Proverbs - नीतिवचन 4 | View All

1. हे मेरे पुत्रो, पिता की शिक्षा सुनो, और समझ प्राप्त करने में मन लगाओ।

1. Listen, children, to a father's instruction; pay attention, in order to gain insight;

2. क्योंकि मैं ने तुम को उत्तम शिक्षा दी है; मेरी शिक्षा को न छोड़ो।

2. for I am giving you good advice; so don't abandon my teaching.

3. देखो, मैं भी अपने पिता का पुत्रा था, और माता का अकेला दुलारा था,

3. For I too was once a child to my father; and my mother, too, thought of me as her special darling.

4. और मेरा पिता मुझे यह कहकर सिखाता था, कि तेरा मन मेरे वचन पर लगा रहे; तू मेरी आज्ञाओं का पालन कर, तब जीवित रहेगा।

4. He too taught me; he said to me, 'Let your heart treasure my words; keep my commands, and live;

5. बुद्धि को प्राप्त कर, समझ को भी प्राप्त कर; उनको भूल न जाना, न मेरी बातों को छोड़ना।

5. gain wisdom, gain insight; don't forget or turn from the words I am saying.

6. बुद्धि को न छोड़, वह तेरी रक्षा करेगी; उस से प्रीति रख, वह तेरा पहरा देगी।

6. Don't abandon [[wisdom]]; then she will preserve you; love her, and she will protect you.

7. बुद्धि श्रेष्ठ है इसलिये उसकी प्राप्ति के लिये यत्न कर; जो कुछ तू प्राप्त करे उसे प्राप्त तो कर परन्तु समझ की प्राप्ति का यत्न घटने न पाए।

7. The beginning of wisdom is: get wisdom! And along with all your getting, get insight!

8. उसकी बड़ाई कर, वह तुझ को बढ़ाएगी; जब तू उस से लिपट जाए, तब वह तेरी महिमा करेगी।

8. Cherish her, and she will exalt you; embrace her, and she will bring you honor;

9. वह तेरे सिर पर शोभायमान भूषण बान्धेगी; और तुझे सुन्दर मुकुट देगी।।

9. she will give your head a garland of grace, bestow on you a crown of glory.'

10. हे मेरे पुत्रा, मेरी बातें सुनकर ग्रहण कर, तब तू बहुत वर्ष तब जीवित रहेगा।

10. Listen, my son, receive what I say, and the years of your life will be many.

11. मैं ने तुझे बुद्धि का मार्ग बताया है; और सीधाई के पथ पर चलाया है।

11. I'm directing you on the way of wisdom, guiding you in paths of uprightness;

12. चलने में तुझे रोक टोक न होगी, और चाहे तू दौड़े, तौभी ठोकर न खाएगा।

12. when you walk, your step won't be hindered; and if you run, you won't stumble.

13. शिक्षा को पकड़े रह, उसे छोड़ न दे; उसकी रक्षा कर, क्योंकि वही तेरा जीवन है।

13. Hold fast to discipline, don't let it go; guard it, for it is your life.

14. दुष्टों की बाट में पांव न धरना, और न बुरे लोगों के मार्ग पर चलना।

14. Don't follow the path of the wicked or walk on the way of evildoers.

15. उसे छोड़ दे, उसके पास से भी न चल, उसके निकट से मुड़कर आगे बढ़ जा।

15. Avoid it, don't go on it, turn away from it, and pass on.

16. क्योंकि दुष्ट लोग यदि बुराई न करें, तो उनको नींद नहीं आती; और जब तक वे किसी को ठोकर न खिलाएं, तब तक उन्हें नींद नहीं मिलती।

16. For they can't sleep if they haven't done evil, they are robbed of sleep unless they make someone fall.

17. वे तो दुष्टता से कमाई हुई रोटी खाते, और उपद्रव के द्वारा पाया हुआ दाखमधु पीते हैं।

17. For they eat the bread of wickedness and drink the wine of violence.

18. परन्तु धर्मियों की चाल उस चमकती हुई ज्योति के समान है, जिसका प्रकाश दोपहर तक अधिक अधिक बढ़ता रहता है।

18. But the path of the righteous is like the light of dawn, shining ever brighter until full daylight.

19. दुष्टों का मार्ग घोर अन्धकारमय है; वे नहीं जानते कि वे किस से ठोकर खाते हैं।।

19. The way of the wicked is like darkness; they don't even know what makes them stumble.

20. हे मेरे पुत्रा मेरे वचन ध्यान धरके सुन, और अपना कान मेरी बातों पर लगा।

20. My son, pay attention to what I am saying; incline your ear to my words.

21. इनको अपनी आंखों की ओट न होने दे; वरन अपने मन में धारण कर।

21. Don't let them out of your sight, keep them deep in your heart;

22. क्योंकि जिनकों वे प्राप्त होती हैं, वे उनके जीवित रहने का, और उनके सारे शरीर के चंगे रहने का कारण होती हैं।

22. for they are life to those who find them and health to their whole being.

23. सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल द्दॊत वही है।

23. Above everything else, guard your heart; for it is the source of life's consequences.

24. टेढ़ी बात अपने मुंह से मत बोल, और चालबाजी की बातें कहना तुझ से दूर रहे।

24. Keep crooked speech out of your mouth, banish deceit from your lips.

25. तेरी आंखें साम्हने ही की ओर लगी रहें, और तेरी पलकें आगे की ओर खुली रहें।

25. Let your eyes look straight ahead, fix your gaze on what lies in front of you.

26. अपने पांव धरने के लिये मार्ग को समथर कर, और तेरे सब मार्ग ठीक रहें।
इब्रानियों 12:13

26. Level the path for your feet, let all your ways be properly prepared;

27. न तो दहिनी ओर मुढ़ना, और न बाईं ओर; अपने पांव को बुराई के मार्ग पर चलने से हटा ले।।

27. then deviate neither right nor left; and keep your foot far from evil.



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