21. सब प्रकार की प्रधानता, और अधिकार, और सामर्थ, और प्रभुता के, और हर एक नाम के ऊपर, जो न केवल इस लोक में, पर आनेवाले लोक में भी लिया जाएगा, बैठाया।
21. far above all rule and authority, power and dominion, and every name that can be invoked, not only in the present age but also in the one to come.