Mark - मरकुस 1 | View All

1. परमेश्वर के पुत्रा यीशु मसीह के सुसमाचार का आरम्भ।

1. The beginning of the Gospell of Jesu Christ the son of God,

2. जैसे यशायाह भविष्यद्वकता की पुस्तक में लिखा है कि देख; मैं अपने दूत को तेरे आगे भेजता हूं, जो तेरे लिये मार्ग सुधारेगा।
निर्गमन 23:20, मलाकी 3:1

2. as it is written in the prophets, behold I send my messenger before thy face which shall prepare thy way before thee.

3. जंगल में एक पुकारनेवाले का शब्द सुनाई दे रहा है कि प्रभु का मार्ग तैयार करो, और उस की सड़कें सीधी करो।
यशायाह 40:3

3. The voice of one that crieth(a crier) in the wilderness: prepare ye the way of the Lord, make his paths straight.

4. यूहन्ना आया, जो जंगल में बपतिस्मा देता, और पापों की क्षमा के लिये मनफिराव के बपतिस्मा का प्रचार करता था।

4. John did baptise in the wilderness, and preach the baptism of repentance,(amendment) for the remission of sins.

5. और सारे यहूदिया देश के, और यरूशलेम के सब रहनेवाले निकलकर उसके पास गए, और अपने पापों को मानकर यरदन नदी में उस से बपतिस्मा लिया।

5. And all the land of Jewry, and they of Jerusalem went out unto him, and were all baptised of him in the river Jordan, knowledging,(confessing) their sins.

6. यूहन्ना ऊंट के रोम का वस्त्रा पहिने और अपनी कमर में चमड़ें का पटुका बान्धे रहता था ओर टिडि्डयां और वन मधु खाया करता था।
2 राजाओं 1:8, जकर्याह 13:4

6. John was clothed with camel's hair, and with a girdle of a beast's skin about his loins. And he ate(did eat) locusts and wild honey,

7. और यह प्रचार करता था, कि मेरे बाद वह आने वाला है, जो मुझ से शक्तिमान है; मैं इस योग्य नहीं कि झुककर उसके जूतों का बन्ध खोलूं।

7. and preached saying: a stronger than I cometh after me, whose shoe latchet I am not worthy to stoop down and unloose.

8. मैं ने तो तुम्हें पानी से बपतिस्मा दिया है पर वह तुम्हें पवित्रा आत्मा से बपतिस्मा देगा।।

8. I have baptised you with water: but he shall baptise you with the holy ghost.

9. उन दिनों में यीशु ने गलील के नासरत से आकर, यरदन में यूहन्ना से बपतिस्मा लिया।

9. And it came to pass in those days, that Jesus came from Nazareth, a city of Galilee: and was baptised of John in Jordan.

10. और जब वह पानी से निकलकर ऊपर आया, तो तुरन्त उस ने आकाश को खुलते और आत्मा को कबूतर की नाईं अपने ऊपर उतरते देखा।

10. And immediately he came(as soon as he was come) out of the water, and(John) saw the heavens open, and the holy ghost descending upon him like a dove.

11. और यह आकाशवाणी हई, कि तू मेरा प्रिय पुत्रा है, तुझ से मैं प्रसन्न हूं।।
उत्पत्ति 22:2, भजन संहिता 2:7, यशायाह 42:1

11. And there came a voice from heaven: Thou art my dear son, in whom I delight.

12. तब आत्मा ने तुरन्त उस को जंगल की ओर भेजा।

12. And immediately the spirit drove(drave) him into a wilderness:

13. और जंगल में चालीस दिन तक शैतान ने उस की परीक्षा की; और वह वन पशुओं के साथ रहा; और स्वर्गदूत उन की सेवा करते रहे।।

13. and he was there in the wilderness forty days, and was tempted of Satan, and was with wild beasts. And the angels ministered unto him.

14. यूहन्ना के पकड़वाए जाने के बाद यीशु ने गलील में आकर परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार प्रचार किया।

14. After that John was taken, Jesus came into Galilee, preaching the gospel(gospell) of the kingdom of God,

15. और कहा, समय पूरा हुआ है, और परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है; मन फिराओ और सुसमाचार पर विश्वास करो।।

15. and saying: the time is ful come,(fulfilled) and the kingdom of God is even at hand, repent(Amend) and believe the gospel.(gospell)

16. गलील की झील के किनारे किनारे जाते हुए, उस ने शमौन और उसके भाई अन्द्रियास को झील में जाल डालते देखा; क्योंकि वे मछुवे थे।

16. As he walked by the sea of Galilee, he saw Simon and Andrew his brother casting nets into the sea, for they were fishers.

17. और यीशु ने उन से कहा; मेरे पीछे चले आओ; मैं तुम को मनुष्यों के मछुवे बनाऊंगा।

17. And Jesus said unto them: follow me, and I will make you to be fishers of men.

18. वे तुरन्त जालों को छोड़कर उसके पीछे हो लिए।

18. And they straightway forsook their nets, and followed him.

19. और कुछ आगे बढ़कर, उस ने जब्दी के पुत्रा याकूब, और उसके भाई यहून्ना को, नाव पर जालों को सुधारते देखा।

19. And when he had gone a little further thence, he saw James the son of Zebede, and John his brother, even as they were in the ship dressing(mending) their nets.

20. उस ने तुरन्त उन्हें बुलाया; और वे अपने पिता जब्दी को मजदूरी के साथ नाव पर छोड़कर, उसके पीछे चले गए।।

20. And anon he called them. And they left their father Zebede in the ship with his hired servants, and went their way after him.

21. और वे कफरनहूम में आए, और वह तुरन्त सब्त के दिन सभा के घर में जाकर उपदेश करने लगा।

21. And they entered into Capernaum, and straight way on the Sabbath days he entered into the synagogue and taught.

22. और लोग उसके उपदेश से चकित हुए; क्योंकि वह उन्हें शास्त्रियों की नाईं नहीं, परन्तु अधिकारी की नाई उपदेश देता था।

22. And they marveled(were astonied) at his learning. For he taught them as one which(that) had power with him, and not as the scribes did.

23. और उसी समय, उन की सभा के घर में एक मनुष्य था, जिस में एक अशुद्ध आत्मा थी।

23. And there was in the(their) synagogue, a man vexed with an unclean spirit, and he(that) cried

24. उस ने चिल्लाकर कहा, हे यीशु नासरी, हमें तुझ से क्या काम? क्या तू हमें नाश करने आया है? मैं तुझे जानता हूं, तू कौन है? परमेश्वर का पवित्रा जन!
भजन संहिता 89:19

24. saying: let me alone:(be) what have we to do with thee (thou) Jesus of Nazareth? Art thou come to destroy us? I know (thee) what thou art, thou art (even) that holy man promised of God.

25. यीशु ने उसे डांटकर कहा, चुप रह; और उस में से निकल जा।

25. And Jesus rebuked him, saying: hold thy peace and come out of the man.(him.)

26. तब अशुद्ध आत्मा उस को मरोड़कर, और बड़े शब्द से चिल्लाकर उस में से निकल गई।

26. And the unclean spirit tare him, (and) cried out with a loud voice, and came out of him.

27. इस पर सब लोग आश्चर्य करते हुए आपस में वाद- विवाद करने लगे कि यह क्या बात है? यह तो कोई नया उपदेश है! वह अधिकार के साथ अशुद्ध आत्माओं को भी आज्ञा देता है, और वे उस की आज्ञा मानती हैं।

27. And they were all amazed, insomuch that they demanded one of another among themselves, saying: what thing is this? what new doctrine is this? for he commandeth the foul spirits with power, and they obey him.

28. सो उसका नाम तुरन्त गलील के आस पास के सारे देश में हर जगह फैल गया।।

28. Anon(And immediately) his name(fame) spread abroad throughout all the region bordering on Galilee.

29. और वह तुरन्त आराधनालय में से निकलकर, याकूब और यूहन्ना के साथ शमौन और अन्द्रियास के घर आया।

29. And immediately(forthwith) as soon as they were come out of the Synagogue, they entered into the house of Simon and Andrew with James and John.

30. और शमौन की सास ज्वर से पीड़ित थी, और उन्हों ने तुरन्त उसके विषय में उस से कहा।

30. (And) Simon's mother-in-law lay sick of a fever, and anon they told him of her.

31. तब उस ने पास जाकर उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया; और उसका ज्वर उस पर से उतर गया, और वह उन की सेवा- टहल करने लगी।।

31. And he came and took her by the hand and lifted her up, and the fever forsook her by and by: And she ministered unto them.

32. सन्ध्या के समय जब सूर्य डूब गया तो लोग सब बीमारों को और उन्हें जिन में दुष्टात्मा भीं उसके पास लाए।

32. And at even when the sun(son) was down, they brought unto him all that were diseased, and them that were possessed with devils,

33. और सारा नगर द्वार पर इकट्ठा हुआ।

33. and all the city gathered together at the door,

34. और उस ने बहुतों को जो नाना प्रकार की बीमारियों से दुखी थे, चंगा किया; और बहुत से दुष्टात्माओं को निकाला; और दुष्टात्माओं को बोलने न दिया, क्योंकि वे उसे पहचानती थीं।।

34. and he healed many that were sick of divers diseases. And he cast out many devils and suffered not the devils(them not) to speak, because they knew him.

35. और भोर को दिन निकलने से बहुत पहिले, वह उठकर निकला, और एक जंगली स्थान में गया और वहां प्रार्थना करने लगा।

35. And in the morning very early, Jesus arose and went out into a solitary place, and there prayed.

36. तब शमौन और उसके साथी उस की खोज में गए।

36. And Simon and they that were with him followed after him.

37. जब वह मिला, तो उस से कहा; कि सब लोग तुझे ढूंढ रहे हैं।

37. And when they had found him, they said unto him: all men seek for thee.

38. उस न उन से कहा, आओ; हम ओर कहीं आस पास की बस्तियों में जाएं, कि मैं वहां भी प्रचार करूं, क्योंकि मै। इसी लिये निकला हूं।

38. And he said unto them: let us go in to the next towns, that I may preach there also: for truly I came out for that purpose.

39. सो वह सारे गलील में उन की सभाओं में जा जाकर प्रचार करता और दुष्टात्माओं को निकालता रहा।।

39. And he preached in their synagogues, throughout all Galilee, and cast (the) devils out.

40. और एक कोढ़ी ने उसके पास आकर, उस से बिनती की, और उसके साम्हने घुटने टेककर, उस से कहा; यदि तू चाहे तो मुझे शुद्ध कर सकता है।

40. And there came a leper to him beseeching him, and kneeled down unto him, and said unto him: if thou wilt, thou arte able to(canst) make me clean.

41. उस ने उस पर तरस खाकर हाथ बढ़ाया, और उसे छूकर कहा; मैं चाहता हूं तू शुद्ध हो जा।

41. (And) Jesus had compassion on him, and put forth his hand, touched him, and said unto him: I will, be (thou) clean.

42. और तुरन्त उसका कोढ़ जाता रहा, और वह शुद्ध हो गया।

42. And as soon as he had spoken, immediately the leprosy departed from him, and he was cleansed.

43. तब उस ने उसे चिताकर तुरन्त विदा किया।

43. And he charged him and sent him away forthwith

44. और उस से कहा, देख, किसी से कुछ मत कहना, परन्तु जाकर अपने आप को याजक को दिखा, और अपने शुद्ध होने के विषय में जो कुछ मूसा ने ठहराया है उसे भेंट चढ़ा, कि उन पर गवाही हो।
लैव्यव्यवस्था 13:49, लैव्यव्यवस्था 14:2-32

44. and said unto him: See that thou tell no(say nothing to any) man, but get thee hence and shew thyself to the priest, and offer for thy cleansing, those things which Moses commanded, for a testimonial unto them.

45. परन्तु वह बाहर जाकर इस बात को बहुत प्रचार करने और यहां तक फैलाने लगा, कि यीशु फिर खुल्लमखुल्ला नगर में न जा सका, परन्तु बाहर जंगली स्थानों में रहा; औश्र चहुंओर से लागे उसके पास आते रहे।।

45. But he (as soon as he was departed) began to tell many things and to publish the deed, insomuch that Jesus could no more openly enter into the city, but was without in desert places, and they came to him from every quarter.



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