Romans - रोमियों 9 | View All

1. मैं मसीह में सच कहता हूं, झूठ नहीं बोलता और मेरा विवेक भी पवित्रा आत्मा में गवाही देता है।

1. I tell the truth in Christ. I am not lying, my conscience testifying with me in the Holy Spirit,

2. कि मुझे बड़ा शोक है, और मेरा मन सदा दुखता रहता है।

2. that I have great sorrow and unceasing pain in my heart.

3. क्योंकि मैं यहां तक चाहता था, कि अपने भाईयों, के लिये जो शरीर के भाव से मेरे कुटुम्बी हैं, आप ही मसीह से शापित हो जाता।
निर्गमन 32:32

3. For I could wish that I myself were accursed from Christ for my brothers' sake, my relatives according to the flesh,

4. वे इस्त्राएली हैं; और लेपालकपन का हक्क और महिमा और वाचाएं और व्यवस्था और उपासना और प्रतिज्ञाएं उन्हीं की हैं।
निर्गमन 4:22, व्यवस्थाविवरण 7:6, व्यवस्थाविवरण 14:1-2

4. who are Israelites; whose is the adoption, the glory, the covenants, the giving of the law, the service, and the promises;

5. पुरखे भी उन्हीं के हैं, और मसीह भी शरीर के भाव से उन्हीं में से हुआ, जो सब के ऊपर परम परमेश्वर युगानुयुग धन्य है। आमीन।
भजन संहिता 41:13

5. of whom are the fathers, and from whom is Christ as concerning the flesh, who is over all, God, blessed forever. Amen.

6. परन्तु यह नहीं, कि परमेश्वर का वचन टल गया, इसलिये कि जो इस्त्राएल के वंश हैं, वे सब इस्त्राएली नहीं।
गिनती 23:19

6. But it is not as though the word of God has come to nothing. For they are not all Israel, that are of Israel.

7. और न इब्राहीम के वंश होने के कारण सब उस की सन्तान ठहरे, परन्तु (लिखा है) कि इसहाक ही से तेरा वंश कहलाएगा।
उत्पत्ति 21:12

7. Neither, because they are Abraham's seed, are they all children. But, 'In Isaac will your seed be called.'

8. अर्थात् शरीर की सन्तान परमेश्वर की सन्तान नहीं, परन्तु प्रतिज्ञा के सन्तान वंश गिने जाते हैं।

8. That is, it is not the children of the flesh who are children of God, but the children of the promise are counted as a seed.

9. क्योंकि प्रतिज्ञा का वचन यह है, कि मैं इस समय के अनुसार आऊंगा, और सारा के पुत्रा होगा।
उत्पत्ति 18:10, उत्पत्ति 18:14

9. For this is a word of promise, 'At the appointed time I will come, and Sarah will have a son.'

10. और केवल यही नहीं, परन्तु जब रिबका भी एक से अर्थात् हमारे पिता इसहाक से गर्भवती थी।
उत्पत्ति 25:21

10. Not only so, but Rebecca also conceived by one, by our father Isaac.

11. और अभी तक न तो बालक जन्मे थे, और न उन्हों ने कुछ भला या बुरा किया था कि उस ने कहा, कि जेठा छुटके का दास होगा।

11. For being not yet born, neither having done anything good or bad, that the purpose of God according to election might stand, not of works, but of him who calls,

12. इसलिये कि परमेश्वर की मनसा जो उसके चुन लेने के अनुसार है, कर्मों के कारण नहीं, परन्तु बुलानेवाले पर बनी रहे।
उत्पत्ति 25:23

12. it was said to her, 'The elder will serve the younger.'

13. जैसा लिखा है, कि मैं ने याकूब से प्रेम किया, परन्तु एसौ को अप्रिय जाना।।
मलाकी 1:2-3

13. Even as it is written, 'Jacob I loved, but Esau I hated.'

14. सो हम क्या कहें? क्या परमेश्वर के यहां अन्याय है? कदापि नहीं!
व्यवस्थाविवरण 32:4

14. What shall we say then? Is there unrighteousness with God? May it never be!

15. क्योंकि वह मूसा से कहता है, मैं जिस किसी पर दया करना चाहूं, उस पर दया करूंगा, और जिस किसी पर कृपा करना चाहूं उसी पर कृपा करूंगा।
निर्गमन 33:19

15. For he said to Moses, 'I will have mercy on whom I have mercy, and I will have compassion on whom I have compassion.'

16. सो यह न तो चाहनेवाले की, न दौड़नेवाले की परन्तु दया करनेवाले परमेश्वर की बात है।

16. So then it is not of him who wills, nor of him who runs, but of God who has mercy.

17. क्योंकि पवित्रा शास्त्रा में फिरौन से कहा गया, कि मैं ने तुझे इसी लिये खड़ा किया है, कि तुझ में अपनी सामर्थ दिखाऊं, और मेरे नाम का प्रचार सारी पृथ्वी पर हो।

17. For the Scripture says to Pharaoh, 'For this very purpose I caused you to be raised up, that I might show in you my power, and that my name might be published abroad in all the earth.'

18. सो वह जिस पर चाहता है, उस पर दया करता है; और जिसे चाहता है, उसे कठोर कर देता है।
निर्गमन 4:21, निर्गमन 7:3, निर्गमन 9:12, निर्गमन 14:4, निर्गमन 14:17

18. So then, he has mercy on whom he desires, and he hardens whom he desires.

19. सो तू मुझ से कहेगा, वह फिर क्यों दोष लगाता है? कौन उस की इच्छा का साम्हना करता हैं?

19. You will say then to me, 'Why does he still find fault? For who withstands his will?'

20. हे मनुष्य, भला तू कौन है, जो परमेश्वर का साम्हना करता है? क्या गढ़ी हुई वस्तु गढ़नेवाले से कह सकती है कि तू ने मुझे ऐसा क्यों बनाया है?
यशायाह 29:16, यशायाह 45:9

20. But indeed, O man, who are you to reply against God? Will the thing formed ask him who formed it, 'Why did you make me like this?'

21. क्या कुम्हार को मिट्टी पर अधिकार नहीं, कि एक ही लौंदे मे से, एक बरतन आदर के लिये, और दूसरे को अनादर के लिये बनाए? तो इस में कौन सी अचम्भे की बात है?
यिर्मयाह 18:6, यशायाह 29:16, यशायाह 45:9

21. Or hasn't the potter a right over the clay, from the same lump to make one part a vessel for honor, and another for dishonor?

22. कि परमेश्वर ने अपना क्रोध दिखाने और अपनी सामर्थ प्रगट करने की इच्छा से क्रोध के बरतनों की, जो विनाश के लिये तैयार किए गए थे बड़े धीरज से सही।
यशायाह 54:16, यिर्मयाह 50:25

22. What if God, willing to show his wrath, and to make his power known, endured with much patience vessels of wrath made for destruction,

23. और दया के बरतनों पर जिन्हें उस ने महिमा के लिये पहिले से तैयार किया, अपने महिमा के धन को प्रगट करने की इच्छा की?

23. and that he might make known the riches of his glory on vessels of mercy, which he prepared beforehand for glory,

24. अर्थात् हम पर जिन्हें उस ने न केवल यहूदियों में से बरन अन्यजातियों में से भी बुलाया।

24. us, whom he also called, not from the Jews only, but also from the Gentiles?

25. जैसा वह होशे की पुस्तक में भी कहता है, कि जो मेरी प्रजा न थी, उन्हें मैं अपनी प्रजा कहूंगा, और जो प्रिया न थी, उसे प्रिया कहूंगा।
होशे 2:23

25. As he says also in Hosea, 'I will call them 'my people,' which were not my people; And her 'beloved,' who was not beloved.'

26. और ऐसा होगा कि जिस जगह में उन से यह कहा गया था, कि तुम मेरी प्रजा नहीं हो, उसी जगह वे जीवते परमेश्वर की सन्तान कहलाएंगे।
होशे 1:10

26. It will be that in the place where it was said to them, 'You are not my people,' There they will be called 'children of the living God.''

27. और यशायाह इस्त्राएल के विषय में पुकारकर कहता है, कि चाहे इस्त्राएल की सन्तानों की गिनती समुद्र के बालू के बारबर हो, तौभी उन में से थोड़े ही बचेंगे।
यशायाह 10:22-23

27. Isaiah cries concerning Israel, 'If the number of the children of Israel are as the sand of the sea, It is the remnant who will be saved;

28. क्योंकि प्रभु अपना वचन पृथ्वी पर पूरा करके, धार्मिकता से शीघ्र उसे सिद्ध करेगा।
यशायाह 10:22-23

28. For He will finish the work and cut it short in righteousness, Because the LORD will make a short work upon the earth.'

29. जैसा यशायाह ने पहिले भी कहा था, कि यदि सेनाओं का प्रभु हमारे लिये कुछ वंश न छोड़ता, तो हम सदोम की नाईं हो जाते, और अमोरा के सरीखे ठहरते।।
यशायाह 1:9

29. As Isaiah has said before, 'Unless the Lord of Hosts had left us a seed, We would have become like Sodom, And would have been made like Gomorrah.'

30. सो हम क्या कहें? यह कि अन्यजातियों ने जो धार्मिकता की खोज नहीं करते थे, धार्मिकता प्राप्त की अर्थात् उस धार्मिकता को जो विश्वास से है।

30. What shall we say then? That the Gentiles, who didn't follow after righteousness, attained to righteousness, even the righteousness which is of faith;

31. परन्तु इस्त्राएली; जो धर्म की व्यवस्था की खोज करते हुए उस व्यवस्था तक नहीं पहुंचे।

31. but Israel, following after a law of righteousness, didn't arrive at the law of righteousness.

32. किस लिये? इसलिये कि वे विश्वास से नहीं, परन्तु मानों कर्मों से उस की खोज करते थे: उन्हों ने उस ठोकर के पत्थर पर ठोकर खाई।
यशायाह 8:14

32. Why? Because they didn't seek it by faith, but as it were by works of the law. They stumbled over the stumbling stone;

33. जैसा लिखा है; देखो मैं सिरयोन में एक ठेस लगने का पत्थर, और ठोकर खाने की चटान रखता हूं; और जो उस पर विश्वास करेगा, वह लज्जित न होगा।।
यशायाह 28:16

33. even as it is written, 'Behold, I lay in Zion a stumbling stone and a rock of offense; And no one who believes in him will be disappointed.'



Shortcut Links
रोमियों - Romans : 1 | 2 | 3 | 4 | 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12 | 13 | 14 | 15 | 16 |
उत्पत्ति - Genesis | निर्गमन - Exodus | लैव्यव्यवस्था - Leviticus | गिनती - Numbers | व्यवस्थाविवरण - Deuteronomy | यहोशू - Joshua | न्यायियों - Judges | रूत - Ruth | 1 शमूएल - 1 Samuel | 2 शमूएल - 2 Samuel | 1 राजाओं - 1 Kings | 2 राजाओं - 2 Kings | 1 इतिहास - 1 Chronicles | 2 इतिहास - 2 Chronicles | एज्रा - Ezra | नहेम्याह - Nehemiah | एस्तेर - Esther | अय्यूब - Job | भजन संहिता - Psalms | नीतिवचन - Proverbs | सभोपदेशक - Ecclesiastes | श्रेष्ठगीत - Song of Songs | यशायाह - Isaiah | यिर्मयाह - Jeremiah | विलापगीत - Lamentations | यहेजकेल - Ezekiel | दानिय्येल - Daniel | होशे - Hosea | योएल - Joel | आमोस - Amos | ओबद्याह - Obadiah | योना - Jonah | मीका - Micah | नहूम - Nahum | हबक्कूक - Habakkuk | सपन्याह - Zephaniah | हाग्गै - Haggai | जकर्याह - Zechariah | मलाकी - Malachi | मत्ती - Matthew | मरकुस - Mark | लूका - Luke | यूहन्ना - John | प्रेरितों के काम - Acts | रोमियों - Romans | 1 कुरिन्थियों - 1 Corinthians | 2 कुरिन्थियों - 2 Corinthians | गलातियों - Galatians | इफिसियों - Ephesians | फिलिप्पियों - Philippians | कुलुस्सियों - Colossians | 1 थिस्सलुनीकियों - 1 Thessalonians | 2 थिस्सलुनीकियों - 2 Thessalonians | 1 तीमुथियुस - 1 Timothy | 2 तीमुथियुस - 2 Timothy | तीतुस - Titus | फिलेमोन - Philemon | इब्रानियों - Hebrews | याकूब - James | 1 पतरस - 1 Peter | 2 पतरस - 2 Peter | 1 यूहन्ना - 1 John | 2 यूहन्ना - 2 John | 3 यूहन्ना - 3 John | यहूदा - Jude | प्रकाशितवाक्य - Revelation |

Explore Parallel Bibles
21st Century KJV | A Conservative Version | American King James Version (1999) | American Standard Version (1901) | Amplified Bible (1965) | Apostles' Bible Complete (2004) | Bengali Bible | Bible in Basic English (1964) | Bishop's Bible | Complementary English Version (1995) | Coverdale Bible (1535) | Easy to Read Revised Version (2005) | English Jubilee 2000 Bible (2000) | English Lo Parishuddha Grandham | English Standard Version (2001) | Geneva Bible (1599) | Hebrew Names Version | Hindi Bible | Holman Christian Standard Bible (2004) | Holy Bible Revised Version (1885) | Kannada Bible | King James Version (1769) | Literal Translation of Holy Bible (2000) | Malayalam Bible | Modern King James Version (1962) | New American Bible | New American Standard Bible (1995) | New Century Version (1991) | New English Translation (2005) | New International Reader's Version (1998) | New International Version (1984) (US) | New International Version (UK) | New King James Version (1982) | New Life Version (1969) | New Living Translation (1996) | New Revised Standard Version (1989) | Restored Name KJV | Revised Standard Version (1952) | Revised Version (1881-1885) | Revised Webster Update (1995) | Rotherhams Emphasized Bible (1902) | Tamil Bible | Telugu Bible (BSI) | Telugu Bible (WBTC) | The Complete Jewish Bible (1998) | The Darby Bible (1890) | The Douay-Rheims American Bible (1899) | The Message Bible (2002) | The New Jerusalem Bible | The Webster Bible (1833) | Third Millennium Bible (1998) | Today's English Version (Good News Bible) (1992) | Today's New International Version (2005) | Tyndale Bible (1534) | Tyndale-Rogers-Coverdale-Cranmer Bible (1537) | Updated Bible (2006) | Voice In Wilderness (2006) | World English Bible | Wycliffe Bible (1395) | Young's Literal Translation (1898) | Hindi Reference Bible |