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Updated Bible (2006)
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World English Bible
Wycliffe Bible (1395)
Young's Literal Translation (1898)
Cross Reference Bible
1. फिर एलीहू यों कहता गया;
1. And Elihu answered and said,
2. हे बुध्दिमानो ! मेरी बातें सुनो, और हे ज्ञानियो ! मेरी बातों पर कान लगाओ;
2. Hear my words, wise men; and give ear to me, you who have knowledge;
3. क्योंकि जैसे जीभ से चखा जाता है, वैसे ही वचन कान से परखे जाते हैं।
3. For the ear tries words, as the palate tastes food.
4. जो कुछ ठीक है, हम अपने लिये चुन लें; जो भला है, हम आपस में समझ बूझ लें।
4. Let us choose for ourselves what is right; let us know among ourselves what is good.
5. क्योंकि अरयूब ने कहा है, कि मैं निदष हूँ, और ईश्वर ने मेरा हक़ मार दिया है।
5. For Job has said, I am righteous; and God has taken away my right;
6. यद्यपि मैं सच्चाई पर हूं, तौभी झूठा ठहरता हूँ, मैं निरपराध हूँ, परन्तु मेरा घाव असाध्य है।
6. should I lie against my right? My wound cannot be cured; I am without rebellion.
7. अरयूब के तुल्य कौन शूरवीर है, जो ईश्वर की निन्दा पानी की नाई पीता है,
7. What man is like Job, who drinks up scorning like water;
8. जो अनर्थ करनेवालों का साथ देता, और दुष्ट मनुष्यों की संगति रखता है?
8. who goes in company with the workers of iniquity, and walks with wicked men?
9. उस ने तो कहा है, कि मनुष्य को इस से कुछ लाभ नहीं कि वह आनन्द से परमेश्वर की संगति रखे।
9. For he has said, It profits a man nothing when he is accepted with God.
10. इसलिऐ हे समझवालो ! मेरी सुनो, यह सम्भव नहीं कि ईश्वर दुष्टता का काम करे, और सर्वशकितमान बुराई करे।
10. Therefore listen to me, O man of heart; far be it from God to commit iniquity; and from the Almighty, to do wrong.
11. वह मनुष्य की करनी का फल देता है, और प्रत्येक को अपनी अपनी चाल का फल भुगताता है।
11. For He repays man's work, and causes him to find according to his ways.
12. निेसन्देह ईश्वर दुष्टता नहीं करता और न सर्वशक्तिमान अन्याय करता है।
12. Yes, surely God will not do wickedly, neither will the Almighty pervert justice.
13. किस ने पृथ्वी को उसके हाथ में सौंप दिया? वा किस ने सारे जगत का प्रबन्ध किया?
13. Who has given the earth as a deposit with Him? Or who has set the whole world in order?
14. यदि वह मनुष्य से अपना मन हटाये और अपना आत्मा और श्वास अपने ही में समेट ले,
14. If He sets His heart on man, if He gathers to Himself his spirit and his breath,
15. तो सब देहधारी एक संग नाश हो जाएंगे, और मनुष्य फिर मिट्टी में मिल जाएगा।
15. all flesh shall perish together, and man shall turn again to dust.
16. इसलिये इसको सुनकर समझ रख, और मेरी इन बातों पर कान लगा।
16. If now you have understanding, hear this; listen to the sound of my words.
17. जो न्याय का बैरी हो, क्या वह शासन करे? जो पूर्ण धम है, क्या तू उसे दुष्ट ठहराएगा?
17. Shall one who hates right govern? And will you condemn Him who is just and mighty?
18. वह राजा से कहता है कि तू नीच है; और प्रधानों से, कि तुम दुष्ट हो।
18. Who says to a king, O worthless one; and to nobles, O evil one?
19. ईश्वर तो हाकिमों का पक्ष नहीं करता और धनी और कंगाल दोनों को अपने बनाए हुए जानकर उन में कुछ भेद नहीं करता।याकूब 2:1
19. How much less to Him who does not lift up the face of rulers, nor regard the rich before the poor? For all of them are the work of His hands.
20. आधी रात को पल भर में वे मर जाते हैं, और प्रजा के लोग हिलाए जाते और जाते रहते हैं। और प्रतापी लोग बिना हाथ लगाए उठा लिए जाते हैं।
20. In a moment they die, and a people are shaken at midnight and pass away; and the mighty shall be taken away without a hand.
21. क्योंकि ईश्वर की आंखें मनुष्य की चालचलन पर लगी रहती हैं, और वह उसकी सारी चाल को देखता रहता है।
21. For His eyes are on the ways of man, and He sees all his steps.
22. ऐसा अन्धियारा वा घोर अन्धकार कहीं नहीं है जिस में अनर्थ करनेवाले छिप सकें।
22. There is no darkness, nor shadow of death to hide there the workers of iniquity.
23. क्योंकि उस ने मनुष्य का कुछ समय नहीं ठहराया ताकि वह ईश्वर के सम्मुख अदालत में जाए।
23. For He does not still impose on man to go before God in judgment.
24. वह बड़े बड़े बलवानों को बिना मुछपाछ के चूर चूर करता है, और उनके स्थान पर औरों को खड़ा कर देता है।
24. He shall break in pieces mighty men without number, and set others in their place.
25. इसलिये कि वह उनके कामों को भली भांति जानता है, वह उन्हें रात में ऐसा उलट देता है कि वे चूर चूर हो जाते हैं।
25. Therefore He knows their works, and He overturns in the night, so that they are destroyed.
26. वह उन्हें दुष्ट जानकर सभों के देखते मारता है,
26. He strikes them for evil deeds in the place of the watchers,
27. क्योंकि उन्हों ने उसके पीछे चलना छोड़ दिया है, और उसके किसी मार्ग पर चित्त न लगाया,
27. because thus they turned from following Him, and they did not consider all His ways;
28. यहां तक कि उनके कारण कंगालों की दोहाई उस तक पहुंची और उस ने दीन लोगों की दोहाई सुनी।
28. so as to cause the cry of the poor to come to Him, for He hears the cry of the afflicted.
29. जब वह चैन देता तो उसे कौन दोषी ठहरा सकता है? और जब वह मुंह फेर ले, तब कौन उसका दर्शन पा सकता है? जाति भर के साथ और अकेले मनुष्य, दोनों के साथ उसका बराबर व्यवहार है
29. And He gives quietness, who then can condemn? And when He hides His face, who can behold Him? And it may be against a nation and a man together;
30. ताकि भक्तिहीन राज्य करता न रहे, और प्रजा फन्दे में फंसाई न जाए।
30. from the reigning of ungodly men, from being snares for the people.
31. क्या किसी ने कभी ईश्वर से कहा, कि मैं ने दणड सहा, अब मैं भविष्य में बुराई न करूंगा,
31. For has any said to God, I have taken away; I will not pervert?
32. जो कुछ मुझे नहीं सूझ पड़ता, वह तू मुझे सिखा दे; और यदि मैं ने टेढ़ा काम किया हो, तो भविष्य में वैसा न करूंगा?
32. Besides what I see, You teach me; if I have done iniquity, I will do it no more.
33. क्या वह तेरे ही मन के अनुसार बदला पाए क्योंकि तू उस से अप्रसन्न है? क्योंकि तुझे निर्णय करना है, न कि मुझे; इस कारण जो कुछ तुझे समझ पड़ता है, वह कह दे।
33. Must He repay because you rejected it? For you must choose, and not I; therefore speak what you know.
34. सब ज्ञानी पुरूष वरन जितले बुध्दिमान मेरी सुनते हैं वे मुझ से कहेंगे, कि
34. Men of understanding will say to me, and a wise man who hears me will say,
35. अरयूब ज्ञान की बातें नहीं कहता, और न उसके वचन समझ के साथ होते हैं।
35. Job has spoken without knowledge, and his words were without wisdom.
36. भला होता, कि अरयूब अन्त तब परीक्षा में रहता, क्योंकि उस ने अनर्थियों के से उत्तर दिए हैं।
36. Would that Job may be tried to the end because his answers are like men of iniquity.
37. और वह अपने पाप में विरोध बढ़ाता है; ओर हमारे बीच ताली बजाता है, और ईश्वर के पिरूठ्ठ बहुत सी बातें बनाता है।
37. For he adds rebellion to his sins; he claps his hands among us, and multiplies his words against God.