9. इस के बाद मैं ने दृष्टि की, और देखो, हर एक जाति, और कुल, और लोग और भाषा में से एक ऐसी बड़ी भीड़, जिसे कोई गिन नहीं सकता था श्वेत वस्त्रा पहिने, और अपने हाथों में खजूर की डालियां लिये हुए सिंहासन के साम्हने और मेम्ने के साम्हने खड़ी है।
9. After these things, I saw, and 1o! a great multitude, which, to number it! no one was able, of every nation, and of all tribes, and peoples, and tongues; standing before the throne, and before the Lamb; arrayed in white robes, and palm-branches in their hands;