17. तब मैं ने उन से कहा, तुम तो आप देखते हो कि हम कैसी दुर्दशा में हैं, कि यरूशलेम उजाड़ पड़ा है और उसके फाटक जले हुए हैं। तो आओ, हम यरूशलेम की शहरपनाह को बनाएं, कि भविष्य में हमारी नामधराई न रहे।
17. So I said unto them, Ye, can see the misfortune that, we, are in, how that, Jerusalem, lieth waste, and, the gates thereof, are burned with fire: Come, and let us build the wall of Jerusalem, that we may remain, no longer, a reproach.