Isaiah - यशायाह 6 | View All

1. जिस वर्ष उज्जिरयाह राजा मरा, मैं ने प्रभु को बहुत ही ऊंचे सिंहासन पर विराजमान देखा; और उसके वस्त्रा के घेर से मन्दिर भर गया।
प्रकाशितवाक्य 4:2-6-9-10, प्रकाशितवाक्य 5:1-7, प्रकाशितवाक्य 6:16, प्रकाशितवाक्य 7:10-15, प्रकाशितवाक्य 19:4, प्रकाशितवाक्य 20:11, प्रकाशितवाक्य 21:5

1. In the year that King Uzziah died, I had a vision of the LORD. He was on his throne high above, and his robe filled the temple.

2. उस से ऊंचे पर साराप दिखाई दिए; उनके छ: छ: पंख थे; दो पंखों से वे अपने मुंह को ढांपे थे और दो से अपने पांवों को, और दो से उड़ रहे थे।
प्रकाशितवाक्य 4:8

2. Flaming creatures with six wings each were flying over him. They covered their faces with two of their wings and their bodies with two more. They used the other two wings for flying,

3. और वे एक दूसरे से पुकार पुकारकर कह रहे थे: सेनाओं का यहोवा पवित्रा, पवित्रा, पवित्रा है; सारी पृथ्वी उसके तेज से भरपूर है।
प्रकाशितवाक्य 15:8, प्रकाशितवाक्य 4:8

3. as they shouted, 'Holy, holy, holy, LORD All-Powerful! The earth is filled with your glory.'

4. और पुकारनेवाले के शब्द से डेवढ़ियों की नेवें डोल उठीं, और भवन धूंए से भर गया।

4. As they shouted, the doorposts of the temple shook, and the temple was filled with smoke.

5. तब मैं ने कहा, हाय! हाय! मैं नाश हूआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठवाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध होंठवाले मनुष्यों के बीच में रहता हूं; क्योंकि मैं ने सेनाओं के यहोवा महाराजाधिराज को अपनी आंखों से देखा है!

5. Then I cried out, 'I'm doomed! Everything I say is sinful, and so are the words of everyone around me. Yet I have seen the King, the LORD All-Powerful.'

6. तब एक साराप हाथ में अंगारा लिए हुए, जिसे उस ने चिमटे से वेदी पर से उठा लिया था, मेरे पास उड़ कर आया।

6. One of the flaming creatures flew over to me with a burning coal that it had taken from the altar with a pair of metal tongs.

7. और उस ने उस से मेरे मुंह को छूकर कहा, देख, इस ने तेरे होंठों को छू लिया है, इसलिय तेरा अधर्म दूर हो गया और तेरे पाप क्षमा हो गए।

7. It touched my lips with the hot coal and said, 'This has touched your lips. Your sins are forgiven, and you are no longer guilty.'

8. तब मैं ने प्रभु का यह वचन सुना, मैं किस को भेंजूं, और हमारी ओर से कौन जाएगा? तब मैं ने कहा, मैं यहां हूं! मुझे भेज

8. After this, I heard the LORD ask, 'Is there anyone I can send? Will someone go for us?' 'I'll go,' I answered. 'Send me!'

9. उस ने कहा, जा, और इन लोगों से कह, सुनते ही रहो, परन्तु न समझो; देखते ही रहो, परन्तु न बूझो।
मत्ती 13:14-15, मरकुस 4:12, लूका 8:10, लूका 19:42, यूहन्ना 12:40, प्रेरितों के काम 28:26-27, रोमियों 11:8

9. Then the LORD told me to go and speak this message to the people: 'You will listen and listen, but never understand. You will look and look, but never see.' The LORD also said,

10. तू इन लोगों के मन को मोटे और उनके कानों को भारी कर, और उनकी आंखों को बन्द कर; ऐसा न हो कि वे आंखों से देखें, और कानों से सुनें, और मन से बूझें, और मन फिरावें और चंगे हो जाएं।
मत्ती 13:14-15, मरकुस 4:12, लूका 8:10, लूका 19:42, यूहन्ना 12:40, प्रेरितों के काम 28:26-27

10. Make these people stubborn! Make them stop up their ears, cover their eyes, and fail to understand. Don't let them turn to me and be healed.'

11. तब मैं ने पूछा, हे प्रभु कब तक? उस ने कहा, जब तक नगर न उजड़े और उन में कोई रह न जाए, और घरों में कोई मनुष्य न रह जाए, और देश उजाड़ और सुनसान हो जाए,

11. Then I asked the LORD, 'How long will this last?' The LORD answered: Until their towns are destroyed and their houses are deserted, until their fields are empty,

12. और यहोवा मनुष्यों को उस में से दूर कर दे, और देश के बहुत से स्थान निर्जन हो जाएं।

12. and I have sent them far away, leaving their land in ruins.

13. चाहे उसके निवासियों का दसवां अंश भी रह जाए, तौभी वह नाश किया जाएगा, परनतु जैसे छोटे वा बड़े बांजवृक्ष को काट डालने पर भी उसका ठूंठ बना रहता है, वैसे ही पवित्रा वंश उसका ठूंठ ठहरेगा।।

13. If only a tenth of the people are left, even they will be destroyed. But just as stumps remain after trees have been cut down, some of my chosen ones will be left.



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