2 Kings - 2 राजाओं 5 | View All

1. अराम के राजा का नामान नाम सेनापति अपने स्वामी की दृष्टि में बड़ा और प्रतिष्ठित पुम्ष था, क्योंकि यहोवा ने उसके द्वारा अरामियों को विजयी किया था, और यह शूरवीर था, परन्तु कोढ़ी था।
लूका 4:27

1. Naaman captain of the Host to the king of Siria, was great with his master and well taken: for thorow him the LORD saved Siria. And he was an active man, and yet a leper.

2. अरामी लोेग दल बान्धकर इस्राएल के देश में जाकर वहां से एक छोटी लड़की बन्धुवाई में ले आए थे और वह नामान की पत्नी की सेवा करती थी।

2. And there had gone a company of Soldiers out of Siria a running, and had brought out of the country of Israel a little maid, which was with Naaman's wife.

3. उस ने अपनी स्वामिन से कहा, जो मेरा स्वामी शोमरोन के भविष्यद्वक्ता के पास होता, तो क्या ही अच्छा होता ! क्योंकि वह उसको कोढ़ से चंगा कर देता।

3. And the Damsel said unto her lady: I would my master were with a prophet that is in Samaria: he would deliver him of his leprosy.

4. तो किसी ने उसके प्रभु के पास जाकर कह दिया, कि इस्राएली लड़की इस प्रकार कहती है।

4. And she went and told her husband saying: thus and thus sayeth the maid that is out of the land of Israel.

5. अराम के राजा ने कहा, तू जा, मैं इस्राएल के राजा के पास एक पत्रा भेजूंगा; तब वह दस किक्कार चान्दी और छेहजार टुकड़े सोना, और दस जोड़े कपड़े साथ लेकर रवाना हो गया।

5. And the king of Siria said: go thy way, and I will send a letter unto the king of Israel. And he went and took with him ten talents of silver and six thousand pieces of gold, and ten changes of raiments.

6. और वह इस्राएल के राजा के पास वह पत्रा ले गया जिस में यह लिखा था, कि जब यह पत्रा तुझे मिले, तब जानना कि मैं ने नामान नाम अपने एक कर्मचारी को तेरे पास इसलिये भेजा है, कि तू उसका कोढ़ दूर कर दे।

6. And he brought the letter to the king of Israel containing this tenor: Now when this letter is come up to thee: Behold I have sent Naaman my servant to thee, that thou shouldest rid him of his leprosy.

7. इस पत्रा के पढ़ने पर इस्राएल का राजा अपने वस्त्रा फाड़कर बोला, क्या मैं मारनेवाला और जिलानेवाला परमेश्वर हूँ कि उस पुरूष ने मेरे पास किसी को इसलिये भेजा है कि मैं उसका कोढ दूर करूं? सोच विचार तो करो, वह मुझ से झगड़े का कारण ढूंढ़ता होगा।

7. And when the king of Israel had read the letter, he rent his clothes and said: am I God, to slay and to make alive, that he should send to me, for to deliver a man from his leprosy. But consider I pray you, and see, how he picketh quarrels with me.

8. यह सुनकर कि इस्राएल के राजा ने अपने वस्त्रा फाड़े हैं, परमेश्वर के भक्त एलीशा ने राजा के पास कहला भेजा, तू ने क्यों अपने वस्त्रा फाड़ेे हैं? वह मेरे पास आए, तब जान लेगा, कि इस्राएल में भविष्यद्वक्ता तो है।

8. And when Eliseus the man of God, heard how that the king of Israel had rent his clothes, he sent to the king saying: wherefore hast thou rent thy clothes? let him come to me, that he may know that there is a prophet in Israel.

9. तब नामान धोड़ों और रथों समेत एलीशा के द्वार पर आकर खड़ा हुआ।

9. And Naaman came with his horses and his chariot, and stood at the door of Eliseus.

10. तब एलीशा ने एक दूत से उसके पास यह कहला भेजा, कि तू जाकर यरदन में सात बार डुबकी मार, तब तेरा शरीर ज्यों का त्यों हो जाएगा, और तू शुठ्ठ होगा।
यूहन्ना 9:7

10. Then Eliseus sent a messenger saying: go and wash thee in Jordan seven times, and thy flesh shall come again to thee as before, and thou shalt be clean.

11. परन्तु नामान क्रोधित हो यह कहता हुआ चला गया, कि मैं ने तो सोचा था, कि अवश्य वह मेरे पास बाहर आएगा, और खड़ा होकर अपने परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना करके कोढ़ के स्थान पर अपना हाथ फेरकर कोढ़ को दूर करेगा !

11. And Naaman was wroth and went away, and said: Behold, I thought in myself, he would have come out, and stand and call on the name of the LORD his God, and put his hand on the place of the disease, and so take away the leprosy.

12. क्या दमिश्क की अबाना और पर्पर नदियां इस्राएल के सब जलाशयों से अत्तम नहीं हैं? क्या मैं उन में स्नान करके शुठ्ठ नहीं हो सकता हूँ? इसलिये वह जलजलाहट से भरा हुआ लौटकर चला गया।

12. Are not Abanah and Pharphar, rivers of Damasco, better than all the waters of Israel? Might I not rather wash in them and be clean? And so he turned and departed in an anger.

13. तब उसके सेवक पास आकर कहने लगे, हे हमारे पिता यदि भविष्यद्वक्ता तुझे कोई भारी काम करने की आज्ञा देता, तो क्या तू उसे न करता? फिर जब वह कहता है, कि स्नान करके शुठ्ठ हो जा, तो कितना अधिक इसे मानना चाहिये।

13. Then came his servants and communed with him and said: Father if the prophet had bid thee done some great thing, oughtest thou not to have done it? How much rather then shouldest thou do it, while he sayeth to thee only, wash and be clean.

14. तब उस ने परमेश्वर के भक्त के वचन के अनुसार यरदन को जाकर उस में सात बार डुबकी मारी, और उसका शरीर छोटे लड़के का सा हो गया; और वह शुठ्ठ हो गया।

14. Then he went down and washed seven times in Jordan, as the man of God bade, and his flesh changed, like unto the flesh of a little boy, and he was clean.

15. तब वह अपने सब दल बल समेत परमेश्वर के भक्त के यहां लौट आया, और उसके सम्मुख खड़ा होकर कहने लगा सुन, अब मैं ने जान लिया है, कि समस्त पृथ्वी में इस्राएल को छोड़ और कहीं परमेश्वर नहीं है। इसलिये अब अपने दास की भेंट ग्रहण कर।

15. Then he turned again to the man of God and all his company with him, and came and stood before him and said: Behold I know that there is no God in all the world, but in Israel. And now I pray thee take a blessing of thy servant.

16. एलीशा ने कहा, यहोवा जिसके सम्मुख मैं उपस्थित रहता हूँ उसके जीवन की शपथ मैं कुछ भेंट न लूंगा, और जब उस ने उसको बहुत विवश किया कि भेंट को ग्रहण करे, तब भी वह इनकार ही करता रहा।

16. But he said as surely as the LORD liveth before whom I stand, I will receive none. And the other would have constrained him to receive: but he would not do it.

17. तब नामान ने कहा, अच्छा, तो तेरे दास को दो खच्चर मिट्टी मिले, क्योंकि आगे को तेरा दास यहोवा को छोड़ और किसी ईश्वर को होमबलि वा मेलबलि न चढ़ाएगा।

17. And Naaman said, if thou wilt not: yet I pray thee, may there not be given to thy servant the burthen of two mules of earth. For thy servant will henceforth offer neither burnt sacrifice nor offering unto any other God, than to the LORD.

18. एक बात तो यहोवा तेरे दास के लिये क्षमा करे, कि जब मेरा स्वामी रिम्मोन के भवन में दणडवत करने को जाए, और वह मेरे हाथ का सहारा ले, और यों मुझे भी रिम्मोन के भवन में दणडवत करनी पड़े, तब यहोवा तेरे दास का यह काम क्षमा करे कि मैं रिम्मोन के भवन में दणडवत करूं।

18. But herein the LORD(Lord) be merciful to thy servant, for when my master goeth into the house of Remon to worship there, he leaneth on mine hand, and I must worship in the house of Remon, let the LORD(Lorde) I pray thee be merciful unto thy servant in this case.

19. उस ने उस से कहा, कुशल से बिदा हो।
मरकुस 5:34

19. And he said to him: go in peace. And when he was departed from him a furlong of ground,

20. वह उसके यहां से थोड़ी दूर जला गया था, कि परमेश्वर के भक्त एलीशा का सेवक गेहजी सोचने लगा, कि मेरे स्वामी ने तो उस अरामी नामान को ऐसा ही छोड़ दिया है कि जो वह ले आया था उसको उस ने न लिया, परन्तु यहोवा के जीवन की शपथ मैं उसके पीछे दौड़कर उस से कुछ न कुछ ले लूंगा।

20. Gihezi the servant of Eliseus the man of God, said: see, my master hath kept off, this Sirian Naaman that he would not receive of his hand that he offered. As surely as the LORD liveth I will run after him and take somewhat.

21. तब गेहजी नामान के पीछे दौड़ा, और नामान किसी को अपने पीछे दौड़ता हूआ देखकर, उस से मिलने को रथ से उतर पड़ा, और पूछा, सब कुशल क्षेम तो है?

21. And so Gihezi went after Naaman. And when Naaman saw him coming after him, he came down off the chariot against him, and said: is all well?

22. उस ने कहा, हां, सब कुशल है; परन्तु मेरे स्वामी ने मुझे यह कहने को भेजा है, कि एप्रैम के पहाड़ी देश से भविष्यद्वक्ताओं के चेलों में से दो जवान मेरे यहां अभी आए हैं, इसदिये उनके लिये एक किक्कार चान्दी और दो जोड़े वस्त्रा दे।

22. And he said yea. But my master hath sent me saying: see, there be two young men come to me out of Ephraim of the children of the prophets: give them I pray thee, one talent of silver and a couple of good garments.

23. नामान ने कहा, दो किक्कार लेने को प्रसन्न हो, तब उस ने उस से बहुत बिनती करके दो किक्कार खन्दी अलग थैलियों में बान्धकर, दो जोड़े वस्त्रा समेत अपने दो सेवकों पर लाद दिया, और वे उन्हें उसके आगे आगे ले चले।

23. And Naaman said: adventure and take two talents of silver in two bags, with two goodly garments: and delivered them unto two of his servants, to bear it before him.

24. जब वह टीले के पास पहुंचा, तब उस ने उन वस्तुओं को उन से लेकर घर में रख दिया, और उन मनुष्यों को बिदा किया, और वे चले गए।

24. And he went in the dark and took it of their hands and bestowed it in the house, and let the men go, and they departed.

25. और वह भीतर जाकर, अपने स्वामी के साम्हने खड़ा हुआ। एलीशा ने उस से पूछा, हे गेहजी तू कहां से आता है? उस ने कहा, तेरा दास तो कहीं नहीं गया,

25. Then he went and stood before his master. And Eliseus said to him: whence cometh Gihezi? And he said: thy servant went no whither.

26. उस ने उस से कहा, जब वह पुरूष इधर मुंह फेरकर तुझ से मिलने को अपने रथ पर से उतरा, तब वह पूरा हाल मुझे मालूम था; क्या यह समय चान्दी वा वस्त्रा वा जलपाई वा दाख की बारियां, भेड़- बकरियां, गायबैल और दास- दासी लेने का है?

26. And he said: went not mine heart with thee, when the man turned and came of his chariot against thee? Is it a time to receive silver and to receive garments, olive trees, vineyards, oxen, sheep, menservants and maidservants?

27. इस कारण से नामान का कोढ़ तुझे और तेरे वंश को सदा लगा रहेगा। तब वह हिम सा श्वेत कोढ़ी होकर उसके साम्हने से चला गया।

27. The leprosy therefore of Naaman cleave unto thee, and unto thy seed for ever. And he went out from him a leper as white as snow.



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