42. और जब तू अपनी ही आंख का लट्ठा नहीं देखता, तो अपने भाई से क्योंकर कह सकता है, हे भाई, ठहर जा तेरी आंख से तिनके को निकाल दूं? हे कपटी, पहिले अपनी आंख से लट्ठा निकाल, तब जो तिनका तेरे भाई की आंख में है, भली भांति देखकर निकाल सकेगा।
42. or how canst thou say to thy brother, Brother, allow [me], I will cast out the mote that is in thine eye, thyself not seeing the beam that is in thine eye? Hypocrite, cast out first the beam out of thine eye, and then thou shalt see clear to cast out the mote which is in the eye of thy brother.