Genesis - उत्पत्ति 45 | View All

1. तब यूसुफ उन सब के साम्हने, जो उसके आस पास खड़े थे, अपने को और रोक न सका; और पुकार के कहा, मेरे आस पास से सब लोगों को बाहर कर दो। भाइयों के साम्हने अपने को प्रगट करने के समय यूसुफ के संग और कोई न रहा।
प्रेरितों के काम 7:13

1. Joseph could stand it no longer. There were many people in the room, and he said to his attendants, 'Out, all of you!' So he was alone with his brothers when he told them who he was.

2. तब वह चिल्ला चिल्लाकर रोने लगा : और मिस्त्रियों ने सुना, और फिरौन के घर के लोगों को भी इसका समाचार मिला।

2. Then he broke down and wept. He wept so loudly the Egyptians could hear him, and word of it quickly carried to Pharaoh's palace.

3. तब यूसुफ अपने भाइयों से कहने लगा, मैं यूसुफ हूं, क्या मेरा पिता अब तब जीवित है ? इसका उत्तर उसके भाई न दे सके; क्योंकि वे उसके साम्हने घबरा गए थे।
प्रेरितों के काम 7:13

3. 'I am Joseph!' he said to his brothers. 'Is my father still alive?' But his brothers were speechless! They were stunned to realize that Joseph was standing there in front of them.

4. फिर यूसुफ ने अपने भाइयों से कहा, मेरे निकट आओ। यह सुनकर वे निकट गए। फिर उस ने कहा, मैं तुम्हारा भाई यूसुफ हूं, जिसको तुम ने मि आनेहारों के हाथ बेच डाला था।
प्रेरितों के काम 7:9

4. 'Please, come closer,' he said to them. So they came closer. And he said again, 'I am Joseph, your brother, whom you sold into slavery in Egypt.

5. अब तुम लोग मत पछताओ, और तुम ने जो मुझे यहां बेच डाला, इस से उदास मत हो; क्योंकि परमेश्वर ने तुम्हारे प्राणों को बचाने के लिये मुझे आगे से भेज दिया है।
प्रेरितों के काम 7:15

5. But don't be upset, and don't be angry with yourselves for selling me to this place. It was God who sent me here ahead of you to preserve your lives.

6. क्योंकि अब दो वर्ष से इस देश में अकाल है; और अब पांच वर्ष और ऐसे ही होंगे, कि उन में न तो हल चलेगा और न अन्न काटा जाएगा।
प्रेरितों के काम 7:15

6. This famine that has ravaged the land for two years will last five more years, and there will be neither plowing nor harvesting.

7. सो परमेश्वर ने मुझे तुम्हारे आगे इसी लिये भेजा, कि तुम पृथ्वी पर जीवित रहो, और तुम्हारे प्राणों के बचने से तुम्हारा वंश बढ़े।

7. God has sent me ahead of you to keep you and your families alive and to preserve many survivors.

8. इस रीति अब मुझ को यहां पर भेजनेवाले तुम नहीं, परमेश्वर ही ठहरा: और उसी ने मुझे फिरौन का पिता सा, और उसके सारे घर का स्वामी, और सारे मि देश का प्रभु ठहरा दिया है।

8. So it was God who sent me here, not you! And he is the one who made me an adviser to Pharaoh-- the manager of his entire palace and the governor of all Egypt.

9. सो शीघ्र मेरे पिता के पास जाकर कहो, तेरा पुत्रा यूसुफ इस प्रकार कहता है, कि परमेश्वर ने मुझे सारे मि का स्वामी ठहराया है; इसलिये तू मेरे पास बिना विलम्ब किए चला आ।
प्रेरितों के काम 7:14

9. 'Now hurry back to my father and tell him, 'This is what your son Joseph says: God has made me master over all the land of Egypt. So come down to me immediately!

10. और तेरा निवास गोशेन देश में होगा, और तू, बेटे, पोतों, भेड़- बकरियों, गाय- बैलों, और अपने सब कुछ समेत मेरे निकट रहेगा।

10. You can live in the region of Goshen, where you can be near me with all your children and grandchildren, your flocks and herds, and everything you own.

11. और अकाल के जो पांच वर्ष और होंगे, उन में मै वहीं तेरा पालन पोषण करूंगा; ऐसा न हो कि तू, और तेरा घराना, वरन जितने तेरे हैं, सो भूखों मरें।

11. I will take care of you there, for there are still five years of famine ahead of us. Otherwise you, your household, and all your animals will starve.''

12. और तुम अपनी आंखों से देखते हो, और मेरा भाई बिन्यामीन भी अपनी आंखों से देखता है, कि जो हम से बातें कर रहा है सो यूसुफ है।

12. Then Joseph added, 'Look! You can see for yourselves, and so can my brother Benjamin, that I really am Joseph!

13. और तुम मेरे सब विभव का, जो मि में है और जो कुछ तुम ने देखा है, उस सब को मेरे पिता से वर्णन करना; और तुरन्त मेरे पिता को यहां ले आना।

13. Go tell my father of my honored position here in Egypt. Describe for him everything you have seen, and then bring my father here quickly.'

14. और वह अपने भाई बिन्यामीन के गले से लिपटकर रोया; और बिन्यामीन भी उसके गले से लिपटकर रोया।

14. Weeping with joy, he embraced Benjamin, and Benjamin did the same.

15. तब वह अपने सब भाइयों को चूमकर उन से मिलकर रोया : और इसके पश्चात् उसके भाई उस से बातें करने लगे।।

15. Then Joseph kissed each of his brothers and wept over them, and after that they began talking freely with him.

16. इस बात की चर्चा, कि यूसुफ के भाई आए हैं, फिरौन के भवन तब पंहुच गई, और इस से फिरौन और उसके कर्मचारी प्रसन्न हुए।
प्रेरितों के काम 7:13

16. The news soon reached Pharaoh's palace: 'Joseph's brothers have arrived!' Pharaoh and his officials were all delighted to hear this.

17. सो फिरौन ने यूसुफ से कहा, अपने भाइयों से कह, कि एक काम करो, अपने पशुओं को लादकर कनान देश में चले जाओ।

17. Pharaoh said to Joseph, 'Tell your brothers, 'This is what you must do: Load your pack animals, and hurry back to the land of Canaan.

18. और अपने पिता और अपने अपने घर के लोगों को लेकर मेरे पास आओ; और मि देश में जो कुछ अच्छे से अच्छा है वह मैं तुम्हें दूंगा, और तुम्हें देश के उत्तम से उत्तम पदार्थ खाने को मिलेंगे।
प्रेरितों के काम 7:14

18. Then get your father and all of your families, and return here to me. I will give you the very best land in Egypt, and you will eat from the best that the land produces.''

19. और तुझे आज्ञा मिली है, तुम एक काम करो, कि मि देश से अपने बालबच्चों और स्त्रियों के लिये गाड़ियों ले जाओ, और अपने पिता को ले आओ।
प्रेरितों के काम 7:14

19. Then Pharaoh said to Joseph, 'Tell your brothers, 'Take wagons from the land of Egypt to carry your little children and your wives, and bring your father here.

20. और अपनी सामग्री का मोह न करना; क्योंकि सारे मि देश में जो कुछ अच्छे से अच्छा है सो तुम्हारा है।

20. Don't worry about your personal belongings, for the best of all the land of Egypt is yours.''

21. और इस्राएल के पुत्रों ने वैसा ही किया। और यूसुफ ने फिरौन की मानके उन्हें गाड़ियों दी, और मार्ग के लिये सीधा भी दिया।

21. So the sons of Jacob did as they were told. Joseph provided them with wagons, as Pharaoh had commanded, and he gave them supplies for the journey.

22. उन में से एक एक जन को तो उस ने एक एक जोड़ा वस्त्रा भी दिया; और बिन्यामीन को तीन सौ रूपे के टुकडे और पांच जोड़े वस्त्रा दिए।

22. And he gave each of them new clothes-- but to Benjamin he gave five changes of clothes and 300 pieces of silver.

23. और अपने पिता के पास उस ने जो भेजा वह यह है, अर्थात् मि की अच्छी वस्तुओं से लदे हुए दस गदहे, और अन्न और रोटी और उसके पिता के मार्ग के लिये भोजनवस्तु से लदी हुई दस गदहियां।

23. He also sent his father ten male donkeys loaded with the finest products of Egypt, and ten female donkeys loaded with grain and bread and other supplies he would need on his journey.

24. और उस ने अपने भाइयों को विदा किया, और वे चल दिए; और उस ने उन से कहा, मार्ग में कहीं झगड़ा न करना।

24. So Joseph sent his brothers off, and as they left, he called after them, 'Don't quarrel about all this along the way!'

25. मि से चलकर वे कनान देश में अपने पिता याकूब के पास पहुचे।

25. And they left Egypt and returned to their father, Jacob, in the land of Canaan.

26. और उस से यह वर्णन किया, कि यूसुफ अब तक जीवित है, और सारे मि देश पर प्रभुता वही करता है। पर उस ने उनकी प्रतीति न की, और वह अपने आपे में न रहा।

26. Joseph is still alive!' they told him. 'And he is governor of all the land of Egypt!' Jacob was stunned at the news-- he couldn't believe it.

27. तब उन्हों ने अपने पिता याकूब से यूसुफ की सारी बातें, जो उस ने उन से कहीं थी, कह दीं; जब उस ने उन गाड़ियों को देखा, जो यूसुफ ने उसके ले आने के लिये भेजीं थीं, तब उसका चित्त स्थिर हो गया।

27. But when they repeated to Jacob everything Joseph had told them, and when he saw the wagons Joseph had sent to carry him, their father's spirits revived.

28. और इस्राएल ने कहा, बस, मेरा पुत्रा यूसुफ अब तक जीवित है : मैं अपनी मृत्यु से पहिले जाकर उसको देखंूगा।।

28. Then Jacob exclaimed, 'It must be true! My son Joseph is alive! I must go and see him before I die.'



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