस दिलाई ।।

16. তাহারা বিজাতীয় দেবগণ দ্বারা তাঁহার অন্তর্জ্বালা জন্মাইল, ঘৃণার্হ বস্তু দ্বারা তাঁহাকে অসন্তুষ্ট করিল।

17. उन्हों ने पिशाचों के लिये जो ईश्वर न थे बलि चढ़ाए, और उनके लिये वे अनजाने देवता थे, वे तो नये नये देवता थे जो थोड़े ही दिन से प्रकट हुए थे, और जिन से उनके पुरखा कभी डरे नहीं।
1 कुरिन्थियों 10:20, प्रकाशितवाक्य 9:20

17. তাহারা বলিদান করিল ভূতগণের উদ্দেশে, যাহারা ঈশ্বর নয়, দেবগণের উদ্দেশে, যাহাদিগকে তাহারা জানিত না, নূতন, নবজাত দেবগণের উদ্দেশে, যাহাদিগকে তোমাদের পিতৃগণ ভয় করিত না।

18. जिस चट्टान से तू उत्पन्न हुआ उसको तू भूल गया, और ईश्वर जिस से तेरी उत्पत्ति हुई उसको भी तू भूल गया है।।
इब्रानियों 1:2, इब्रानियों 11:3

18. তুমি আপন জন্মদাতা শৈলের প্রতি উদাসীন, আপন জনক ঈশ্বরকে বিস্মৃত হইলে।

19. इन बातों को देखकर यहोवा ने उन्हें तुच्छ जाना, क्योंकि उसके बेटे- बेटियों ने उसे रिस दिलाई थी।।

19. সদাপ্রভু দেখিলেন, ঘৃণা করিলেন, নিজ পুত্রকন্যাদের কৃত অসন্তোষজনক কার্য্য প্রযুক্ত।

20. तब उस ने कहा, मैं उन से अपना मुख छिपा लूंगा, और देखूंगा कि उनका अन्त कैसा होगा, क्योंकि इस जाति के लोग बहुत टेढ़े हैं और धोखा देनेवाले पुत्रा हैं।
मत्ती 17:17

20. তিনি কহিলেন, আমি উহাদের হইতে আপন মুখ আচ্ছাদন করিব; উহাদের শেষদশা কি হইবে, দেখিব; কেননা উহারা বিপরীতাচারী বংশ, উহারা বিশ্বাসঘাতক সন্তান।

21. उन्हों ने ऐसी वस्तु मानकर जो ईश्वर नहीं हैं, मुझ में जलन उत्पन्न की; और अपनी व्यर्थ वस्तुओं के द्वारा मुझे रिस दिलाई। इसलिये मैं भी उनके द्वारा जो मेरी प्रजा नहीं हैं उनके मन में जलन उत्पन्न करूंगा; और एक मूढ़ जाति के द्वारा उन्हें रिस दिलाऊंगा।।
रोमियों 10:19, रोमियों 11:11, 1 कुरिन्थियों 10:22

21. উহারা অনীশ্বর দ্বারা আমার অন্তর্জ্বালা জন্মাইল, স্ব স্ব অসার বস্তু দ্বারা আমাকে অসন্তুষ্ট করিল; আমিও নজাতি দ্বারা উহাদের অন্তর্জ্বালা জন্মাইব, মূঢ় জাতি দ্বারা উহাদিগকে অসন্তুষ্ট করিব।

22. क्योंकि मेरे कोप की आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और पृथ्वी अपनी उपज समेत भस्म हो जाएगी, और पहाड़ों की नेवों में भी आग लगा देगी।।

22. কেননা আমার ক্রোধে অগ্নি প্রজ্বলিত হইল, তাহা অধঃস্থ পাতাল পর্য্যন্ত দগ্ধ করে, পৃথিবী ও তদুৎপন্ন বস্তু গ্রাস করে, পর্ব্বত সকলের মূলে আগুন লাগায়।

23. मैं उन पर विपत्ति पर विपत्ति भेजूंगा; और उन पर मैं अपने सब तीरों को छोडूंगा।।

23. আমি তাহাদের উপরে অমঙ্গল রাশি করিব, তাহাদের প্রতি আমার বাণ সকল ছুড়িব।

24. वे भूख से दुबले हो जाएंगे, और अंगारों से और कठिन महारोगों से ग्रसित हो जाएंगे; और मैं उन पर पशुओं के दांत लगवाऊंगा, और धूलि पर रेंगनेवाले सर्पों का विष छोड़ दूंगा।।

24. তাহারা ক্ষুধাতে ক্ষীণ হইবে, জ্বলন্ত অঙ্গারে ও উগ্র সংহারে কবলিত হইবে; আমি তাহাদের কাছে জন্তুদের দন্ত পাঠাইব, ধূলিস্থ উরোগামীদের বিষ সহকারে।

25. बाहर वे तलवार से मरेंगे, और कोठरियों के भीतर भय से; क्या कुंवारे और कुंवारियां, क्या दूध पीता हुआ बच्चा क्या पक्के बालवाले, सब इसी प्रकार बरबाद होंगे।

25. বাহির খড়গ, গৃহমধ্যে মহাভয় বিনাশ করিবে; যুবক ও কুমারীকে, দগ্ধপোষ্য শিশু ও শুক্লকেশ বৃদ্ধকে মারিবে।

26. मैं ने कहा था, कि मैं उनको दूर दूर से तित्तर- बित्तर करूंगा, और मनुष्यों में से उनका स्मरण तक मिटा डालूंगा;

26. আমি বলিলাম, তাহাদিগকে উড়াইয়া দিব, মনুষ্যদের মধ্য হইতে তাহাদের স্মৃতি লোপ করিব।

27. परन्तु मुझे शत्रुओं की छेड़ छाड़ का डर था, ऐसा न हो कि द्रोही इसको उलटा समझकर यह कहने लगें, कि हम अपने ही बाहुबल से प्रबल हुए, और यह सब यहोवा से नहीं हुआ।।

27. কিন্তু ভয় করি, পাছে শত্রু বিরক্ত করে, পাছে তাহাদের বিপক্ষগণ বিপরীত বিচার করে, পাছে তাহারা বলে, আমাদেরই হস্ত উন্নত, এ সকল কার্য্য সদাপ্রভু করেন নাই।

28. यह जाति युक्तहीन तो है, और इन में समझ है ही नहीं।।

28. কেননা উহারা যুক্তিবিহীন জাতি, উহাদের মধ্যে বিবেচনা নাই।

29. भला होता कि ये बुद्धिमान होते, कि इसको समझ लेते, और अपने अन्त का विचार करते!
लूका 19:42

29. আহা, কেন তাহারা জ্ঞানবান হইয়া এই কথা বুঝে না? কেন আপনাদের শেষদশা বিবেচনা করে না?

30. यदि उनकी चट्टान ही उनको न बेच देती, और यहोवा उनको औरों के हाथ में न कर देता; तो यह क्योंकर हो सकता कि उनके हजार का पीछा एक मनुष्य करता, और उनके दस हजार को दो मनुष्य भगा देते?

30. এক জন কিরূপে সহস্র লোককে তাড়াইয়া দেয়, দুই জন দশ সহস্রকে পলাতক করে? না, তাহাদের শৈল তাহাদিগকে বিক্রয় করিলেন, সদাপ্রভু তাহাদিগকে সমর্পণ করিলেন।

31. क्योंकि जैसी हमारी चट्टान है वैसी उनकी चट्टान नहीं है, चाहे हमारे शत्रु ही क्यों न न्यायी हों।।

31. কেননা উহাদের শৈল আমাদের শৈলের তুল্য নয়, আমাদের শত্রুরাও এইরূপ বিচার করে।

32. क्योंकि उनकी दाखलता सदोम की दाखलता से निकली, और अमोरा की दाख की बारियों में की है; उनकी दाख विषभरी और उनके गुच्छे कड़वे हैं;

32. কারণ তাহাদের দ্রাক্ষালতা সদোমের দ্রাক্ষালতা হইতে উৎপন্ন; ঘমোরার ক্ষেত্রস্থ দ্রাক্ষালতা হইতে উৎপন্ন; তাহাদের দ্রাক্ষাফল বিষময়, তাহাদের গুচ্ছ তিক্ত;

33. उनका दाखमधु सांपों का सा विष और काले नागों का सा हलाहल है।।

33. তাহাদের দ্রাক্ষারস নাগদিগের গরল, তাহা কালসর্পের উৎকট হলাহল।

34. क्या यह बात मेरे मन में संचित, और मेरे भण्डारों में मुहरबन्द नहीं है?

34. ইহা কি আমার কাছে সঞ্চিত নহে? আমার ধনাগারে মুদ্রাঙ্ক দ্বারা রক্ষিত নহে?

35. पलटा लेना और बदला देना मेरा ही काम है, यह उनके पांव फिसलने के समय प्रगट होगा; क्योंकि उनकी विपत्ति का दिन निकट है, और जो दुख उन पर पड़नेवाले है वे शीघ्र आ रहे हैं।।
लूका 21:22, रोमियों 12:19, इब्रानियों 10:30

35. প্রতিশোধ ও প্রতিফলদান আমারই কর্ম্ম, যে সময়ে তাহাদের পা পিছলিয়া যাইবে; কেননা তাহাদের বিপদের দিন নিকটবর্ত্তী, তাহাদের জন্য যাহা যাহা নিরূপিত, শীঘ্রই আসিবে।

36. क्योंकि जब यहोवा देखेगा कि मेरी प्रजा की शक्ति जाती रही, और क्या बन्धुआ और क्या स्वाधीन, उन में कोई बचा नहीं रहा, तब यहोवा अपने लोगों का न्याय करेगा, और अपने दासों के विषय में तरस खाएगा।।
इब्रानियों 10:30

36. কারণ সদাপ্রভু আপন প্রজাদের বিচার করিবেন, আপন দাসদের উপরে সদয় হইবেন; যেহেতু তিনি দেখিবেন, তাহাদের শক্তি গিয়াছে, বদ্ধ কি মুক্ত কেহই নাই।

37. तब वह कहेगा, उनके देवता कहां हैं, अर्थात वह चट्टान कहां जिस पर उनका भरोसा था,

37. তিনি বলিবেন, কোথায় তাহাদের দেবগণ, কোথায় সেই শৈল, যাহার শরণ লইয়াছিল,

38. जो उनके बलिदानों की चर्बी खाते, और उनके तपावनों का दाखमधु पीते थे? वे ही उठकर तुम्हारी सहायता करें, और तुम्हारी आड़ हों!

38. যাহা তাহাদের বলির মেদ ভোজন করিত, তাহাদের পেয় নৈবেদ্যের দ্রাক্ষারস পান করিত? তাহারাই উঠিয়া তোমাদের সাহায্য করুক, তাহারাই তোমাদের আশ্রয় হউক।

39. इसलिये अब तुम देख लो कि मैं ही वह हूं, और मेरे संग कोई देवता नहीं; मैं ही मार डालता, और मैं जिलाता भी हूं; मैं ही घायल करता, और मैं ही चंगा भी करता हूं; और मेरे हाथ से कोई नहीं छुड़ा सकता।।

39. এখন দেখ, আমি, আমিই তিনি; আমি ব্যতীত কোন ঈশ্বর নাই; আমি বধ করি, আমিই সজীব করি; আমি আঘাত করিয়াছি, আমিই সুস্থ করি; আমার হস্ত হইতে উদ্ধারকারী কেহই নাই।

40. क्योंकि मैं अपना हाथ स्वर्ग की ओर उठाकर कहता हूं, क्योंकि मैं अनन्त काल के लिये जीवित हूं,
प्रकाशितवाक्य 10:5-6

40. কেননা আমি আকাশের দিকে হস্ত উঠাই, আর বলি, আমি অনন্তজীবী,

41. सो यदि मैं बिजली की तलवार पर सान धरकर झलकाऊं, और न्याय को अपने हाथ में ले लूं, तो अपने द्रोहियों से बदला लूंगा, और अपने बैरियों को बदला दूंगा।।

41. আমি যদি আপন খড়গবজ্রে শাণ দিই, যদি বিচারসাধনে হস্তক্ষেপ করি, তবে আমার বিপক্ষগণের প্রতিশোধ লইব, আমার বিদ্বেষীদিগকে প্রতিফল দিব।

42. मैं अपने तीरों को लोहू से मतवाला करूंगा, और मेरी तलवार मांस खाएगी वह लोहू, मारे हुओं और बन्धुओं का, और वह मांस, शत्रुओं के प्रधानों के शीश का होगा।।

42. আমি নিজ বাণ সকল মত্ত করিব রক্তপানে, হত ও বন্দি লোকদের রক্তপানে; আমার খড়গ মাংস ভক্ষণ করিবে, শত্রু-সেনানিগণের মস্তক [খাইবে]।

43. हे अन्यजातियों, उसकी प्रजा के साथ आनन्द मनाओ; क्योंकि वह अपने दासों के लोहू का पलटा लेगा, और अपने द्रोहियों को बदला देगा, और अपने देश और अपनी प्रजा के पाप के लिये प्रायश्चित देगा।
रोमियों 15:10, इब्रानियों 1:6, प्रकाशितवाक्य 6:10, प्रकाशितवाक्य 18:20, प्रकाशितवाक्य 19:2

43. জাতিগণ, তাঁহার প্রজাদের সহিত হর্ষনাদ কর; কেননা তিনি আপন দাসদের রক্তের প্রতিফল দিবেন, আপন বিপক্ষগণের প্রতিশোধ লইবেন, আপন দেশের জন্য, আপন প্রজাগণের জন্য প্রায়শ্চিত্ত করিবেন।

44. इस गीत के सब वचन मूसा ने नून के पुत्रा होशे समेत आकर लोगों को सुनाए।

44. আর মোশি ও নূনের পুত্র হোশেয় আসিয়া লোকদের কর্ণগোচরে এই গীতের সমস্ত কথা কহিলেন।

45. जब मूसा ये सब वचन सब इस्राएलियों से कह चुका,

45. মোশি সমস্ত ইস্রায়েলের কাছে এই সকল কথা সমাপ্ত করিলেন;

46. तब उस ने उन से कहा कि जितनी बातें मैं आज तुम से चिताकर कहता हूं उन सब पर अपना अपाना मन लगाओ, और उनके अर्थात् इस व्यवस्था की सारी बातों के मानने में चौकसी करने की आज्ञा अपने लड़केबालों को दो।

46. আর তাহাদিগকে কহিলেন, আমি অদ্য তোমাদের কাছে সাক্ষ্যরূপে যাহা যাহা কহিলাম, তোমরা সেই সমস্ত কথায় মনোযোগ কর, আর তোমাদের সন্তানগণ যেন এই ব্যবস্থার সকল কথা পালন করিতে যত্নবান হয়, এই জন্য তাহাদিগকে তাহা আদেশ করিতে হইবে।

47. क्योंकि यह तुम्हारे लिये व्यर्थ काम नहीं, परन्तु तुम्हारा जीवन ही है, और ऐसा करने से उस देश में तुम्हारी आयु के दिन बहुत होंगे, जिसके अधिकारी होने को तुम यरदन पार जा रहे हो।।

47. বস্তুতঃ ইহা তোমাদের পক্ষে নিরর্থক বাক্য নহে, কেননা ইহা তোমাদের জীবন, এবং তোমরা যে দেশ অধিকার করিতে যর্দ্দন পার হইয়া যাইতেছ, সেই দেশে এই বাক্য দ্বারা দীর্ঘায়ু হইবে।

48. फिर उसी दिन यहोवा ने मूसा से कहा,

48. সেই দিবসে সদাপ্রভু মোশিকে কহিলেন, তুমি এই অবারীম পর্ব্বতে,

49. उस अबारीम पहाड़ की नबो नाम चोटी पर, जो मोआब देश में यरीहो के साम्हने है, चढ़कर कनान देश जिसे मैं इस्राएलियों की निज भूमि कर देता हूं उसको देख ले।
प्रेरितों के काम 7:5-45

49. অর্থাৎ যিরীহোর সম্মুখে অবস্থিত মোয়াব দেশস্থ নবো পর্ব্বতে উঠ, এবং আমি অধিকারার্থে ইস্রায়েল-সন্তানগণকে যে দেশ দিতেছি, সেই কনান দেশ দর্শন কর।

50. तब जैसा तेरा भाई हारून होर पहाड़ पर मरकर अपने लोगों में मिल गया, वैसा ही तू इस पहाड़ पर चढ़कर मर जाएगा, और अपने लोगों में मिल जाएगा।

50. আর তোমার ভ্রাতা হারোণ যেমন হোর পর্ব্বতে মরিয়া আপন লোকদের নিকট সংগৃহিত হইল, তদ্রূপ তুমি যে পর্ব্বতে উঠিবে, তোমাকে তথায় মরিয়া আপন লোকদের নিকটে সংগৃহীত হইতে হইবে;

51. इसका कारण यह है, कि सीन जंगल में, कादेश के मरीबा नाम सोते पर, तुम दोनों ने मेरा अपराध किया, क्योंकि तुम ने इस्राएलियों के मध्य में मुझे पवित्रा न ठहराया।

51. কেননা সিন প্রান্তরে কাদেশস্থ মরীবা জলের নিকটে তোমরা ইস্রায়েল-সন্তানগণের মধ্যে আমার বিরুদ্ধে সত্যলঙ্ঘন করিয়াছিলে, ফলতঃ ইস্রায়েল-সন্তানগণের মধ্যে আমাকে পবিত্র বলিয়া মান্য কর নাই।

52. इसलिये वह देश जो मैं इस्राएलियों को देता हूं, तू अपने साम्हने देख लेगा, परन्तु वहां जाने न पाएगा।।

52. তুমি আপনার সম্মুখে দেশ দেখিবে, কিন্তু আমি ইস্রায়েল-সন্তানগণকে যে দেশ দিতেছি, তথায় প্রবেশ করিতে পাইবে না।



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