1 Kings - 1 राजाओं 10 | View All

1. जब शीबा की रानी ने यहोवा के नाम के विषय सुलैमान की की त्त सुनी, तब वह कठिन कठिन प्रश्नों से उसकी परीक्षा करने को चल पड़ी।
मत्ती 6:29

1. When the queen of Sheba heard about Solomon, she came to test him with hard questions.

2. वह तो बहुत भारी दल, और मसालों, और बहुत सोने, और मणि से लदे ऊंट साथ लिये हुए यरूशलेम को आई; और सुलैमान के पास पहुंचकर अपने मन की सब बातों के विषय में उस से बातें करने लगी।

2. She traveled to Jerusalem with a large group of servants and camels carrying spices, jewels, and much gold. When she came to Solomon, she talked with him about all she had in mind,

3. सुलैमान ने उसके सब प्रश्नों का उत्तर दिया, कोई बात राजा की बुध्दि से ऐसी बाहर न रही कि वह उसको न बता सका।

3. and Solomon answered all her questions. Nothing was too hard for him to explain to her.

4. जब शीबा की रानी ने सुलैमान की सब बुध्दिमानी और उसका बनाया हुआ भवन, और उसकी मेज पर का भोजन देखा,
लूका 12:27

4. The queen of Sheba learned that Solomon was very wise. She saw the palace he had built,

5. और उसके कर्मचारी किस रीति बैठते, और उसके टहंलुए किस रीति खड़े रहते, और कैसे कैसे कपड़े पहिने रहते हैं, और उसके पिलानेवाले कैसे हैं, और वह कैसी चढ़ाई है, जिस से वह यहोवा के भवन को जाया करता है, यह सब जब उस ने देखा, तब वह चकित हो गई।

5. the food on his table, his many officers, the palace servants, and their good clothes. She saw the servants who served him at feasts and the whole burnt offerings he made in the Temple of the Lord. All these things amazed her.

6. तब उस ने राजा से कहा, तेरे कामों और बुध्दिमानी की जो की त्त मैं ने अपने देश में सुनी थी वह सच ही है।

6. So she said to King Solomon, 'What I heard in my own country about your achievements and wisdom is true.

7. परन्तु जब तक मैं ने आप ही आकर अपनी आंखों से यह न देखा, तब तक मैं ने उन बातों की प्रतीत न की, परन्तु इसका आधा भी मुझे न बताया गया था; तेरी बुध्दिमानी और कल्याण उस की त्त से भी बढ़कर है, जो मैं ने सुनी थी।

7. I could not believe it then, but now I have come and seen it with my own eyes. I was not told even half of it! Your wisdom and wealth are much greater than I had heard.

8. धन्य हैं तेरे जन ! धन्य हैं तेरे ये सेवक ! जो नित्य तेरे सम्मुख उपस्थित रहकर तेरी बुध्दि की बातें सुनते हैं।

8. Your men and officers are very lucky, because in always serving you, they are able to hear your wisdom.

9. धन्य है तेरा परमेश्वर यहोवा ! जो तुझ से ऐसा प्रसन्न हुआ कि तुझे इस्राएल की राजगद्दी पर विराजमान किया : यहोवा इस्राएल से सदा प्रेम रखता है, इस कारण उस ने तुझे न्याय और धर्म करने को राजा बना दिया है।

9. Praise the Lord your God, who was pleased to make you king of Israel. The Lord has constant love for Israel, so he made you king to keep justice and to rule fairly.'

10. और उस ने राजा को एक सौ बीस किक्कार सोना, बहुत सा सुगन्ध द्ररय, और मणि दिया; जितना सुगन्ध द्ररय शीबा की रानी ने राजा सुलैमान को दिया, उतना फिर कभी नहीं आया।

10. Then she gave the king about nine thousand pounds of gold and many spices and jewels. No one since that time has brought more spices than the queen of Sheba gave to King Solomon.

11. फिर हीराम के जहाज भी जो ओपीर से सोना लाते थे, वह बहुत सी चन्दन की लकड़ी और मणि भी लाए।

11. (Hiram's ships brought gold from Ophir, as well as much juniper wood and jewels.

12. और राजा ने चन्दन की लकड़ी से यहोवा के भवन और राजभवन के लिये जंगले और गवैयों के लिये वीणा और सारंगियां बनवाई ; ऐसी चन्दन की लकड़ी आज तक फिर नहीं आई, और न दिखाई पड़ी है।

12. Solomon used the juniper wood to build supports for the Temple of the Lord and the palace, and to make harps and lyres for the musicians. Such fine juniper wood has not been brought in or been seen since that time.)

13. और शीबा की रानी ने जो कुछ चाहा, वही राजा सुलैमान ने उसकी इच्छा के अनुसार उसको दिया, फिर राजा सुलैमान ने उसको अपनी उदारता से बहुत कुछ दिया, तब वह अपने जनों समेत अपने देश को लौट गई।

13. King Solomon gave the queen of Sheba everything she wanted and asked for, in addition to what he had already given her of his wealth. Then she and her servants returned to her own country.

14. जो सोना प्रति वर्ष सुलैमान के पास पहुंचा करता था, उसका तौल छेसौ छियासठ किक्कार था।

14. Every year King Solomon received about fifty thousand pounds of gold.

15. इस से अधिक सौदागरों से, और रयोपारियों के लेन देन से, और दोगली जातियों के सब राजाओं, और अपने देश के गवर्नरो से भी बहुत कुछ मिलता था।

15. Besides that, he also received gold from the traders and merchants, as well as from the kings of Arabia and governors of the land.

16. और राजा सुलैमान ने सोना गढ़बाकर दो सौ बड़ी बड़ी ढालें बनवाई; एक एक ढाल में छे छे सौ शेकेल सोना लगा।

16. King Solomon made two hundred large shields of hammered gold, each of which contained about seven and one-half pounds of gold.

17. फिर उस ने सोना गढ़वाकर तीन सौ छोटी ढालें भी बनवाई; एक एक छोटी ढाल में, तीन माने सोना लगा; और राजा ने उनको लबानोनी वन नाम भवन में रखवा दिया।

17. He also made three hundred smaller shields of hammered gold, each of which contained about four pounds of gold. The king put them in the Palace of the Forest of Lebanon.

18. और राजा ने हाथीदांत का एक बड़ा सिंहासन बनवाया, और उत्तम कुन्दन से मढ़वाया।

18. The king built a large throne of ivory and covered it with fine gold.

19. उस सिंहासन में छे सीढ़ियां थीं; और सिंहासन का सिरहाना पिछाड़ी की ओर गोल था, और बैठने के स्थान की दोनों अलग टेक लगी थीं, और दोनों टेकों के पास एक एक सिंह खड़ा हुआ बना था।

19. The throne had six steps on it, and its back was round at the top. There were armrests on both sides of the chair, and each armrest had a lion beside it.

20. और छहों सीढ़ियों की दोनों अलंग एक एक सिंह खड़ा हुआ बना था, कुल बारह हुए। किसी राज्य में ऐसा कभी नहीं बना;

20. Twelve lions stood on the six steps, one lion at each end of each step. Nothing like this had ever been made for any other kingdom.

21. और राजा सुलैमान के पीने के सब पात्रा सोने के बने थे, और लबानोनी बन नाम भवन के सब पात्रा भी चोखे सोने के थे, चांदी का कोई भी न था। सुलैमान के दिनों में उसका कुछ लेखा न था।

21. All of Solomon's drinking cups, as well as the dishes in the Palace of the Forest of Lebanon, were made of pure gold. Nothing was made from silver, because silver was not valuable in Solomon's time.

22. क्योंकि समुद्र पर हीराम के जहाजों के साथ राजा भी तश श के जहाज़ रखता था, ओर तीन तीन वर्ष पर तश श के जहाज़ सोना, चांदी, हाथीदांत, बन्दर और मयूर ले आते थे।

22. King Solomon also had many trading ships at sea, along with Hiram's ships. Every three years the ships returned, bringing back gold, silver, ivory, apes, and baboons.

23. इस प्रकार राजा सुलैमान, धन और बुध्दि में पृथ्वी के सब राजाओं से बढ़कर हो गया।

23. So Solomon had more riches and wisdom than all the other kings on earth.

24. और समस्त पृथ्वी के लोग उसकी बुध्दि की बातें सुनने को जो परमेश्वर ने मन में उत्पन्न की थीं, सुलैमान का दर्शन पाना चाहते थे।

24. People everywhere wanted to see King Solomon and listen to the wisdom God had given him.

25. और वे प्रति वर्ष अपनी अपनी भेंट, अर्थात् चांदी और सोने के पात्रा, वस्त्रा, शस्त्रा, सुगन्ध द्ररय, घोड़े, और खच्चर ले आते थे।

25. Every year those who came brought gifts of silver and gold, clothes, weapons, spices, horses, and mules.

26. और सुलैमान ने रथ और सवार इकट्ठे कर लिए, तो उसके चौदह सौ रथ, और बारह हजार सवार हुए, और उनको उस ने रथों के नगरों में, और यरूशलेम में राजा के पास ठहरा रखा।

26. Solomon had fourteen hundred chariots and twelve thousand horses. He kept some in special cities for the chariots, and others he kept with him in Jerusalem.

27. और राजा ने बहुतायत के कारण, यरूशलेम में चांदी को तो ऐसा कर दिया जैसे पत्थर और देवदारू को जैसे नीचे के देश के गूलर।

27. In Jerusalem Solomon made silver as common as stones and cedar trees as common as the fig trees on the western hills.

28. और जो घोड़े सुलैमान रखता था, वे मिस्र से आते थे, और राजा के व्योपारी उन्हें झुणड झुणड करके ठहराए हुए दाम पर लिया करते थे।

28. He imported horses from Egypt and Kue. His traders bought them in Kue.

29. एक रथ तो छे सौ शेकेल चांदी पर, और एक घोड़ा डेढ़ सौ शेकेल पर, मिस्र से आता था, और इसी दाम पर वे हित्तियों और अराम के सब राजाओं के लिये भी व्योपारियों के द्वारा आते थे।

29. A chariot from Egypt cost about fifteen pounds of silver, and a horse cost nearly four pounds of silver. Solomon's traders also sold horses and chariots to all the kings of the Hittites and the Arameans.



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