17. और जिस जिस प्रान्त, और जिस जिस नगर में, जहां कहीं राजा की आज्ञा और नियम पहुंचे, वहां वहां यहूदियों को आनन्द और हर्ष हुआ, और उन्हों ने जेवनार करके उस दिन को खुशी का दिन माना। और उस देश के लोगों में से बहुत लोग यहूदी बन गए, क्योंकि उनके मन में यहूदियों का डर समा गया था।
17. raajuchesina theermaanamunu athani chattamunu vachina prathi sansthaanamandunu prathi pattanamandunu yoodulaku aanandamunu santhoosha munu kaligenu, adhi shubhadhinamani vinduchesikoniri. Mariyu dheshajanulalo yoodulayedala bhayamukaligenu kanuka anekulu yoodula mathamu avalambinchiri.