19. क्योंकि जैसी मनुष्यों की वैसी ही पशुओं की भी दशा होती है; दोनों की वही दशा होती है, जैसे एक मरता वैसे ही दूसरा भी मरता है। सभों की स्वांस एक सी है, और मनुष्य पशु से कुछ बढ़कर नहीं; सब कुछ व्यर्थ ही है।
19. For that which befalleth the sons of men befalleth beasts; even one thing befalleth them: as the one dieth, so dieth the other. Yea, they have all one breath, so that man hath no preeminence above a beast, for all is vanity.