15. जब वह वहां से चला, तब रेकाब का पुत्रा यहोनादाब साम्हने से आता हुआ उसको मिला। उसका कशल उस ने पूछकर कहा, मेरा मन तो तेरी ओर निष्कपट है सो क्या तेरा मन भी वैसा ही है? यहोनादाब ने कहा, हां, ऐसा ही है। फिर उस ने कहा, ऐसा हो, तो अपना हाथ मुझे दे। उस ने अपना हाथ उसे दिया, और वह यह कहकर उसे अपने पास रथ पर चढ़ाने लगा,
15. And when he had departed from there, he met Jehonadab, the son of Rechab; and after he saluted him, he said to him, Is thy heart right as my heart [is] with thy heart? And Jehonadab answered, It is. If it is, give [me] thy hand. And he gave [him] his hand, and he took him up to him into the chariot.