1. इस्राएल के विषय में यहोवा का कहा हुआ भारी वचन: यहोवा को आकाश का ताननेवाला, पृथ्वी की नेव डालनेवाला और मनुष्य की आत्मा का रचनेवाला है, उसकी यह वाणी है,
1. The burden of the word of Jehovah concerning Israel. [Thus] saith Jehovah, who stretcheth out the heavens, and layeth the foundation of the earth, and formeth the spirit of man within him:
2. देखो, मैं यरूशलेम को चारों ओर की सब जातियों के लिये लड़खड़ा देने के मद का कटोरा ठहरा दूंगा; और जब यरूशलेम घेर लिया जाएगा तब यहूदा की दशा भी ऐसी ही होगी।
2. Behold, I will make Jerusalem a cup of bewilderment unto all the peoples round about, and also against Judah shall it be in the siege against Jerusalem.
3. और उस समय पृथ्वी की सारी जातियां यरूशलेम के विरूद्ध इकट्ठी होंगी, तब मैं उसको इतना भारी पत्थर बनाऊंगा, कि जो उसको उठाएंगे वे बहुत ही घायल होंगे।
लूका 21:24, प्रकाशितवाक्य 11:2
3. And it shall come to pass in that day [that] I will make Jerusalem a burdensome stone unto all peoples: all that burden themselves with it shall certainly be wounded, and all the nations of the earth shall be assembled together against it.
4. यहोवा की यह वाणी है, उस समय मैं हर एक घोड़े का घबरा दूंगा, और उसके सवार को धायल करूंगा। परन्तु मैं यहूदा के घराने पर कृपादृष्टि रखूंगा, जब मैं अन्यजातियों के सब घोड़ों को अन्धा कर डालूंगा।
4. In that day, saith Jehovah, I will smite every horse with astonishment, and his rider with madness; but I will open mine eyes upon the house of Judah, and will smite every horse of the peoples with blindness.
6. उस समय मैं यहूदा के अधिपतियों को ऐसा कर दूंगा, जैसी लकड़ी के ढेर में आग भरी अंगेठी वा पूले में जलती हुई मशाल होती है, अर्थात् वे दहिने बांए चारों ओर के सब लोगों को भस्म कर डालेंगे; और यरूशलेम जहां अब बसी है, वहीं बसी रहेगी, यरूशलेम में।।
6. In that day will I make the leaders of Judah like a hearth of fire among wood, and like a torch of fire in a sheaf; and they shall devour all the peoples round about, on the right hand and on the left; and Jerusalem shall dwell again in her own place, in Jerusalem.
8. उस समय यहोवा यरूशलेम के निवासियों को मानो ढाल से बचा लेगा, और उस सकय उन में से जो ठोकर खानेवाला हो वह दाऊद के समान होगा; और दाऊद का घराना परमेश्वर के समान होगा, अर्थात् यहोवा के उस दूत के समान जो उनके आगे आगे चलता था।
8. In that day will Jehovah defend the inhabitants of Jerusalem; and he that stumbleth among them at that day shall be as David; and the house of David as God, as the Angel of Jehovah before them.
10. और मैं दाऊद के घराने और यरूशलेम के निवासियों पर अपना अनुग्रह करनेवाली और प्रार्थना सिखानेवाली आत्मा उण्डेलूंगा, तब वे मुझे ताकेंगे अर्थात् जिसे उन्हों ने बेधा है, और उसके लिये ऐसे रोएंगे जैसे एकलौते पुत्रा के लिये रोते- पीटते हैं, और ऐसा भारी शोक करेंगे, जैसा पहिलौठे के लिये करते हैं।
यूहन्ना 19:37, मत्ती 24:30, प्रकाशितवाक्य 1:7
10. And I will pour upon the house of David and upon the inhabitants of Jerusalem the spirit of grace and of supplications; and they shall look on me whom they pierced, and they shall mourn for him, as one mourneth for an only [son], and shall be in bitterness for him, as one that is in bitterness for [his] firstborn.
12. सारे देश में विलाप होगा, हर एक परिवार में अलग अलग; अर्थात् दाऊद के घराने का परिवार अलग, और उनकी स्त्रियां अलग; नातान के घराने का परिवार अलग, और उनकी स्त्रियां अलग;
मत्ती 24:30, प्रकाशितवाक्य 1:7
12. And the land shall mourn, every family apart: the family of the house of David apart, and their wives apart; the family of the house of Nathan apart, and their wives apart;