Jeremiah - यिर्मयाह 32 | View All

1. यहूदा के राजा सिदकिरयाह के राज्य के दसवें वर्ष में जो नबूकदनेस्सर के राज्य का अठारहवां वर्ष था, यहोवा की ओर से यह वचन यिर्मयाह के पास पहुंचा।

1. যিহূদা-রাজ সিদিকিয়ের দশম বৎসরে, অর্থাৎ নবূখদ্‌রিৎসরের অষ্টাদশ বৎসরে, সদাপ্রভু হইতে যে বাক্য যিরমিয়ের নিকটে উপস্থিত হইল, তাহার বৃত্তান্ত।

2. उस समय बाबुल के राजा की सेना ने यरूशलेम को घेर लिया था और यिर्मयाह भविष्यद्वक्ता यहूदा के राजा के पहरे के भवन के आंगन में कैदी था।

2. সেই সময়ে বাবিল-রাজের সৈন্যসামন্ত যিরূশালেম অবরোধ করিতেছিল, এবং যিরমিয় ভাববাদী যিহূদার রাজবাটীস্থিত রক্ষীদের প্রাঙ্গণে বদ্ধ ছিলেন;

3. क्योंकि यहूदा के राजा सिदकिरयाह ने यह कहकर उसे कैद किया था, कि, तू ऐसी भविष्यद्वाणी क्यों करता है कि यहोवा यों कहता हैे देखो, मैं यह नगर बाबुल के राजा के वश में कर दूंगा, वह इसको ले लेगा;

3. যেহেতু যিহূদা-রাজ সিদিকিয় তাঁহাকে অবরুদ্ধ করিয়াছিলেন, বলিয়াছিলেন, তুমি কেন ভাববাণী বলিয়া কহিতেছ, ‘সদাপ্রভু এই কথা কহেন, দেখ, আমি এই নগর বাবিল-রাজের হস্তে সমর্পণ করিব, এবং সে ইহা হস্তগত করিবে;

4. और यहूदा का राजा सिदकिरयाह कसदियों के हाथ से न बचेगा परन्तु वह बाबुल के राजा के वश में अवश्य ही पड़ेगा, और वह और बाबुल का राजा आपस में आम्हने- साम्हने बातें करेंगे; और अपनी अपनी आंखों से एक दूसरे को देखेंगे।

4. আর যিহূদা-রাজ সিদিকিয় কল্‌দীয়দের হস্ত হইতে পার পাইবে না, কিন্তু বাবিল-রাজের হস্তে নিশ্চয় সমর্পিত হইবে, এবং সম্মুখাসম্মুখি হইয়া তাহার সহিত কথা কহিবে, ও স্বচক্ষে তাহার চক্ষু দেখিবে;

5. और वह सिदकिरयाह को बाबुल में ले जाएगा, और जब तक मैं उसकी सुधि न लूं, तब तक वह वहीं रहेगा, यहोवा की यह वाणी है। चाहे तुम लोग कसदियों से लड़ो भी, तौभी तुम्हारे लड़ने से कुछ बन न पड़ेगा।

5. আর সে সিদিকিয়কে বাবিলে লইয়া যাইবে; এবং আমি যে পর্য্যন্ত তাহার তত্ত্বাবধান না করিব, তাবৎ সে সেই স্থানে থাকিবে, ইহা সদাপ্রভু বলেন; তোমরা কল্‌দীয়দের সহিত সংগ্রাম করিয়াও কৃতকার্য্য হইবে না’?

6. यिर्मयाह ने कहा, यहोवा का वचन मेरे पास पहुंचा,
मत्ती 27:9-10

6. যিরমিয় কহিলেন, সদাপ্রভুর এই বাক্য আমার নিকটে উপস্থিত হইয়াছিল,

7. देख, शल्लम का पुत्रा हनमेल जो तेरा चचेरा भाई है, सो तेरे पास यह कहने को आने पर है कि मेरा खेत जो अनातोत में है उसे मोल ले, क्योंकि उसे मोल लेकर छुड़ाने का अधिकार तेरा ही है।

7. দেখ, তোমার পিতৃব্য শল্লুমের পুত্র হনমেল তোমার নিকটে আসিয়া এই কথা কহিবে, অনাথোতে আমার যে ক্ষেত্র আছে, তাহা তুমি আপনার জন্য ক্রয় কর, কেননা ক্রয় দ্বারা তাহা মুক্ত করিবার অধিকার তোমার আছে।

8. सो यहोवा के वचन के अनुसार मेरा चचेरा भाई हनमेल पहरे के आंगन में मेरे पास आकर कहने लगा, मेरा जो खेत बिन्यामीन देश के अनातोत में है उसे मोल ले, क्योंकि उसके स्वामी होने और उसके छुड़ा लेने का अधिकार तेरा ही है; इसलिये तू उसे मोल ले। तब मैं ने जान लिया कि वह यहोवा का वचन था।

8. পরে সদাপ্রভুর বাক্যানুসারে আমার পিতৃব্যের পুত্র হনমেল রক্ষীদের প্রাঙ্গণে আমার নিকটে আসিয়া আমাকে কহিল, বিনয় করি, বিন্যামীন প্রদেশস্থ অনাথোতে আমার যে ক্ষেত্র আছে, তাহা তুমি ক্রয় কর; কেননা দায়াধিকার তোমার, এবং মুক্ত করিবার অধিকার তোমার; তুমি আপনার জন্য তাহা ক্রয় কর।

9. इसलिये मैं ने उस अनातोत के खेत को अपने चचेरे भाई हनमेल से मोल ले लिया, और उसका दाम चान्दी के सत्तरह शेकेल तौलकर दे दिए।

9. তখন আমি বুঝিলাম, ইহা সদাপ্রভুর বাক্য। পরে আমি আপন পিতৃব্যের পুত্র হনমেলের নিকটে অনাথোতে স্থিত সেই ক্ষেত্র ক্রয় করিলাম, ও তাহার মূল্য সপ্তদশ শেকল রৌপ্য তাহাকে তৌল করিয়া দিলাম।

10. और मैं ने दस्तावेज़ में दस्तख़त और मुहर हो जाने पर, गवाहों के साम्हने वह चान्दी कांटे में तौलकर उसे दे दी।

10. আর আমি ক্রয়পত্রে স্বাক্ষর করিলাম, মুদ্রাঙ্ক করিলাম, ও সাক্ষী রাখিলাম, এবং তাহাকে সেই রৌপ্য নিক্তিতে তৌল করিয়া দিলাম।

11. तब मैं ने मोल लेने की दोनों दस्ताबेजें जिन में सब शतं लिखी हुई थीं, और जिन में से एक पर मुहर थी और दूसरी खुली थी,

11. পরে বিধি ও নিয়ম সম্বলিত ক্রয়পত্রের দুই কেতা, অর্থাৎ মুদ্রাঙ্কিত এক পত্র ও খোলা এক পত্র লইলাম।

12. उन्हें लेकर अपने चचेरे भाई हनमेल के और उन गवाहों के साम्हने जिन्हों ने दस्तावेज़ में दस्तख़त किए थे, और उन सब यहूदियों के साम्हने भी जो पहरे के आंगन में बैठे हुए थे, नेरिरयाह के पुत्रा बारूक को जो महसेयाह का पोता था, सौंप दिया।

12. পরে আমার জ্ঞাতি হনমেলের সাক্ষাতে, এবং ক্রয়পত্রে স্বাক্ষরকারী সাক্ষীদের সাক্ষাতে, রক্ষীদের প্রাঙ্গণে উপবিষ্ট সমস্ত যিহূদীর সাক্ষাতে আমি সেই ক্রয়পত্র মহসেয়ের পৌত্র নেরিয়ের পুত্র বারূকের হস্তে সমর্পণ করিলাম।

13. तब मैं ने उनके साम्हने बारूक को यह आज्ञा दी

13. আর তাহাদের সাক্ষাতে বারূককে এই আজ্ঞা করিলাম,

14. कि इस्राएल के परमेश्वर सेनाओं के यहोवा यों कहता है, इन मोल लेने की दस्तावेज़ों को जिन पर मुहर की हुई है और जो खुली हुई है, इन्हें लेकर मिट्टी के बर्तन में रख, ताकि ये बहुत दिन तक रहें।

14. বাহিনীগণের সদাপ্রভু, ইস্রায়েলের ঈশ্বর, এই কথা কহেন, তুমি এই মুদ্রাঙ্কিত ও খোলা দুইখানা ক্রয়পত্র লইয়া এক মৃত্তিকার পাত্রে রাখ, যেন অনেক দিন থাকে।

15. क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर सेनाओं का यहोवा यों कहता है, इस देश में घर और खेत ओर दाख की बारियां फिर बेची और मोल ली जाएंगी।

15. কেননা বাহিনীগণের সদাপ্রভু, ইস্রায়েলের ঈশ্বর, এই কথা কহেন, বাটীর, ক্ষেত্রের ও দ্রাক্ষাক্ষেত্রের ক্রয় বিক্রয় এই দেশে আবার চলিবে।

16. जब मैं ने मोल लेने की वह दस्तावेज़ नेरिरयाह के पुत्रा बारूक के हाथ में दी, तब मैं ने यहोवा से यह प्रार्थना की,

16. নেরিয়ের পুত্র বারূককে সেই ক্রয়পত্র দিলে পর আমি সদাপ্রভুর কাছে এই প্রার্থনা করিলাম,

17. हे प्रभु यहोवा, तू ने बड़े सामर्थ और बढ़ाई हुई भुजा से आकाश और पृथ्वी को बनाया है ! तेरे लिये कोई काम कठिन नहीं है।

17. হা, প্রভু সদাপ্রভু! দেখ, তুমিই আপন মহাপরাক্রম ও বিস্তারিত বাহু দ্বারা আকাশমণ্ডল ও পৃথিবী নির্ম্মাণ করিয়াছ; তোমার অসাধ্য কিছুই নাই।

18. तू हजारों पर करूणा करता रहता परन्तु पूर्वजों के अधर्म का बदला उनके बाद उनके वंष के लोगों को भी देता है, हे महान और पराक्रमी परमेश्वर, जिसका नाम सेनाओं का यहोवा है,

18. তুমি সহস্র [পুরুষ] পর্য্যন্ত দয়াকারী; আর পিতৃপুরুষদের অপরাধের প্রতিফল তাহাদের পশ্চাদ্বর্ত্তী সন্তানদের ক্রোড়ে দিয়া থাক; তুমি মহান ও পরাক্রান্ত ঈশ্বর, বাহিনীগণের সদাপ্রভু তোমার নাম।

19. तू बड़ी युक्ति करनेवाला और सामर्थ के काम करनेवाला है; तेरी दृष्टि मनुष्यों के सारे चालचलन पर लगी रहती है, और तू हर एक को उसके चालचलन और कर्म का फल भुगताता है।

19. তুমি মন্ত্রণায় মহান ও ক্রিয়ায় শক্তিমান; প্রত্যেক জনকে আপন আপন পথানুসারে ও আপন আপন ক্রিয়ানুসারে সমুচিত ফল দিবার জন্য মনুষ্য-সন্তানদের সমস্ত পথের প্রতি তোমার চক্ষু উন্মীলিত রহিয়াছে।

20. तू ने मिस्र देश में चिन्ह और चमत्कार किए, और आज तक इस्राएलियों वरन सब मनुष्यों के बीच वैसा करता आया है, और इस प्रकार तू ने अपना ऐसा नाम किया है जो आज के दिन तक बना है।

20. তুমি মিসর দেশে নানা চিহ্ন ও অদ্ভুত লক্ষণ প্রদর্শন করিয়াছিলে, অদ্য পর্য্যন্তও ইস্রায়েল ও অন্যান্য লোকদের মধ্যে করিয়া আসিতেছ; আর আপনার জন্য কীর্ত্তি সাধন করিয়াছ, অদ্যও করিতেছ।

21. तू अपनी प्रजा इस्राएल को मिस्र देश में से चिन्हों और चमत्कारों और सामथ हाथ और बढ़ाई हुई भुजा के द्वारा, और बड़े भयानक कामों के साथ निकाल लाया।

21. তুমি চিহ্ন, অদ্ভুত লক্ষণ, বলবান হস্ত, বিস্তারিত বাহু ও ভয়ঙ্কর মহাকর্ম্ম দ্বারা আপন প্রজা ইস্রায়েলকে মিসর দেশ হইতে বাহির করিয়াছিলে।

22. फिर तू ने यह देश उन्हें दिया जिसके देने की शपथ तू ने उनके पूर्वजों से खाई थी; जिसमें दूध और मधु की धाराएं बहती हैं, और वे आकर इसके अधिकारी हुए।

22. আর এই যে দুগ্ধমধুপ্রবাহী দেশ দিতে তাহাদের পিতৃপুরুষদের নিকটে শপথ করিয়াছিলে ইহা তাহাদিগকে দিয়াছিলে;

23. तौभी उन्हों ने तेरी नहीं मानी, और न तेरी व्यवस्था पर चले; वरन जो कुछ तू ने उनको करने की आज्ञा दी थी, उस में से उन्हों ने कुछ भी नहीं किया। इस कारण तू ने उन पर यह सब विपत्ति डाली है।

23. এবং তাহারা আসিয়া ইহা অধিকার করিয়াছিল; কিন্তু তাহারা তোমার রবে অবধান করে নাই, তোমার ব্যবস্থা-পথেও চলে নাই; তুমি যাহা পালন করিতে আজ্ঞা করিয়াছিলে, তাহার কিছুই পালন করে নাই, এই জন্য তুমি তাহাদের উপরে এই সমস্ত অমঙ্গল ঘটাইয়াছ।

24. अब इन दमदमों को देख, वे लोग इस नगर को ले लेने के लिये आ गए हैं, ओर यह नगर तलवार, महंगी और मरी के कारण इन चढ़े हुए कसदियों के वश में किया गया है। जो तू ने कहा था वह अब पूरा हुआ है, और तू इसे देखता भी है।

24. ঐ সকল জাঙ্গাল দেখ, উহারা জয় করণার্থে নগরের কাছে আসিয়াছে; এবং খড়্‌গ, দুর্ভিক্ষ ও মহামারী দ্বারা ইহার বিপরীতে যুদ্ধকারী কল্‌দীয়দের হস্তে নগর দত্ত হইয়াছে; তুমি যাহা বলিয়াছ, তাহা সফল হইয়াছে; আর দেখ, এই সকল তুমি দেখিতেছ।

25. तौभी, हे प्रभु यहोवा, तू ने मुझ से कहा है कि गवाह बुलाकर उस खेत को मोल ले, यद्यपि कि यह नगर कसदियों के वश में कर दिया गया है।

25. আর, হে প্রভু সদাপ্রভু, তুমি আমাকে বলিয়াছ, তুমি রৌপ্য দিয়া ক্ষেত্র ক্রয় কর, ও সাক্ষী রাখ, কিন্তু এই নগর কল্‌দীয়দের হস্তে দেওয়া হইল।

26. तब यहोवा का यह वचन यिर्मयाह के पास पहुंचा, मैं तो सब प्राणियों का परमेश्वर यहोवा हूँ;

26. পরে যিরমিয়ের নিকটে সদাপ্রভুর এই বাক্য উপস্থিত হইল,

27. क्या मेरे लिये कोई भी काम कठिन है?

27. দেখ, আমিই সদাপ্রভু সমুদয় মর্ত্ত্যের ঈশ্বর; আমার অসাধ্য কি কিছু আছে?

28. सो यहोवा यों कहता है, देख, मैं यह नगर कसदियों और बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर के वश में कर देने पर हूँ, और वह इसको ले लेगा।

28. অতএব সদাপ্রভু এই কথা কহেন, দেখ, আমি কল্‌দীয়দের হস্তে ও বাবিল-রাজ নবূখদ্‌রিৎসরের হস্তে এই নগর সমর্পণ করিব, তাহাতে সে তাহা হস্তগত করিবে।

30. क्योंकि इस्राएल और यहूदा, जो काम मुझे बुरा लगता है, वही लड़कपन से करते आए हैं; इस्राएली अपनी बनाई हुई वस्तुओं से मुझ को रिस ही रिस दिलाते आए हैं, यहोवा की यह वाणी है।

30. কেননা ইস্রায়েল-সন্তানগণ ও যিহূদা-সন্তানগণ বাল্যকালাবধি, আমার দৃষ্টিতে যাহা মন্দ, কেবল তাহাই করিয়া আসিতেছে; বাস্তবিক ইস্রায়েল-সন্তানগণ আপনাদের হস্তকৃত বস্তু দ্বারা আমাকে কেবল অসন্তুষ্ট করিয়াছে, ইহা সদাপ্রভু কহেন।

31. यह नगर जब से बसा है तब से आज के दिन तक मेरे क्रोध और जलजलाहट के भड़कने का कारण हुआ है, इसलिये अब मैं इसको अपने साम्हने से इस कारण दूर करूंगा

31. কারণ এই নগর নির্ম্মিত হইবার দিন অবধি অদ্য পর্য্যন্ত ইহা আমার ক্রোধের ও কোপের কারণ হইয়া আসিতেছে; তৎপ্রযুক্ত ইহা আমার সম্মুখ হইতে দূরীকৃত হইবার যোগ্য হইয়াছে।

32. क्योंकि इस्राएल और यहूदा अपने राजाओं हाकिमों, याजकों ओर भविष्यद्वक्ताओं समेत, क्या यहूदा देश के, क्या यरूशललेम के निवासी, सब के सब बुराई पर बुराई करके मुझ को रिस दिलाते आए हें।

32. কেননা ইস্রায়েল-সন্তানগণ ও যিহূদা-সন্তানগণ, অর্থাৎ তাহারা, তাহাদের রাজগণ, অধ্যক্ষগণ, যাজকগণ, ভাববাদিগণ, যিহূদার লোকেরা ও যিরূশালেম-নিবাসিগণ আমাকে অসন্তুষ্ট করণার্থে নানা প্রকার দুষ্ক্রিয়া করিয়াছে।

33. उन्हों ने मेरी ओर मुंह नहीं वरन पीठ ही फेर दी है; यद्यपि मैं उन्हें बड़े यत्न से सिखाता आया हूँ, तौभी उन्हों ने मेरी शिक्षा को नहीं माना।

33. তাহারা আমার প্রতি পৃষ্ঠ ফিরাইয়াছে, মুখ নয়; আমি তাহাদিগকে শিক্ষা দিলে, প্রত্যূষে উঠিয়া শিক্ষা দিলেও, তাহারা উপদেশ গ্রহণার্থে কর্ণপাত করে নাই।

34. वरन जो भवन मेरा कहलाता है, उस में भी उन्हों ने अपनी घृणित वस्तुएं स्थापन करके उसे अशुठ्ठ किया है।

34. কিন্তু যে গৃহের উপরে আমার নাম কীর্ত্তিত হইয়াছে, তাহা অশুচি করিতে তাহার মধ্যে তাহাদের ঘৃণার্হ বস্তু সকল স্থাপন করিয়াছে।

35. उन्हों ने हिन्नोमियों की तराई में बाल के ऊंचे ऊंचे स्थान बनाकर अपने बेटे- बेटियों को मोलक के लिये होम किया, जिसकी आज्ञा मैं ने कभी नहीं दी, और न यह बात कभी मेरे मन में आई कि ऐसा घृणित काम किया जाए और जिस से यहूदी लोग पाप में फंसे।

35. আর তাহারা মোলকের উদ্দেশে আপন আপন পুত্রকন্যাদিগকে অগ্নির মধ্য দিয়া গমন করাইবার জন্য হিন্নোম-সন্তানের উপত্যকায় বালের উচ্চস্থলী সকল নির্ম্মাণ করিয়াছে, আমি তাহা আজ্ঞা করি নাই; তাহা আমার মনেও উদয় হয় নাই যে, তাহারা এই ঘৃণার্হ কার্য্য করে, যেন যিহূদাকে পাপ করায়।

36. परन्तु अब इस्राएल का परमेश्वर यहोवा इस नगर के विषय में, जिसके लिये तुम लोग कहते हो कि वह तलवार, महंगी और मरी के द्वारा बाबुल के राजा के वश में पड़ा हुआ है यों कहता हैे

36. অতএব এখন, তোমরা যে নগরের বিষয়ে বলিয়া থাক, ইহা খড়্‌গ, দুর্ভিক্ষ ও মহামারী দ্বারা বাবিল-রাজের হস্তগত হইল, এই নগরের বিষয়ে সদাপ্রভু, ইস্রায়েলের ঈশ্বর, এই কথা কহেন;

37. देखो, मैं उनको उन सब देशों से जिन में मैं ने क्रोध और जलजलाहट में आकर उन्हें बरबस निकाल दिया था, लौटा ले आकर इसी नगर में इकट्ठे करूंगा, और निडर करके बसा दूंगा।

37. দেখ, আমি নিজ ক্রোধ, কোপ ও প্রচণ্ড রোষে তাহাদিগকে যে সকল দেশে ছিন্নভিন্ন করিয়াছি, সেই সকল দেশ হইতে তাহাদিগকে সংগ্রহ করিব, এবং পুনর্ব্বার এই স্থানে আনিব ও নির্ভয়ে বাস করাইব।

38. और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे, और मैं उनका परमेश्श्वर ठहरूंगा
2 कुरिन्थियों 6:16

38. আর তাহারা আমার প্রজা হইবে, এবং আমি তাহাদের ঈশ্বর হইব।

39. मैं उनको एक ही मन और एक ही चाल कर दूंगा कि वे सदा मेरा भय मानते रहें, जिस से उनका और उनके बाद उनके वंश का भी भला हो।

39. আর আমি তাহাদের ও তাহাদের পরে তাহাদের সন্তানদের মঙ্গলের নিমিত্ত তাহাদিগকে এক চিত্ত ও এক পথ দিব, যেন তাহারা চিরকাল আমাকে ভয় করে।

40. मैं उन से यह वाचा बान्धूंगा, कि मैं कभी उनका संग छोड़कर उनका भला करना न छोड़ूंगा; और अपना भय मैं उनके मन से ऐसा उपजाऊंगा कि वे कभी मुझ से अलग होना न चाहेंगे।
लूका 22:20, 1 कुरिन्थियों 11:25, 2 कुरिन्थियों 3:6, इब्रानियों 13:20

40. আমি তাহাদের সহিত এই নিত্যস্থায়ী নিয়ম স্থির করিব যে, তাহাদের প্রতি কখনও বিমুখ হইব না, তাহাদের মঙ্গল করিব, এবং তাহারা যেন আমাকে পরিত্যাগ না করে, এই জন্য আমার প্রতি ভয় তাহাদের অন্তঃকরণে স্থাপন করিব।

41. मैं बड़ी प्रसन्नता के साथ उनका भला करता रहूंगा, और सचमुच उन्हें इस देश में अपने सारे मन ओर प्राण से बसा दूंगा।

41. আমি তাহাদের মঙ্গলার্থে তাহাদের বিষয়ে আনন্দ করিব, এবং সত্যরূপে সর্ব্বান্তঃকরণের ও সমস্ত প্রাণের সহিত তাহাদিগকে এই দেশে রোপন করিব।

42. देख, यहोवा यों कहता है कि जैसे मैं ने अपनी इस प्रजा पर यह सब बड़ी विपत्ति डाल दी, वैसे ही निश्चय इन से वह सब भलाई भी करूंगा जिसके करने का वचन मैं ने दिया हे। सो यह देश जिसके विषय तुम लोग कहते हो

42. কেননা সদাপ্রভু এই কথা কহেন, আমি যেমন এই লোকদের উপরে এই সমস্ত মহৎ অমঙ্গল আনিয়াছি, তেমনি তাহাদের যে সমস্ত মঙ্গল প্রতিজ্ঞা করিয়াছি, সেই সমস্তও আনিব।

43. कि यह उजाड़ हो गया है, इस में न तो मनुष्य रह गए हैं और न पशु, यह तो कसदियों के वश में पड़ चुका है, इसी में फिर से खेत मोल लिए जाएंगे,

43. আর এই যে দেশের বিষয়ে তোমরা বলিতেছ, ‘ইহা নরশূন্য ও পশুশূন্য ধ্বংসস্থান হইয়াছে, কল্‌দীয়দের হস্তগত হইয়াছে, ইহার মধ্যে আবার ক্ষেত্র ক্রয় করা যাইবে।

44. और बिन्यामीन के देश में, यरूशलेम के आस पास, और यहूदा देश के अर्थात् पहाड़ी देश, नीचे के देश और दक्खिन देश के नगरों में लोग गवाह बुलाकर खेत मोल लेंगे, और दस्तावेज़ में दस्तखत और मुहर करेंगे; क्योंकि मैं उनके दिनों को लौटा ले आऊंगा; यहोवा की यही वाणी है।

44. বিন্যামীন প্রদেশে, যিরূশালেমের চারিদিকের অঞ্চলে, যিহূদার সকল নগরে, পার্ব্বত্য অঞ্চলের সকল নগরে, নিম্নভূমির সকল নগরে ও দক্ষিণের সকল নগরে লোকেরা রৌপ্য দিয়া ক্ষেত্র ক্রয় করিবে, ক্রয়পত্রে লিখিয়া দিবে, মুদ্রাঙ্ক করিবে, ও তাহার সাক্ষী রাখিবে; কেননা আমি তাহাদের বন্দি দশা ফিরাইব, ইহা সদাপ্রভু কহেন।



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