Isaiah - यशायाह 27 | View All

1. उस समय यहोवा अपनी कड़ी, बड़ी, और पोड़ तलवार से लिव्यातान नाम वेग और टेढ़े चलनेवाले सर्प को दण्ड देगा, और जो अजगर समुद्र में रहता है उसको भी घात करेगा।।

1. On that day, The LORD will punish with his sword that is cruel, great, and strong, Leviathan the fleeing serpent, Leviathan the coiled serpent; and he will slay the dragon that is in the sea.

2. उस समय एक सुन्दर दाख की बारी होगी, तुम उसका यश गाना!

2. On that day-- The pleasant vineyard, sing about it!

3. मैं यहोवा उसकी रक्षा करता हूं; मैं क्षण क्षण उसको सींचता रहूंगा। ऐसा न हो कि कोई उसकी हाति करे।

3. I, the LORD, am its keeper, I water it every moment; Lest anyone harm it, night and day I guard it.

4. मेरे मन में जलजलाहट नहीं है। यदि कोई भांति भांति के कटीले पेड़ मुझ से लड़ने को खड़े करता, तो मैं उन पर पांव बढ़ाकर उनको पूरी रीति से भस्म कर देता।

4. I am not angry, but if I were to find briers and thorns, In battle I should march against them; I should burn them all.

5. वा मेरे साथ मेल करने को वे मेरी शरण लें, वे मेरे साथ मेल कर लें।।

5. Or shall he cling to me for refuge? He must make peace with me; peace shall he make with me!

6. भविष्य में याकूब जड़ पकड़ेगा, और इस्राएल फूल- फलेगा, और उसके फलों से जगत भर जाएगा।।

6. In days to come Jacob shall take root, Israel shall sprout and blossom, covering all the world with fruit.

7. क्या उस ने उसे मारा जैसा उस ने उसके मारनेवालों को मारा था? क्या वह घात किया गया जैसे उसके घात किए हुए घात हुए?

7. Is he to be smitten as his smiter was smitten? or slain as his slayer was slain?

8. जब तू ने उसे निकाला, तब सोच- विचार कर उसको दु:ख दिया : उसे ने पुरवाई के दिन उसको प्रचण्ड वायु से उड़ा दिया है।

8. Expunging and expelling, I should strive against them, carrying them off with my cruel wind in time of storm.

9. इस से याकूब के अधर्म का प्रायश्चित किया जाएगा और उसके पाप के दूर होने का प्रतिफल यह होगा कि वे वेदी के सब पत्थरों को चूना बनाने के पत्थरों के समान चकनाचूर करेंगे, और अशेरा और सूर्य की प्रतिमाएं फिर खड़ी न रहेंगी।
रोमियों 11:27

9. This, then, shall be the expiation of Jacob's guilt, this the whole fruit of the removal of his sin: He shall pulverize all the stones of the altars like pieces of chalk; no sacred poles or incense altars shall stand.

10. क्योंकि गढ़वाला नगर निर्जन हुआ है, वह छोड़ी हुई बस्ती के समान निर्जन और जंगल हो गया है; वहां बछड़े चरेंगे और वहीं बैठेंगे, और पेड़ों की डालियों की फुनगी को खो लेंगे।

10. For the fortified city shall be desolate, an abandoned pasture, a forsaken wilderness, where calves shall browse and lie. Its boughs shall be destroyed,

11. जब उसकी शाखाएं सूख जाएं तब तोड़ी जाएंगी; और स्त्रियां आकर उनको तोड़कर जला देंगी। क्योंकि ये लोग निर्बुद्धि हैं; इसलिये उनका कर्ता उन पर दया न करेगा, और उनका रचनेवाला उन पर अनुग्रह न करेगा।।

11. its branches shall wither and be broken off, and women shall come to build a fire with them. This is not an understanding people; therefore their maker shall not spare them, nor shall he who formed them have mercy on them.

12. उस समय यहोवा महानद से लेकर मि के नाले तक अपने अन्न को फटकेगा, और हे इस्राएलियों तुम एक एक करके इकट्ठे किए जाओगे।

12. On that day, The LORD shall beat out the grain between the Euphrates and the Wadi of Egypt, and you shall be gleaned one by one, O sons of Israel.

13. उस समय बड़ा नरसिंगाा फूंका जाएगा, और जो अश्शूर देश में नाश हो रहे थे और जो मि देश में बरबस बसाए हुए थे वे यरूशलेम में आकर पवित्रा पर्वत पर यहोवा को दण्डवत् करेंगे।।
मत्ती 24:31

13. On that day, A great trumpet shall blow, and the lost in the land of Assyria and the outcasts in the land of Egypt Shall come and worship the LORD on the holy mountain, in Jerusalem.



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