11. तब मैं ने फिर से अपने हाथों के सब कामों को, और अपने सब परिश्रम को देखा, तो क्या देखा कि सब कुछ व्यर्थ और वायु को पकड़ना है, और संसार में कोई लाभ नहीं।।
11. Then I looked on all the works that my hands had wrought, and on the labor that I had labored to do, and, behold, all was vanity and a striving after wind, and there was no profit under the sun.