Psalms - भजन संहिता 72 | View All

1. हे परमेश्वर, राजा को अपना नियम बता, राजपुत्रा को अपना धर्म सिखला!

1. Of Solomon Give the king thy judgments, O God, and thy righteousness unto the king's son.

2. वह तेरी प्रजा का न्याय धर्म से, और तेरे दी लोगों का न्याय ठीक ठीक चुकाएगा।
मत्ती 25:31-34, प्रेरितों के काम 10:42, प्रेरितों के काम 17:31, रोमियों 14:10, 2 कुरिन्थियों 5:10

2. That he may govern thy people according to right, and defend thy poor.

3. पहाडों और पहाड़ियों से प्रजा के लिये, धर्म के द्वारा शान्ति मिला करेगी

3. That the mountains may bring peace, and the little hills righteousness unto the people.

4. वह प्रजा के दीन लोगों का न्याय करेगा, और दरिद्र लोगों को बचाएगा; और अन्धेर करनेवालों को चूर करेगा।।

4. He shall keep the simple folk by their right, defend the children of the poor, and punish the wrongous doer.

5. जब तक सूर्य और चन्द्रमा बने रहेंगे तब तक लोग पीढ़ी- पीढ़ी तेरा भय मानते रहेंगे।

5. Thou shalt be feared as long as the sun and moon endureth, from one generation to another.

6. वह घास की खूंटी पर बरसनेवाले मेंह, और भूमि सींचनेवाली झाड़ियों के समान होगा।

6. He shall come down like the rain in to a fleece of wool, and like the drops that water the earth.

7. उसके दिनों में धर्मी फूले फलेंगे, और जब तक चन्द्रमा बना रहेगा, तब तक शान्ति बहुत रहेगी।।

7. In his time shall righteousness flourish, yea and abundance of peace, so long as the moon endureth.

8. वह समुद्र से समुद्र तक और महानद से पृथ्वी की छोर तक प्रभुता करेगा।

8. His dominion shall be from the one sea to the other, and from the flood unto the worlds end.

9. उसके साम्हने जंगल के रहनेवाले घुटने टेकेंगे, और उसके शत्रु मिट्टी चाटेंगे।

9. They that dwell in the wilderness shall kneel before him, and his enemies shall lick the dust.

10. तर्शीश और द्वीप द्वीप के राजा भेंट ले आएंगे, शेबा और सबा दोनों के राजा द्रव्य पहुंचाएंगे।
प्रकाशितवाक्य 21:26, मत्ती 2:11

10. The kings of the sea and of the isles shall bring presents, the kings of Araby and Saba shall offer gifts.

11. सब राजा उसको दण्डवत् करेंगे, जाति जाति के लोग उसके अधीन हो जाएंगे।।
प्रकाशितवाक्य 21:26

11. All kings shall worship him, all Heathen shall do him service.

12. क्योंकि वह दोहाई देनेवाले दरिद्र को, और दु:खी और असहाय मनुष्य का उद्धार करेगा।

12. For he shall deliver the poor when he crieth, and the needy that hath no help.

13. वह कंगाल और दरिद्र पर तरस खाएगा, और दरिद्रों के प्राणो को बचाएगा।

13. He shall be favorable to the simple and poor, he shall preserve the souls of such as be in adversity.

14. वह उनके प्राणों को अन्धेर और उपद्रव से छुड़ा लेगा; और उनका लोहू उसकी दृष्टि में अनमोल ठहरेगा।।
तीतुस 2:14

14. He shall deliver their souls from extortion and wrong, and dear shall their blood be in his sight.

15. वह तो जीवित रहेगा और शेबा के सोने में से उसको दिया जाएगा। लोग उसके लिये नित्य प्रार्थना करेंगे; और दिन भर उसको धन्य कहते हरेंगे।
मत्ती 2:11

15. He shall live, and unto him shall be given of the gold of Arabia: prayer shall be made ever unto him, and daily shall he be praised.

16. देश में पहाड़ों की चोटियों पर बहुत से अन्न होगा; जिसकी बालें लबानोन के देवदारूओं की नाईं झूमेंगी; और नगर के लोग घास की नाई लहलहाएंगे।

16. There shall be an heap of corn in the earth high upon the hills, his fruit shall shake like Libanus, and shall be green in the city, like grass upon the earth.

17. उसका नाम सदा सर्वदा बना रहेगा; जब तक सूर्य बना रहेगा, तब तक उसका नाम नित्य नया होता रहेगा, और लोग अपने को उसके कारण धन्य गिनेंगे, सारी जातियां उसको भाग्यवान कहेंगी।।

17. His name shall endure forever, his name shall remain under the sun among the posterities, which shall be blessed thorow him, and all the Heathen shall praise him.

18. धन्य है, यहोवा परमेश्वर जो इस्राएल का परमेश्वर है; आश्चर्य कर्म केवल वही करता है।
लूका 1:68

18. Blessed be the LORD God, even the God of Israel, which only doth wonderous things.

19. उसका महिमायुक्त नाम सर्वदा धन्य रहेगा; और सारी पृथ्वी उसकी महिमा से परिपूर्ण होगी। आमीन फिर आमीन।।

19. And blessed be the name of his majesty forever, and all the lands be fulfilled with his glory. Amen, Amen.

20. यिशै के पुत्रा दाऊद की प्रार्थना समाप्त हुई।।

20. Here end the prayers of David the son of Jesse.



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