Leviticus - लैव्यव्यवस्था 4 | View All

1. फिर यहोवा ने मूसा से कहा

1. And Yahweh spoke to Moses, saying,

2. कि इस्त्राएलियों से यह कह, कि यदि कोई मनुष्य उन कामों में से जिनको यहोवा ने मना किया है किसी काम को भूल से करके पापी हो जाए;

2. Speak to the sons of Israel, saying, If anyone will sin unintentionally, in any of the things which Yahweh has commanded not to be done, and will do any one of them:

3. और यदि अभिषिक्त याजक ऐसा पाप करे, जिस से प्रजा दोषी ठहरे, तो अपने पाप के कारण वह एक निर्दोष बछड़ा यहोवा को पापबलि करके चढ़ाए।

3. if the anointed priest will sin so as to bring guilt on the people, then let him offer for his sin, which he has sinned, a young bull without blemish to Yahweh for a sin-offering.

4. और वह उस बछड़े को मिलापवाले तम्बू के द्वार पर यहोवा के आगे ले जाकर उसके सिर पर हाथ रखे, और उस बछड़े को यहोवा के साम्हने बलि करे।

4. And he will bring the bull to the door of the tent of meeting before Yahweh; and he will lay his hand on the head of the bull, and kill the bull before Yahweh.

5. और अभिषिक्त याजक बछड़े के लोहू में से कुछ लेकर मिलापवाले तम्बू में ले जाए;

5. And the anointed priest will take of the blood of the bull, and bring it to the tent of meeting:

6. और याजक अपनी उंगली लोहू मे डुबो डुबोकर और उस में से कुछ लेकर पवित्रास्थान के बीचवाले पर्दे के आगे यहोवा के साम्हने सात बार छिड़के।

6. and the priest will dip his finger in the blood, and sprinkle of the blood seven times before Yahweh, before the veil of the sanctuary.

7. और याजक उस लोहू में से कुछ और लेकर सुगन्धित धूप की वेदी के सींगो पर जो मिलापवाले तम्बू में है यहोवा के साम्हने लगाए; फिर बछड़े के सब लोहू को वेदी के पाए पर जो मिलापवाले तम्बू के द्वार पर है उंडेल दे।

7. And the priest will put of the blood on the horns of the altar of sweet incense before Yahweh, which is in the tent of meeting; and all the blood of the bull he will pour out at the base of the altar of burnt-offering, which is at the door of the tent of meeting.

8. फिर वह पापबलि के बछड़े की सब चरबी को उस से अलग करे, अर्थात् जिस चरबी से अंतड़ियां ढपी रहती हैं, और जितनी चरबी उन में लिपटी रहती है,

8. And all the fat of the bull of the sin-offering he will take off from it; the fat that covers the insides, and all the fat that is on the insides,

9. और दोनों गुर्दे और उनके ऊपर की चरबी जो कमर के पास रहती है, और गुर्दों समेत कलेजे के ऊपर की झिल्ली, इन सभों को वह ऐसे अलग करे,

9. and the two kidneys, and the fat that is on them, which is by the loins, and the caul on the liver, with the kidneys, he will take away,

10. जैसे मेलबलिवाले चढ़ावे के बछड़े से अलग किए जाते हैं, और याजक इनको होमबलि की वेदी पर जलाए।

10. as it is taken off from the ox of the sacrifice of peace-offerings: and the priest will burn them on the altar of burnt-offering.

11. और उस बछड़े की खाल, पांव, सिर, अंतड़ियां, गोबर,

11. And the skin of the bull, and all its flesh, with its head, and with its legs, and its insides, and its dung,

12. और सारा मांस, निदान समूचा बछड़ा छावनी से बाहर शुद्ध स्थान में, जहां राख डाली जाएगी, ले जाकर लकड़ी पर रखकर आग से जलाए; जहां राख डाली जाती है वह वहीं जलाया जाए।।

12. even the whole bull he will carry forth outside the camp to a clean place, where the ashes are poured out, and burn it on wood with fire: where the ashes are poured out, it will be burned.

13. और इन बातों में से किसी भी बात के विषय में जो कोई पाप करे, याजक उसका प्रायश्चित्त करे, और तब वह पाप क्षमा किया जाएगा। और इस पापबलि का शेष अन्नबलि के शेष की नाई याजक का ठहरेगा।।

13. And if the whole congregation of Israel should err, and the thing has been hid from the eyes of the assembly, and they have done any of the things which Yahweh has commanded not to be done, and are guilty;

14. तो जब उनका किया हुआ पाप प्रगट हो जाए तब मण्डली एक बछड़े को पापबलि करके चढ़ाए। वह उसे मिलापवाले तम्बू के आगे ले जाए,

14. when the sin in which they have sinned is known, then the assembly will offer a young bull for a sin-offering, and bring it before the tent of meeting.

15. और मण्डली के वृद्ध लोग अपने अपने हाथों को यहोवा के आगे बछड़े के सिर पर रखें, और वह बछड़ा यहोवा के साम्हने बलि किया जाए।

15. And the elders of the congregation will lay their hands on the head of the bull before Yahweh; and the bull will be killed before Yahweh.

16. और अभिषिक्त याजक बछड़े के लोहू में से कुछ मिलापवाले तम्बू में ले जाए;

16. And the anointed priest will bring of the blood of the bull to the tent of meeting:

17. और याजक अपनी उंगली लोहू में डुबो डुबोकर उसे बीचवाले पर्दे के आगे सात बार यहोवा के साम्हने छिड़के।

17. and the priest will dip his finger in the blood, and sprinkle it seven times before Yahweh, before the veil.

18. और उसी लोहू में से वेदी के सींगों पर जो यहोवा के आगे मिलापवाले तम्बू में है लगाए; और बचा हुआ सब लोहू होमबलि की वेदी के पाए पर जो मिलापवाले तम्बू के द्वार पर है उंडेल दे।

18. And he will put of the blood on the horns of the altar which is before Yahweh in the tent of meeting; and all the blood he will pour out at the base of the altar of burnt-offering, which is at the door of the tent of meeting.

19. और वह बछड़े की कुल चरबी निकालकर वेदी पर जलाए।

19. And all its fat he will take off from it, and burn it on the altar.

20. और जैसे पापबलि के बछड़े से किया था वैसे ही इस से भी करे; इस भांति याजक इस्त्राएलियों के लिये प्रायश्चित्त करे, तब उनका पाप क्षमा किया जाएगा।

20. Thus he will do with the bull; as he did with the bull of the sin-offering, so he will do with this; and the priest will make atonement for them, and they will be forgiven.

21. और वह बछड़े को छावनी से बाहर ले जाकर उसी भांति जलाए जैसे पहिले बछड़े को जलाया था; यह तो मण्डली के निमित्त पापबलि ठहरेगा।।

21. And he will carry forth the bull outside the camp, and burn it as he burned the first bull: it is the sin-offering for the assembly.

22. जब कोई प्रधान पुरूष पाप करके, अर्थात् अपने परमेश्वर यहोवा कि किसी आज्ञा के विरूद्ध भूल से कुछ करके दोषी हो जाए,

22. When a ruler sins, and does unintentionally any one of all the things which Yahweh his God has commanded not to be done, and is guilty;

23. और उसका पाप उस पर प्रगट हो जाए, तो वह एक निर्दोष बकरा बलिदान करने के लिये ले आए;

23. if his sin, in which he has sinned, is made known to him, he will bring for his oblation a goat, a male without blemish.

24. और बकरे के सिर पर अपना हाथ धरे, और बकरे को उस स्थान पर बलि करे जहां होमबलि पशु यहोवा के आगे बलि किये जाते हैं; यह तो पापबलि ठहरेगा।

24. And he will lay his hand on the head of the goat, and kill it in the place where the burnt-offering will be killed before Yahweh: it is a sin-offering.

25. और याजक अपनी उंगली से पापबलि पशु के लोहू में से कुछ लेकर होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए, और उसका लोहू होमबलि की वेदी के पाए पर उंडेल दे।

25. And the priest will take of the blood of the sin-offering with his finger, and put it on the horns of the altar of burnt-offering; and its blood he will pour out at the base of the altar of burnt-offering.

26. और वह उसकी कुल चरबी को मेलबलि की चरबी की नाई वेदी पर जलाए; और याजक उसके पाप के विषय में प्रायश्चित्त करे, तब वह क्षमा किया जाएगा।।

26. And all its fat he will burn on the altar, as the fat of the sacrifice of peace-offerings; and the priest will make atonement for him as concerning his sin, and he will be forgiven.

27. और यदि साधारण लोगों में से कोई अज्ञानता से पाप करे, अर्थात् कोई ऐसा काम जिसे यहोवा ने माना किया हो करके दोषी हो, और उसका वह पाप उस पर प्रगट हो जाए,

27. And if anyone of the common people sins unintentionally, in doing any of the things which Yahweh has commanded not to be done, and will be guilty;

28. तो वह उस पाप के कारण एक निर्दोष बकरी बलिदान के लिये ले आए;

28. if his sin, which he has sinned, is made known to him, then he will bring for his oblation a goat, a female without blemish, for his sin which he has sinned.

29. और वह अपना हाथ पापबलि पशु के सिर पर रखे, और होमबलि के स्थान पर पापबलि पशु का बलिदान करे।

29. And he will lay his hand on the head of the sin-offering, and kill the sin-offering in the place of burnt-offering.

30. और याजक उसके लोहू में से अपनी उंगली से कुछ लेकर होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए, और उसके सब लोहू को उसी वेदी के पाए पर उंडेल दे।

30. And the priest will take of its blood with his finger, and put it on the horns of the altar of burnt-offering; and all its blood he will pour out at the base of the altar.

31. और वह उसकी सब चरबी को मेलबलिपशु की चरबी की नाईं अलग करे, तब याजक उसको वेदी पर यहोवा के निमित्त सुखदायक सुगन्ध के लिये जलाए; और इस प्रकार याजक उसके लिये प्रायश्चित्त करे, तब उसे क्षमा मिलेगी।।

31. And all its fat he will take away, as the fat is taken away from off the sacrifice of peace-offerings; and the priest will burn it on the altar for a sweet savor to Yahweh; and the priest will make atonement for him, and he will be forgiven.

32. और यदि वह पापबलि के लिये एक भेड़ी का बच्चा ले आए, तो वह निर्दोष मादा हो,

32. And if he brings a lamb as his oblation for a sin-offering, he will bring it a female without blemish.

33. और वह अपना हाथ पापबलि पशु के सिर पर रखे, और उसको पापबलि के लिये वहीं बलिदान करे जहां होमबलिपशु बलि किया जाता है।

33. And he will lay his hand on the head of the sin-offering, and kill it for a sin-offering in the place where the burnt-offering will be killed.

34. और याजक अपनी उंगली से पापबलि के लोहू में से कुछ लेकर होमबलि की वेदी के सींगों पर लगाए, और उसके सब लोहू को वेदी के पाए पर उंडेल दे।

34. And the priest will take of the blood of the sin-offering with his finger, and put it on the horns of the altar of burnt-offering; and all its blood he will pour out at the base of the altar:

35. और वह उसकी सब चरबी को मेलबलिवाले भेड़ के बच्चे की चरबी की नाई अलग करे, और याजक उसे वेदी पर यहोवा के हवनों के ऊपर जलाए; और इस प्रकार याजक उसके पाप के लिये प्रायश्चित्त करे, और वह क्षमा किया जाएगा।।

35. and all its fat he will take away, as the fat of the lamb is taken away from the sacrifice of peace-offerings; and the priest will burn them on the altar, on the offerings of Yahweh made by fire; and the priest will make atonement for him as concerning his sin that he has sinned, and he will be forgiven.



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