Leviticus - लैव्यव्यवस्था 11 | View All

1. फिर यहोवा ने मूसा और हारून से कहा,
प्रेरितों के काम 10:14

1. And the LORD spoke unto Moses and to Aaron, saying unto them,

2. इस्त्राएलियों से कहो, कि जितने पशु पृथ्वी पर हैं उन सभों में से तुम इन जीवधारियों का मांस खा सकते हो।
इब्रानियों 9:10

2. Speak unto the sons of Israel, saying, These [are] the animals which ye shall eat among all the animals that [are on the earth.

3. पशुओं में से जितने चिरे वा फटे खुर के होते हैं और पागुर करते हैं उन्हें खा सकते हो।

3. Whatever divides the hoof and is clovenfooted [and] chews the cud, among the animals, that shall you eat.

4. परन्तु पागुर करनेवाले वा फटे खुरवालों में से इन पशुओं को न खाना, अर्थात् ऊंट, जो पागुर तो करता है परन्तु चिरे खुर का नहीं होता, इसलिये वह तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहरा है।

4. Nevertheless these shall ye not eat of those that chew the cud or of those that divide the hoof: the camel because it chews the cud but divides not the hoof; it [is] unclean unto you.

5. और शापान, जो पागुर तो करता है परन्तु चिरे खुर का नहीं होता, वह भी तुम्हारे लिये अशुद्ध है।

5. And the coney because it chews the cud, but divides not the hoof: it [is] unclean unto you.

6. और खरहा, जो पागुर तो करता है परन्तु चिरे खुर का नहीं होता, इसलिये वह भी तुम्हारे लिये अशुद्ध है।

6. And the hare because it chews the cud, but divides not the hoof: it [is] unclean unto you.

7. और सूअर, जो चिरे अर्थात् फटे खुर का होता तो है परन्तु पागुर नहीं करता, इसलिये वह तुम्हारे लिये अशुद्ध है।

7. And the swine though it divides the hoof and is clovenfooted, yet it chews not the cud: it [is] unclean to you.

8. इनके मांस में से कुछ न खाना, और इनकी लोथ को छूना भी नहीं; ये तो तुम्हारे लिये अशुद्ध है।।

8. Of their flesh ye shall not eat, and their carcase you shall not touch: they [are] unclean to you.

9. फिर जितने जलजन्तु हैं उन में से तुम इन्हें खा सकते हों, अर्थात् समुद्र वा नदियों के जलजन्तुओं में से जितनों के पंख और चोंयेटे होते हैं उन्हें खा सकते हो।

9. These shall you eat of all that [are] in the waters: whatever has fins and scales in the waters, in the seas, and in the rivers, those shall you eat.

10. और जलचरी प्राणियों में से जितने जीवधारी बिना पंख और चोंयेटे के समुद्र वा नदियों में रहते हैं वे सब तुम्हारे लिये घृणित हैं।

10. But all that have not fins and scales in the seas and in the rivers, of any reptile in the waters, and of any living thing which is in the waters, they [shall be] an abomination unto you;

11. वे तुम्हारे लिये घृणित ठहरें; तुम उनके मांस में से कुछ न खाना, और उनकी लोथों को अशुद्ध जानना।

11. they shall be an abomination unto you; ye shall not eat of their flesh, and ye shall have their carcasses in abomination.

12. जल में जिस किसी जन्तु के पंख और चोंयेटे नहीं होते वह तुम्हारे लिये अशुद्ध है।।

12. Whatever has no fins nor scales in the waters, that [shall be] an abomination unto you.

13. फिर पक्षियों में से इनको अशुद्ध जानना, ये अशुद्ध होने के कारण खाए न जाएं, अर्थात् उकाब, हड़फोड़, कुरर,

13. And these ye shall have in abomination among the fowls; they shall not be eaten, they [shall be] an abomination: the eagle, the ossifrage, the ospray,

14. शाही, और भांति भांति की चील,

14. the vulture, and the kite according to his species,

15. और भांति भांति के सब काग,

15. every raven according to his species,

16. शुतुर्मुर्ग, तखमास, जलकुक्कुट, और भांति भांति के बाज,

16. the owl, the night hawk, the cuckow, and the hawk according to his species;

17. हवासिल, हाड़गील, उल्लू,

17. the little owl, the cormorant, the great owl,

18. राजहँस, धनेश, गिद्ध,

18. the swan, the pelican, the gier eagle,

19. लगलग, भांति भांति के बगुले, टिटीहरी और चमगीदड़।।

19. the stork, the heron according to her species, the lapwing, and the bat.

20. जितने पंखवाले चार पांवों के बल चरते हैं वे सब तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं।

20. Every flying insect that creeps, going upon [all] four, [shall be] an abomination unto you.

21. पर रेंगनेवाले और पंखवाले जो चार पांवों के बल चलते हैं, जिनके भूमि पर कूदने फांदने को टांगे होती हैं उनको तो खा सकते हो।

21. Yet these may ye eat of every flying insect that goes upon [all] four, which have legs above their feet, to leap with them upon the earth;

22. वे ये हैं, अर्थात् भांति भांति की टिड्डी, भांति भांति के फनगे, भांति भांति के हर्गोल, और भांति भांति के हागाब।

22. these of them ye may eat: the locust according to his species and the bald locust according to his species and the beetle according to his species and the grasshopper according to his species.

23. परन्तु और सब रेंगनेवाले पंखवाले जो चार पांववाले होते हैं वे तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं।।

23. But all [other] flying insects, which have four feet, [shall be] an abomination unto you.

24. और इनके कारण तुम अशुद्ध ठहरोगे; जिस किसी से इनकी लोथ छू जाए वह सांझ तक अशुद्ध ठहरे।

24. And for these ye shall be unclean: whoever touches their carcase shall be unclean until the evening.

25. और जो कोई इनकी लोथ में का कुछ भी उठाए वह अपने वस्त्रा धोए और सांझ तक अशुद्ध रहे।
इब्रानियों 9:10

25. And whoever bears [any part] of their carcase shall wash his clothes and be unclean until the evening.

26. फिर जितने पशु चिरे खुर के होते है। परन्तु न तो बिलकुल फटे खुर और पागुर करनेवाले हैं वे तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं; जो कोई उन्हें छूए वह अशुद्ध हैं; जो कोई उन्हें छूए वह अशुद्ध ठहरेगा।

26. [The carcasses] of every animal which divides the hoof and is not clovenfooted, nor chews the cud, [are] unclean unto you; everyone that touches them shall be unclean.

27. और चार पांव के बल चलनेवालों में से जितने पंजों के बल चलते हैं वे सब तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं; जो कोई उनकी लोथ छूए वह सांझ तक अशुद्ध रहे।

27. And of all the animals that go on [all] four, any that walk upon their paws are unclean unto you; whoever touches their carcase shall be unclean until the evening.

28. और जो कोई उनकी लोथ उठाए वह अपने वस्त्रा धोए और सांझ तक अशुद्ध रहे; क्योंकि वे तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं।।

28. And he that bears their carcase shall wash his clothes and be unclean until the evening; they [are] unclean unto you.

29. और जो पृथ्वी पर रेंगते हैं उन में से ये रेंगनेवाले तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं, अर्थात् नेवला, चूहा, और भांति भांति के गोह,

29. These also [shall be] unclean unto you among the animals that creep upon the earth: the weasel and the mouse and the frog according to his species

30. और छिपकली, मगर, टिकटिक, सांडा, और गिरगिटान।

30. and the ferret and the lizard and the snail and the slug and the mole.

31. सब रेंगनेवालों में से ये ही तुम्हारे लिये अशुद्ध हैं; जो कोई इनकी लोथ छूए वह सांझ तक अशुद्ध रहे।

31. These [are] unclean to you among all the animals; whoever touches them, when they are dead, shall be unclean until the evening.

32. और इन में से किसी की लोथ जिस किसी वस्तु पर पड़ जाए वह भी अशुद्ध ठहरे, चाहे वह काठ का कोई पात्रा हो, चाहे वस्त्रा, चाहे खाल, चाहे बोरा, चाहे किसी काम का कैसा ही पात्रादि क्यों न हो; वह जल में डाला जाए, और सांझ तक अशुद्ध रहे, तब शुद्ध समझा जाए।

32. And everything upon which [any] of them falls when they are dead shall be unclean, whether [it be] any vessel of wood or clothing or skin or sack, whatever instrument with which work is done, it must be put into water, and it shall be unclean until the evening; and thus [it shall be] cleansed.

33. और यदि मिट्टी का कोई पात्रा हो जिस में इन जन्तुओं में से कोई पड़े, तो उस पात्रा में जो कुछ हो वह अशुद्ध ठहरे, और पात्रा को तुम तोड़ डालना।

33. And every earthen vessel into which [any] of them falls, whatever [is] in it shall be unclean; and ye shall break the [vessel].

34. उस में जो खाने के योग्य भोजन हो, जिस में पानी का छुआव हों वह सब अशुद्ध ठहरे; फिर यदि ऐसे पात्रा में पीने के लिये कुछ हो तो वह भी अशुद्ध ठहरे।

34. All food which may be eaten upon which shall come water from [any such vessel] shall be unclean; and any drink that may be drunk shall be unclean in every [such] vessel.

35. और यदि इनकी लोथ में का कुछ तंदूर वा चूल्हे पर पड़े तो वह भी अशुद्ध ठहरे, और तोड़ डाला जाए; क्योंकि वह अशुद्ध हो जाएगा, वह तुम्हारे लिये भी अशुद्ध ठहरे।

35. And everything upon which [any part] of their carcase falls shall be unclean: the oven or the chimney shall be broken down, [for] they [are] unclean and shall be unclean unto you.

36. परन्तु सोता वा तालाब जिस में जल इकट्ठा हो वह तो शुद्ध ही रहे; परन्तु जो कोई इनकी लोथ को छूए वह अशुद्ध ठहरे।

36. Nevertheless a fountain or cistern where water is collected shall be clean; but that which touches their carcase shall be unclean.

37. और यदि इनकी लोथ में का कुछ किसी प्रकार के बीज पर जो बोने के लिये हो पड़े, तो वह बीज शुद्ध रहे;

37. And if [any part] of their carcase falls upon any sown seed which is sown, it [shall be] clean.

38. पर यदि बीज पर जल डाला गया हो और पीछे लोथ में का कुछ उस पर पड़ जाए, तो वह तुम्हारे लिये अशुद्ध ठहरे।।

38. But if [any] water is put upon the seed and [any part] of their carcase falls thereon, it [shall be] unclean unto you.

39. फिर जिन पशुओं के खाने की आज्ञा तुम को दी गई है यदि उन में से कोई पशु मरे, तो जो कोई उसकी लोथ छूए वह सांझ तक अशुद्ध रहे।

39. And if any animal of which ye may eat dies, he that touches the carcase thereof shall be unclean until the evening;

40. और उसकी लोथ में से जो कोई कुछ खाए वह अपने वस्त्रा धोए और सांझ तक अशुद्ध रहे; और जो कोई उसकी लोथ उठाए वह भी अपने वस्त्रा धोए और सांझ तक अशुद्ध रहे।

40. and he that eats of the carcase of it shall wash his clothes and be unclean until the evening; likewise he that bears the carcase of it shall wash his clothes and be unclean until the evening.

41. और सब प्रकार के पृथ्वी पर रेंगनेवाले जन्तु घिनौने हैं; वे खाए न जाएं।

41. And every reptile that creeps upon the earth [is] an abomination; it shall not be eaten.

42. पृथ्वी पर सब रेंगनेवालों में से जितने पेट वा चार पांवों के बल चलते हैं, वा अधिक पांववाले होते हैं, उन्हें तुम न खाना; क्योंकि वे घिनौने हैं।

42. Whatever goes upon the belly and whatever goes upon four or more feet among all reptiles that creep upon the earth, ye shall not eat; for it is abomination.

43. तुम किसी प्रकार के रेंगनेवाले जन्तु के द्वारा अपने आप को घिनौना न करना; और न उनके द्वारा अपने को अशुद्ध करके अपवित्रा ठहराना।

43. Ye shall not defile your souls with any reptile that creeps, neither shall ye contaminate yourselves with them, that ye should be unclean with them.

44. क्योंकि मैं तुम्हारा परमेश्वर यहोवा हूं; इस प्रकार के रेंगनेवाले जन्तु के द्वारा जो पृथ्वी पर चलता है अपने आप को अशुद्ध न करना।
1 पतरस 1:16

44. For I [am] the LORD your God; ye shall therefore sanctify yourselves, and ye shall be holy; for I [am] holy; neither shall ye defile your souls with any reptile that moves upon the earth.

45. क्योंकि मैं वह यहोवा हूं जो तुम्हें मि देश से इसलिये निकाल ले आया हूं कि तुम्हारा परमेश्वर ठहरूं; इसलिये तुम पवित्रा बनो, क्योंकि मैं पवित्रा हूं।।

45. For I [am] the LORD that causes you to come up out of the land of Egypt to be your God; ye shall therefore be holy, for I [am] holy.

46. पशुओं, पक्षियों, और सब जलचरी प्राणियों, और पृथ्वी पर सब रेंगनेवाले प्राणियों के विषय में यही व्यवस्था है,

46. This is the law of the animals and of the fowls and of every living creature that moves in the waters and of every animal that creeps upon the earth:

47. कि शुद्ध अशुद्ध और भक्षय और अभक्षय जीवधारियों में भेद किया जाए।।

47. to make a difference between the unclean and the clean and between the animals that may be eaten and the animals that may not be eaten.:



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