Jeremiah - यिर्मयाह 8 | View All

1. यहोवा की यह वाणी है, उस समय यहूदा के राजाओं, हाकिमों, याजकों, भविष्यद्वक्ताओं और यरूशलेम के रहनेवालों की हडि्डयां क़ब्रों में से निकालकर,

1. 'At that time,' says the Lord, 'they will bring out the bones of the kings and leaders of Judah, the bones of the religious leaders, the bones of the men of God, and the bones of the people of Jerusalem from their graves.

2. सूर्य, चन्द्रमा और आकाश के सारे गणों के साम्हने फैलाई जाएंगी; क्योंकि वे उन्हीं से प्रेम रखते, उन्हीं की सेवा करते, उन्हीं के पीछे चलते, और उन्हीं के पास जाया करते और उन्हीं को दण्डवत् करते थे; और न वे इकट्ठी की जाएंगी न क़ब्र में रखी जाएंगी; वे भूमि के ऊपर खाद के समान पड़ी रहेंगी।
प्रेरितों के काम 7:42

2. And they will spread them out to the sun, the moon, and to all the stars of heaven. For these they have loved, and served, and followed, and looked for, and worshiped. The bones will not be gathered or buried. They will be as animal waste on top of the ground.

3. तब इस बुरे कुल के बचे हुए लोग उन सब स्थानों में जिस में मैं ने उन्हें निकाल दिया है, जीवन से मृत्यु ही को अधिक चाहेंगे, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
प्रकाशितवाक्य 9:6

3. And death will be chosen instead of life by all those who are left of this sinful family in all the places where I have driven them,' says the Lord of All.

4. तू उन से यह भी कह, यहोवा यों कहता है कि जब मनुष्य गिरते हैं तो क्या फिर नहीं उठते?

4. 'You will say to them, 'This is what the Lord says: 'Do men fall and not get up again? Does one turn away and not return?

5. जब कोई। भटक जाता है तो क्या वह लौट नहीं आता? फिर क्या कारण है कि ये यरूशलेमी सदा दूर ही दूर भटकते जाते हैं? ये छल नहीं छोड़ते, और फिर लौटने से इनकार करते हैं।

5. Why then have the people of Jerusalem always turned away from Me? They hold on to what is false, and will not return.

6. मैं ने ध्यान देकर सुना, परन्तु ये ठीक नहीं बोलते; इन में से किसी ने अपनी बुराई से पछताकर नहीं कहा, हाय ! मैं ने यह क्या किया है? जैसा घोड़ा लड़ाई में वेग से दौड़ता है, वैसे ही इन में से हर एक जन अपनी ही दौड़ में दौड़ता है।

6. I have listened and heard, but they have not said what is right. No man turned from his sinful way, saying, 'What have I done?' Every one turns to his own way like a horse running into battle.

7. आकाश में लगलग भी अपने नियत समयों को जानता है, और पणडुकी, सूपाबेनी, और सारस भी अपने आने का समय रखते हैं; परन्तु मेरी प्रजा यहोवा का नियम नहीं जानती।

7. Even the stork in the sky knows her times. And the turtle-dove, crane, and swallow keep the time of their coming. But My people do not know the Law of the Lord.

8. तुम क्योंकर कह सकते हो कि हम बुध्दिमान हैं, और यहोवा की दी हुई व्यपस्था हमारे साथ है? परन्तु उनके शास्त्रियों ने उसका झूठा विवरण लिखकर उसको झूठ बना दिया है।

8. 'How can you say, 'We are wise, and the Law of the Lord is with us'? See, the lying hand of the writers has made it into a lie.

9. बुध्दिमान लज्जित हो गए, वे विस्मित हुए और पकड़े गए; देखो, उन्हों ने यहोवा के वचन को निकम्मा जाना है, उन में बुध्दि कहां रही?

9. The wise men are put to shame. They are troubled and taken. See, they have turned away from the Word of the Lord, and what kind of wisdom do they have?

10. इस कारण मैं उनकी स्त्रियों को दूसरे पुरूषों को और उनके खेत दूसरे अधिकारियों के वश में कर दूंगा, क्योंकि छोटे से लेकर बड़े तक वे सब के सब लालची हैं; क्या भविष्यद्वक्ता क्या याजक, वे सब के छल से काम करते हैं।

10. So I will give their wives to others, and their fields to new owners. Because from the least to the greatest, every one is always wanting much. From the man of God to the religious leader, no one can be trusted in what he does.

11. उन्हों ने, 'शान्ति है, शान्ति' ऐसा कह कहकर मेरी प्रजा के घाव को ऊपर ही ऊपर चंगा किया, परन्तु शान्ति कुछ भी नहीं है।
1 थिस्सलुनीकियों 5:3

11. They have healed the hurt of My people very little, saying, 'Peace, peace,' when there is no peace.

12. कया वे घृणित काम करके लज्जित हुए? नहीं, वे कुछ भी लज्जित नहीं हुए, वे लज्जित होना जानते ही नहीं। इस कारण जब और लेग नीचे गिरें, तब वे भी गिरेंगे; जब उनके दण्ड का समय आएगा, तब वे भी ठोकर खाकर गिरेंगे, यहोवा का यही वचन है।

12. Were they ashamed because of the hated sin they had done? They were not ashamed at all. They did not even know how to turn red. So they will fall among those who fall. When I punish them, they will be put down,' says the Lord.

13. यहोवा की सह भी वाण्री है, मैं उन सभों का अन्त कर दूंगा। न तो उनकी दाखलताओं में दाख पाई जाएंगी, और न अंजीर के पृक्ष में अंजीर वरन उनके पत्ते भी सूख जाएंगे, और जो कुछ मैं ने उन्हें दिया है वह उनके पास से जाता रहेगा।

13. 'For sure I will take them away,' says the Lord. 'There will be no grapes on the vine, and no figs on the fig tree, and the leaves will dry up. What I have given them will pass away.'

14. हम क्यों चुप- चाप बैठे हैं? आओ, हम चलकर गढ़वाले नगरों में इकट्ठे नाश हो जाएं; क्योंकि हमारा परमेश्वर यहोवा हम को नाश करना चाहता है, और हमें विष पीने को दिया है; क्योंकि हम ने यहोवा के विरूद्ध पाप किया है।

14. Why are we sitting here? Gather together, and let us go into the strong cities and die there. For the Lord our God has given us up to die. He has given us poison in our water to drink, for we have sinned against Him.

15. हम शान्ति की बाट जोहते थे, परन्तु कुछ कल्याण नहीं मिला, और चंगाई की आशा करते थे, परन्तु घबराना ही पड़ा है।

15. We waited for peace, but no good came. We waited for a time of healing, but see, there is much trouble.

16. उनके घोड़ों का फुर्राना दान से सुन पड़ता है, और बलवन्त घोड़ों के हिनहिनाने के शब्द से सारा देश कांप उठा है। उन्हों ने आकर हमारे देश को और जो कुछ उस में है, और हमारे नगर को निवासियों समेत नाश किया है।

16. The noise of his horses is heard from Dan. The whole land shakes at the sound of his war horses. For they come and destroy the land and everything that is in it, the city and those who live in it.

17. क्योंकि देखो, मैं तुम्हारे बीच में ऐसे सांप और नाग भेजूंगा जिन पर मंत्रा न चलेगा, और वे तुम को डसेंगे, यहोवा की यही वाणी है।

17. 'For see, I am sending the worst of snakes against you, poison snakes which cannot be stopped. And they will bite you,' says the Lord.

18. हाय ! हाय ! इस शोक की दशा में मुझे शान्ति कहां से मिलेगी? मेरा हृदय भीतर ही भीतर तड़पता है !

18. My sorrow is too much to heal. My heart is weak within me.

19. मुझे अपने लोगों की चिल्लाहट दूर के देश से सुनाई देती है : क्या यहोवा सिरयोन में नहीं हैं? क्या उसका राजा उस में नहीं? उन्हों ने क्यों मुझ को अपनी खोदी हुई मूरतों और परदेश की व्यर्थ वस्तुओं के द्वारा क्यों क्रोध दिलाया है?

19. Listen! It is the cry of my people from a far away land: 'Is the Lord not in Zion? Is her King not in her?' 'Why have they made Me angry with their objects of worship, and with strange gods?'

20. कटनी का समय बीत गया, फल तोड़ने कीतिु भी समाप्त हो गई, और हमारा उठ्ठार नहीं हुआ।

20. 'Gathering time is past, summer is ended, and we are not saved.'

21. अपने लोगों के दु:ख से मैं भी दु:खित हुआ, मैं शोक का पहिरावा पहिने अति अचम्भे में डूबा हूँ।

21. I am hurt because my people are hurt. I am filled with sorrow, and fear has taken hold of me.

22. क्या गिलाद देश में कुछ बलसान की औषधि नहीं? क्या उस में कोई वैद्य नहीं? यदि है, तो मेरे लोगों के घाव क्यों चंगे नहीं हुए?

22. Is there no healing oil in Gilead? Is there no doctor there? Why then have my people not been healed?



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