9. और क्या बछड़े ! क्या मेढ़े ! क्या मेम्ने ! स्वर्ग के परमेश्वर के होमबलियों के लिये जिस जिस वस्तु का उन्हें प्रयोजन हो, और जितना गेहूं, नमक, दाखमधु और तेल यरूशलेम के याजक कहें, वह सब उन्हें बिना भूल चूक प्रतिदिन दिया जाए,
9. And that which they shall haue neede of, let it be giuen vnto them day by day, whether it be yong bullockes, or rammes, or lambes for the burnt offrings of the God of heauen, wheate, salt, wine, and oyle, according to the appoyntment of the Priestes that are in Ierusalem, that there bee no fault,