6. और हे मनुष्य के सन्तान, तू उन से न डरना; चाहे तुझे कांटों, ऊंटकटारों ओर बिच्चुओं के बीच भी रहना पड़े, तौभी उनके वचनों से न डरना; यद्यपि वे बलवई घराने के हैं, तौभी न तो उनके वचनों से डरना, और न उनके मुंह देखकर तेरा मन कच्चा हो।
6. As for you, human being, don't be afraid of them or their words, even if briars and thorns surround you, and you sit among scorpions. Don't be afraid of their words or be upset by their looks, for they are a rebellious house.